कैसे की मैंने दोस्त की मम्मी की चूत की चुदाई-1

(Kaise Ki Maine dost Ki Mummi Ki Choot Ki Chudai Part-1)

बदनाम 2017-03-22 Comments

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दोस्तो, मेरा नाम रोहित है.. मैं नई दिल्ली का रहने वाला हूँ।

यह सेक्स कहानी सोनू की मम्मी की चुदाई की है, इसमें पढ़ें कि मैंने सोनू की मम्मी को उसी के सामने कैसे पटाया और चोदा भी!
सोनू मेरे ही मोहल्ले में रहता है.. लेकिन मुझसे 3-4 साल छोटा है।

बात उस समय की है, जब सोनू में जवानी फूट ही रही थी और मैं एक 22 साल का गबरू जवान था। मैं एक लंबा-चौड़ा मुस्टण्डे सांड की तरह गठीले शरीर का लड़का हूँ.. मेरी लंबाई 6 फुट से कुछ ज्यादा है।

हुआ यूँ कि एक दिन मैं अकेला अपने कमरे में लैपटॉप पर पोर्न मूवी देख रहा था कि तभी सोनू मेरे पास आया और बोला- भैया कुछ नई मूवीज हों तो दे दो।

वो मेरे बाजू में बैठ गया और मैंने जल्दी से पोर्न मूवी हटा दी और लैपटॉप में मूवी ढूँढने लगा।

उसने शायद पोर्न मूवी की झलक देख ली थी, इसलिए वो मुझसे बोला- भैया अभी आप पोर्न देख रहे थे ना?
मैं झिझकते हुए बोला- हाँ.. लेकिन तुझे कैसे पता!
पहले तो बोला- मैंने हल्की सी झलक देख ली थी और आपका वो भी खड़ा है।

यह कह कर वो शर्मा गया.. मुझे शक़ हुआ कि कहीं ये लड़का गांडू तो नहीं है।
मैंने बात आगे बढ़ाते हुए उससे कहा- क्यों पोर्न देख कर तुम्हारा लंड खड़ा नहीं होता क्या?
वो बोला- होता है ना!
तो मैंने बोला- फिर आ जाओ.. साथ में पोर्न देख कर मुठ मारते हैं।
वो शर्मा रहा था, लेकिन मैं समझ रहा था कि उसका बहुत मन है।

मैंने एक फिल्म चला दी और धीरे-धीरे माहौल बनने लगा.. तो मैंने अपना लंड ऊपर से ही मसलना शुरू कर दिया। मेरे लंड मसलते ही वो बहुत ध्यान से मेरे लंड की तरफ देख रहा था।

यह देख कर मैंने पूछ लिया- इतना क्या देख रहा है? आज से पहले किसी का लंड नहीं देखा क्या?
वो मायूसी से बोला- नहीं भैया!
मुझसे हँसी आ गई और मैं बोला- चलो आज तुम्हें दिखाते हैं कि जवान मर्द का लंड कैसा होता है।

अब मैंने अपना पजामा नीचे करके अपना खड़ा लंड बाहर निकाल दिया।

मेरा मूसल लंड देख कर उसका मुँह खुला का खुला रह गया। फिर उसको लंड दिखाते हुए उसे अपना लंड पकड़ा दिया और थोड़ी देर बाद किसी तरह उसको उकसा कर लंड चुसा भी दिया।

अब सोनू मेरा गुलाम हो चला था। हफ्ते में एक-दो बार वो मेरे साथ पोर्न देखता था और मेरे लंड की मुट्ठ मारता था। उसके पास एक छोटी से लुल्ली थी।

एक दिन में उसे चिढ़ा रहा था.. तभी उसने बोला- सबका आपके जितना बड़ा नहीं होता।
उसकी इस बात पर मैंने उससे पूछा- और किसका देख लिया तूने?
तो वो शर्मा गया.. मेरे ज़ोर देने पर बोला- पापा का!

फिर उसने मुझे बताया कि उसने कई बार अपनी माँ और पापा को सेक्स करते हुए देखा है।
ये सब सुन कर मेरा लंड एकदम से अकड़ गया और मैंने उससे कहा- क्या-क्या देख तूने बता ना..!

अब वो मजा लेकर अपनी मम्मी और पापा की चुदाई की कहानी सुनाता हुआ मेरे लंड से खेलने लगा।

अगली सुबह मैं अपनी बालकनी में बैठा कुछ पढ़ रहा था.. उस वक्त 11 बज रहा था। मेरे घर के ठीक सामने ही सोनू का घर है और उसके घर की बालकनी और मेरी बालकनी के बीच का फ़ासला न के बराबर है।

तभी मैंने देखा कि सोनू की मम्मी झाड़ू मार रही हैं। मेरे दिमाग ने तुरंत मुझे आगे होने वाले रोमांचक दृश्य दिखा दिए कि इसके बाद वो बालकनी में आएंगी और झुक कर झाड़ू लगाएगीं.. तो उनके 38 साइज के बड़े-बड़े चूचे देखने को मिलेंगे।

यही हुआ भी.. कुछ ही पलों बाद वो बालकनी में आईं। आज उन्होंने हल्के रंग का सूट सलवार पहना था। मैं उन्हें चुदासी नजरों से देखने लगा।

तभी मैंने देखा कि उन्होंने ब्रा नहीं पहनी हुई थी.. जिसकी वजह से मुझे उनकी चूचियों के ऊपर की भूरे रंग की घुंडियां तक साफ-साफ दिख रही थीं। उम्म्ह… अहह… हय… याह… यह देखते ही मेरा लंड खड़ा होने लगा।

