रैगिंग ने रंडी बना दिया-40

(Ragging Ne Randi Bana Diya- Part 40)

पिंकी सेन 2017-10-06 Comments

This story is part of a series:

अब तक की इस हिंदी सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा था कि मोना सुधीर से मिलने पहुँच गई और अब वे दोनों एक पार्क में जाकर बैठ गए.
अब आगे..

सुधीर के पूछने पर मोना थोड़ी हिचकिचाई मगर जब सुधीर ने दोबारा पूछा तब मोना ने कहा- वो बात ऐसी है आपको मेरे सवाल शायद कुछ पर्सनल लगें मगर ये मेरी मजबूरी है.. प्लीज़ आप जवाब देना.
सुधीर- अरे आप बताओगी तब पता लगेगा ना कि क्या सवाल हैं?
मोना- ओके, तो आप ये बताओ गोपाल आपका बचपन से दोस्त है ना?
सुधीर- हाँ मगर ये आपको कैसे पता और आप हो कौन.. क्या आपको गोपाल ने यहाँ भेजा है या आप गोपाल की कुछ लगती हो?

मोना ने दूध खुजाने के बहाने साड़ी का पल्लू हटा दिया जिससे सुधीर को उसके दूध साफ दिखने लगे.

मोना- मेरे एक सवाल पर आपने इतने सवाल कर दिए? मैंने कहा न कि मैं सब बता दूँगी, मगर पहले आप बिना सवाल के मेरे सवालों का जवाब दो ओके!

सुधीर की नज़र बार-बार मोना के मम्मों को घूर रही थी और मोना भी ये अच्छी तरह समझ रही थी मगर वो तो चाहती यही थी कि सुधीर उसका दीवाना हो जाए और वो उसके लंड को अपना बना ले.
सुधीर- ज्जजी… पूछिए क्या पूछना है?
मोना- गोपाल के बारे में कुछ बताओ आप?

सुधीर- हाँ, वो मेरा पक्का दोस्त था मगर अब हमारे बीच दोस्ती नहीं रही.. काफ़ी टाइम से मैं उससे मिला भी नहीं हूँ.
मोना- इतनी गहरी दोस्ती टूटने की वजह क्या थी आप मुझे बताओगे?
सुधीर- देखिए मोना जी आप मेरे लिए अनजान हो और ये बात मैं आपको नहीं बता सकता.. सॉरी!
मोना- अगर आपको पता लगे आपके पुराने दोस्त की जान को ख़तरा है तब भी आप मुझे नहीं बताओगे?
सुधीर- ये आप क्या बोल रही हो.. गोपाल को कुछ हुआ तो नहीं ना.. वो कैसा है प्लीज़ बताओ उसकी जान को ख़तरा कैसे है?
मोना- आपकी दोस्ती टूटे अरसा हो गया मगर अब भी आपको उसकी इतनी फ़िक्र है यानि आप अब तक उसको भुला नहीं पाए.
सुधीर- हाँ मानता हूँ.. हमारी लड़ाई हुई थी मगर सालों की दोस्ती भुलाई नहीं जाती.. प्लीज़ आप बताओ ना गोपाल को क्या हुआ?
मोना- अभी कुछ नहीं हुआ.. वो ठीक है मगर जल्दी उसको कुछ होने वाला है इसी लिए मैं आपके पास आई हूँ. आपको मेरी हेल्प करनी होगी अगर गोपाल को बचाना हो तो!
सुधीर- अब सब्र का बाँध टूट रहा है.. आप पहेलियां ना बुझाओ प्लीज़, जो बात है मुझे साफ-साफ बताओ?

मोना- अच्छा अच्छा सुनो गोपाल की कुंडली में दोष है और वो उसके अतीत से जुड़ा है, अगर उसका अतीत पता लग जाए तो वो दोष दूर हो सकता है.. नहीं तो बहुत जल्द उसकी अकाल मृत्यु हो जाएगी.
सुधीर- ओह माय गॉड.. ये कैसे हो गया भले ही वो मुझसे दूर है.. मगर मैं उसको मरने नहीं दूँगा. प्लीज़ मोना आप बताओ आप कौन हो और इसका कोई उपाय तो होगा?

दोस्तो, सुधीर एक बाबाजी का पक्का भगत है और ये कुंडली वगैरह में बहुत ज़्यादा यकीन रखता है, तभी तो उसने मोना की बात एक झटके में मान ली.

मोना- मैं आपके दोस्त की वाइफ हूँ.. आप तो शादी में आए नहीं थे तो मुझे कैसे पहचानोगे.. प्लीज़ आप मेरी मदद करो.
सुधीर- अरे आप तो मेरी भाभी हुई.. आपकी मदद मैं कैसे नहीं करूँगा.
मोना- तो प्लीज़ आप वो बात बताओ जिसकी वजह से आप दोनों के बीच झगड़ा हुआ था?
सुधीर- उस बात का गोपाल की कुंडली दोष से क्या सम्बन्ध है?
मोना- मैंने कहा ना, उन्होंने अपने अतीत में कोई ऐसा काम किया है जिसकी वजह से ये विपदा आई है. आप बताओ प्लीज़ कोई ऐसी बात या काम जो ग़लत हो और गोपाल ने किया हो?

मोना की बात सुनकर सुधीर टेंशन में आ गया और इधर-उधर देखने लगा.

मोना- आप ज़्यादा सोचो मत.. जो भी बात है खुल कर बताओ, चाहे कैसी भी बात हो?
सुधीर- अब क्या बताऊं उसने तो सारे ही काम ग़लत किए हैं.. हो ना हो किसी की हाय लग गई होगी उसको.. तभी ये सब हुआ.
मोना- कौन से काम सुधीर जी? और कैसी हाय? आप प्लीज़ मुझे खुल कर बताओ ना.
सुधीर- अब कैसे बताऊं मैं आपको? मेरी तो कुछ समझ में नहीं आ रहा, वो बातें ऐसी हैं जो बताने लायक नहीं हैं.

मोना समझ गई कि हो ना हो.. दाल में जरूर कुछ काला है, तभी सुधीर नहीं बता रहा. मगर उसने भी ठान लिया था आज वो सुधीर से पूछ कर ही जाएगी तो उसने एक चाल चली और सुधीर उसमें फँस गया.

मोना- अच्छा अगर ऐसी बात है जो आप नहीं बता सकते तो जाने दो मत बताओ उनका राज आप छुपा कर रखो, थोड़े दिनों बाद जब वो मर जाए, तब उसकी चिता की राख के साथ ये राज भी गंगा में बहा देना.

इतना बोलकर मोना सुबकने लगी, उसकी आँखों से आँसू टपकने लगे और यही तो होता है त्रिया चरित्र, जिसके वार से कोई मर्द नहीं बच सकता.

बस सुधीर ने ये मंज़र देखा और उसके अन्दर के इंसान ने उसको आवाज़ दी कि खामखां बेचारी को रुला दिया, जो बात है बता दे इसको.. नहीं तो गोपाल भी नहीं बचेगा.

सुधीर ने मोना के कंधे पर हाथ रखा और उसको चुप कराने लगा.
थोड़ी देर बाद मोना चुप हो गई.

सुधीर- ऐसे रोने से कुछ नहीं होगा, आप यकीन करो गोपाल को कुछ नहीं होगा. मैं आपको सब कुछ बता दूँगा मगर उसके बाद आप गोपाल से नफ़रत नहीं करोगी.. आप ये मुझसे वादा करो.
मोना- मैं क्यों उनसे नफ़रत करूँगी.. शादी के पहले हर आदमी कुछ ना कुछ ग़लत करता है.. कोई गर्लफ्रेंड के साथ तो कोई कहीं और..
सुधीर- आपको कैसे पता ये लड़की का चक्कर है?

मोना ने तो अंधेरे में तीर मारा था मगर वो निशाने पे जाकर लग गया था.

मोना- मुझे सब पता है.. साधु बाबा ने उनकी कुंडली देख कर बताया था मगर उन्होंने बस इशारा दिया था, अब बाकी की बात आप मुझे बताओ ताकि मैं उसका इलाज ढूँढ सकूं और उनकी जान बचा सकूं.

सुधीर कुछ बोलता तभी उसका फ़ोन बजने लगा और उसने 2 मिनट किसी से बात की. फिर उसने मोना से कहा कि अभी बहुत अर्जेंट काम आ गया, मैं आपको कल बता दूँगा.

मगर मोना कहाँ मानने वाली थी. एक-दो झूठ और बोलकर उसे आज ही बताने को कहा.

सुधीर- आप बात को समझो.. अभी मेरा जाना बहुत जरूरी है और वहाँ मुझे टाइम लगेगा. फिर आपको कब बताऊंगा? रात को आप मुझसे कैसे मिलोगी?
मोना- आप चिंता मत करो गोपाल की नाइट शिफ्ट है.. वो सुबह ही घर आता है आप प्लीज़ अपना काम निपटा कर मेरे घर आ जाना.. आज ये राज खुलना बहुत जरूरी है.
सुधीर- आपके घर तो आ जाऊंगा मगर आपको दिक्कत होगी और शायद गोपाल को भी ये बात अच्छी ना लगे.
मोना- मैंने कहा ना.. अभी उनको इस बारे में कुछ नहीं पता और मैं बताऊंगी भी नहीं. आप प्लीज़ आ जाना उनकी जान बच जाए.. बस यही मेरे लिए बहुत है. उसके बाद मैं उसे सब कुछ बता दूँगी.