कमाल की बात यह थी कि उन्होंने मुझे अपने मम्मे घूरते हुए देख लिया था, इसके बाद भी मुझे अपने मम्मों को यूं घूरता देख वो बिल्कुल भी नहीं शर्माई बल्कि जब हमारी नजरें मिलीं.. तो उनके चेहरे पर एक कामुक मुस्कान थी।

अब मुझे थोड़ा यकीन था कि मैं उनके हिलते हुए दूध देखूंगा तो वो शोर मचाने वाली नहीं हैं।

वो झुक कर झाड़ू लगा रही थीं और मैं उनकी गोरी चूचियों को हिलते हुए देख रहा था और अब तो मैं बीच-बीच में उन्हें दिखाते हुए अपना लंड मसल भी लेता था।

तभी वो अन्दर गईं और मैं उठकर बालकनी के किनारे आकर उनके घर में देखने की कोशिश करने लगा। कुछ ही पल बाद सोनू की मम्मी पोंछा मारने के लिए एक बाल्टी में पानी भर कर लाईं।

क्योंकि हमारे घर बहुत करीब हैं तो इस वक़्त मैं सोनू की मम्मी से करीब 4 फ़ीट की दूरी पर ही खड़ा था।

माहौल दोनों तरफ से गर्म था.. लेकिन शायद सोनू की मम्मी काफी तेज थीं। मुझे यूं देख कर उन्होंने तुरंत मुझसे बात करनी शुरू कर दी। उनकी सहज भाव से बात होते ऐसी लगी, मानो इतनी देर से कुछ चल ही नहीं रहा था।

सोनू की मम्मी- देख न रोहित.. कितनी गर्मी हो गई है.. आजकल तो अच्छे से पानी भी नहीं आ रहा है।
मैं- हाँ आंटी.. गर्मी तो बहुत बढ़ गई है.. काम करते-करते आप तो पसीने से पूरा भीग गई हो।
ये बोल कर मैं उनके दूध की तरफ देखने लगा.. जो सच में बीच में थोड़ा पसीने से भीग गए थे।

वो मेरा इशारा समझ कर हँसने लगी।

अब ऐसे ही बात करते-करते वो पोंछा लगा रही थीं और मैं खड़ा होकर एकटक उनकी चूचियों की गहराइयों में खो रहा था।
थोड़ी देर बार वो अपनी 42 इंच की गांड में फंसी हुई सलवार दिखाते हुए अन्दर चली गईं।

तभी मेरी नजर बाजू के कमरे में खड़े सोनू पर गई.. उसने ये सब देख लिया था। अब मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूँ.. कहीं वो इस बारे में अपने पापा से न कह दे।

खैर.. इसके आगे की कहानी अब सोनू की ज़ुबानी आपके समक्ष पेश है।

हैलो मैं सोनू.. आज जो मैंने देखा वो बहुत अजीब था.. मेरी माँ इतनी कामुक औरत हैं, ये मैंने कभी नहीं सोचा था। जो भी मैंने देखा, उससे पता नहीं क्यों, पर मुझे बहुत उत्तेजना महसूस होने लगी थी। मुझे ऐसा लग रहा था मानो मेरी आखों के सामने कोई ब्लू फिल्म चल रही हो।

चूंकि मैं इस फिल्म को और आगे देखना चाहता था कि क्या सच में मेरी माँ अपनी टांगें किसी गैर मर्द के लिए भी खोल देगीं। क्या मेरी माँ की चूत से टपकता रस इतना रसीला है कि उनसे आधी उम्र का लड़का उसे चखने को मचल रहा है।

चलिए अब बताता हूँ कि मेरी माँ और उस मुस्टण्डे भैया के बीच आगे क्या-क्या हुआ।

पूरे दिन यही सोचता रहा कि अब मैं भैया से कैसे मिलूंगा.. पता नहीं उन्हें कैसे बताऊंगा कि जो हो रहा है मुझे उससे कोई दिक्कत नहीं.. बशर्ते सब मेरी आँखों के आगे हो।

शाम को हिम्मत करके मैं भैया के पास गया और ऐसे बात करने लगा मानो कुछ हुआ ही नहीं है, फिर हम फिल्म साथ में देखने लगे।

मेरा हाथ में भैया का मूसल लंड था और उनके हाथ में मेरी छोटी से लुल्ली थी। आज भैया ने जानबूझ कर एमएलएफ वाली फिल्म लगाई थी.. जिसमें एक अधेड़ उम्र की औरत चुद रही थी।

थोड़ी देर बात भैया ने बोला- सोनू इस औरत की गांड कितनी बड़ी और सेक्सी है न..!
मैं बोला- हाँ भैया है तो..!
भैया- एक बात बोलूं.. तुम बुरा तो नहीं मानोगे?

मेरा दिल एक पल को रुक गया.. क्योंकि मैं भी समझ रहा था कि अब क्या बात होने वाली है.. पक्के में भैया मेरी माँ की रसीली जवानी की बात करने वाले हैं।
मैं- हाँ भैया बोलो न.. अब आपसे क्या बुरा मानना!
भैया- ये फिल्म की औरत की गांड एकदम आंटी (मेरी माँ) के जैसी है न!
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मैं थोड़ा अटक सा गया.. मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि इस बात पर मैं क्या बोलूं। अपनी माँ की भरपूर जवानी के बारे में मैं भैया से खुद कैसे बात कर सकता हूँ!
मैं बस ‘हम्म..’ बोल कर रह गया।

मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी ये हिंदी सेक्स कहानी पढ़ कर मजा आ रहा होगा। मुझे अपने विचार जरूर मेल कीजिएगा।
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कहानी जारी है।
कहानी का अगला भाग : कैसे की मैंने दोस्त की मम्मी की चूत की चुदाई-2

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