मोना ने अपना पता सुधीर को दे दिया और वो घर चली गई. उसके चेहरे पे ख़ुशी थी कि गोपाल के राज भी पता लग जाएँगे और साथ में आज रात लंड का भी इंतजाम हो गया.

उधर रात का खाना खाने के बाद सुमन अपनी माँ के पास गई और उनसे कहा कि टीना की माँ बहुत बीमार है. दो दिन से टीना कॉलेज भी नहीं आई है, तो वो उससे मिलने जा रही है ताकि उसको कुछ तसल्ली दे सके.

हेमा- वो तो ठीक है.. मगर तेरे पापा आने वाले हैं. वो पूछेंगे तो मैं क्या कहूँगी? तू तो जानती है उनका गुस्सा कैसा है.. और फिर रात का टाइम है तेरा अकेली जाना.. मुझे कुछ अच्छा नहीं लग रहा.
सुमन- माँ आप पापा को समझा देना और टीना का घर कौन सा दूर है?
हेमा- बेटा बात वो नहीं है.. तेरे पापा को ऐसे रात को तेरा जाना पसंद नहीं आएगा.. तू बात को समझती क्यों नहीं?

गुलशन- अरे क्या बातें हो रही हैं माँ-बेटी में.. क्या समझा रही है इसे?
हेमा- आप आ गए जी.. कुछ नहीं हम तो ऐसे ही बात कर रहे थे. वो सुमन की सहेली है ना टीना.. उसकी माँ बहुत बीमार है, तो ये कह रही थी उससे मिलने जाऊं, मगर मैंने कहा ऐसे रात को जाना ठीक नहीं.. तू सुबह मिल आना.
गुलशन- हाँ, सही तो है बेटा सुबह कॉलेज जाएगी तब मिल लेना.. अभी जाने का क्या मतलब हुआ?
सुमन- ठीक है पापा.. मैं सुबह मिल आऊंगी.. अभी आपके लिए खाना ले आऊं?
गुलशन- अरे खाना तेरी माँ लगा देगी.. तू अपनी पढ़ाई पे ध्यान दे.

सुमन- पापा व्ववो आपसे कुछ बात करनी थी मुझे.. तो आप पहले खाना खा लो.. मैं यहीं आपके पास बैठती हूँ.
गुलशन- अरे बोल ना.. क्या बात है खाना तो बाद में खा लूँगा, तू बात बता?
सुमन- पापा वो कॉलेज में सब कहते हैं कि मैं ओल्ड फॅशन के कपड़े पहनती हूँ.. तो मुझे कुछ न्यू ड्रेस लेने थे.
गुलशन- पता नहीं आजकल के बच्चों को क्या हो गया है. अच्छे भले कपड़े तो हैं अब ओल्ड क्या और न्यू क्या?
सुमन- पापा व्ववो मुझे ज्ज.. जींस लेनी है.
गुलशन- दिमाग़ तो ठीक है तुम्हारा? लड़कों के कपड़े पहनने से न्यू फॅशन हो जाएगा क्या? नहीं ऐसे भद्दे कपड़े बिगड़े हुए बच्चे पहनते हैं. तुम ऐसा कुछ नहीं पहनोगी समझी!
सुमन- मगर पापा व्ववो..!
गुलशन- नहीं मतलब नहीं.. ओके जाओ अपने कमरे में.. सुबह कॉलेज भी जाना है.

सुमन उदास होकर चली गई दरअसल वो अपने पापा से डरती है मगर टीना की संगत में आकर उसमें कुछ बदलाव आ गए थे.. जिसे उसके पापा ने नोटिस किया था. पहले तो गुलशन जी कुछ बोले नहीं.. मगर आज ये जींस वाली बात उनको पसंद नहीं आई.

हेमा- आप भी ना.. ये बात आराम से बोल देते, ऐसे गुस्से में बोलना ठीक नहीं है.. एक ही तो बेटी है हमारी?
गुलशन- नहीं हेमा.. ये आजकल कुछ ज़्यादा ही मॉर्डन हो रही है. बाल खुले रखना, संजना संवरना कुछ ज़्यादा हो रहा है.
हेमा ने कुछ बोलना चाहा मगर गुलशन जी ने चुप करवा दिया और वो भी खाना लाने चली गई.

साथियो, आप मुझे मेरी हिंदी सेक्स स्टोरी पर मर्यादित भाषा में ही कमेंट्स करें.
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कहानी जारी है.

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