रैगिंग ने रंडी बना दिया-41

(Ragging Ne Randi Bana Diya- Part 41)

पिंकी सेन 2017-10-07 Comments

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अब तक की इस सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा था कि सुमन ने अपने पापा से फैशनेबल कपड़ों को लेकर डांट खाई थी। इससे पहले मोना की सुधीर से बात हो गई थी और वो आज सुधीर से चुदने के मूड में उसका इन्तजार कर रही थी।
अब आगे..

मोना बार-बार घड़ी की तरफ़ देख रही थी उसको बेसब्री से सुधीर का इन्तजार था। उसने ब्लैक कलर की नाइटी पहन रखी थी और अन्दर वाइट ब्रा पैंटी का सैट बाहर से ही झलक रहा था। चूँकि नाइटी जालीदार थी तो उसमें से आसानी से पता लग रहा था कि उसने अन्दर सफेद ब्रा-पेंटी पहनी है। इस वक्त मोना ने अपने बाल भी खुले रखे थे.. होंठों पर हल्की लाली लगा रखी थी। मतलब ये कि आज मोना ने सुधीर को फँसाने का पूरा इंतजाम कर रखा था।

अब ऐसे लाजवाब हुस्न को देख कर सुधीर कैसे रिएक्ट करता है, वो तो उसके आने के बाद ही पता लगेगा।

ठीक दस बजे सुधीर ने मोना के घर की बेल बजाई तो मोना ने झट से दरवाजा खोल दिया। मोना के हुस्न को देख कर सुधीर की आँखें चुंधिया गईं, वो बस मोना की मचलती जवानी को देखता ही रह गया। अगर मोना बीच में नहीं बोलती तो वो शायद ऐसे ही बुत बना खड़ा रहता।
मोना- अरे आप आ गए सुधीर जी.. आओ अन्दर आ जाओ.. मैं आपका ही इन्तजार कर रही थी।

सुधीर तो किसी कठपुतली की तरह मोना के पीछे-पीछे खिंचा चला गया। उधर मोना भी बहुत तेज थी.. वो सुधीर को सीधे अपने बेडरूम में ले गई।
मोना- आप यहाँ बैठो, मैं कुछ खाने को ले आती हूँ।
सुधीर- अरे नहीं नहीं.. आप तकलीफ़ मत करो.. मैं कुछ नहीं लूँगा, बस आप यहाँ बैठ जाओ।
मोना- ऐसे कैसे.. आप पहली बार हमारे घर आए हैं.. आपको कुछ तो लेना ही पड़ेगा।

सुधीर के मन में तो था कि मोना के रसीले होंठों को पी जाए.. मगर ऐसे डायरेक्ट हमला करना ठीक नहीं होता।
सुधीर- अरे आप बैठो तो.. जब चाहिए होगा मैं आपको बता दूँगा।

मोना ठीक सुधीर के सामने बैठ गई और हल्की मुस्कान देने लगी। सुधीर तो उसके रूप को ऊपर से नीचे तक आराम से निहार रहा था और अपनी आँखें सेंक रहा था।
मोना- आप मुझे ऐसे क्या देख रहे हो?
सुधीर- आप बहुत सुंदर हो भाभी.. सच में गोपाल का भाग्य खुल गया।
मोना- हा हा हा आप भी ना.. इतनी भी सुंदर नहीं हूँ.. बस ठीक-ठाक ही हूँ.. आप बताओ क्या आपने शादी कर ली?
सुधीर- नहीं.. आप सच में बहुत सुंदर हो और मेरे नसीब में अभी शादी कहाँ?

मोना- क्यों आप तो अच्छे-ख़ासे सैट हो गए हो.. तो अभी तक शादी क्यों नहीं की?
सुधीर- रिश्ते तो बहुत आए, मगर मुझे जैसी वाइफ चाहिए वैसी मिली नहीं।
मोना- ओह अच्छा तो कैसी वाइफ चाहिए आपको.. मुझे बताओ मैं ढूँढ दूँगी।
सुधीर- आपके जैसी वाइफ मिल जाए तो क्या कहने.. ऐसी खूबसूरती मैंने पहले कभी नहीं देखी.. भाभी आप तो लाजवाब हो।
मोना- बड़ी तारीफ कर रहे हो मेरी.. चलो मैं मेरे से भी अच्छी ढूँढ दूँगी.. तब तक मेरे से ही काम चला लो.. मेम.. मेरा मतलब मुझे देख कर हा हा हा हा..

मोना ने डबल मीनिंग बात कह दी और हंसने लगी, साथ में सुधीर भी हंसने लगा। फिर थोड़ी देर और दोनों इधर-उधर की बातें करने लगे। जब मोना को लगा कि सुधीर उसके रूप के जाल में फँस गया है, तब उसने पासा फेंका।
मोना- सुधीर जी अब आप मुझे बताओ कौन लड़की थी जिसके कारण आप दोनों अलग हुए?
सुधीर- भाभी मैंने बताया ना.. बात थोड़ी गंदी है.. शायद मेरे बोलने से आपको अच्छा ना लगे, मैं शॉर्ट में बताता हूँ।

मोना- सबसे पहले तो आप मुझसे ये भाभी बोलना बंद करो.. अभी मेरी इतनी उम्र नहीं हुई है। आप बस मोना कहो.. मुझे अच्छा लगेगा और दूसरी बात हम अच्छे दोस्त बन सकते हैं तो शॉर्ट में नहीं खुल कर सब बात डिटेल में बताओ।
सुधीर- ओके भाभी.. सॉरी मोना मगर बात क्या है आप समझ रही हो ना!

मोना ने एकदम से खुलते हुए कहा- हाँ पता है लड़की की बात है। अब लड़की होगी तो चुदाई भी हुई होगी.. इससे गंदा क्या होगा.. यही ना चलो अब बोलो।
मोना के मुँह से चुदाई शब्द सुनकर सुधीर का लंड पेंट में अकड़ने लगा।

सुधीर- ओके मोना तुम्हें प्राब्लम नहीं है तो सुनो, हम दोनों जब बड़े हुए.. तब एक गंदी लत गोपाल को लग गई थी। वो पॉर्न साइट पे वीडियोज देखता.. सेक्स स्टोरी पढ़ता और धीरे-धीरे उसने मुझे भी साथ में मिला लिया। अब हम दोनों को लड़की चोदने का भूत सवार हो गया, मगर लड़की लाते कहाँ से, ये एक दिक्कत थी।

मोना आराम से सुन रही थी मगर सुधीर इतना बोलकर चुप हो गया।
मोना- अरे क्या हुआ आगे तो बोलो?
सुधीर- सॉरी मैंने इतने गंदे शब्दों का यूज किया.. आपको बुरा तो नहीं लगा ना?

मोना ने झुक कर अपने दूध हिलाते हुए कहा- अरे मैंने अभी तो कहा.. आज से हम दोस्त हैं। अब बेफ़िक्र होकर बताओ जो शब्द अच्छे लगें बोलो.. चुत, लड़की, चुदाई.. सब कुछ खुल कर बताओ ओके!

इतना कहकर मोना ने हल्की स्माइल भी पास की, जिसे देख कर सुधीर भी मुस्कुरा दिया। वो सोच रहा था कि ये मोना की तरफ से ग्रीन सिग्नल है या सिर्फ़ उसका वहम है।

मोना- अब बोलो भी यार.. आगे क्या हुआ.. क्या किया तुम दोनों ने कोई लड़की मिली या नहीं तुम दोनों को.. या ऐसे ही दोनों प्यासे और हिलाते घूमते रहे?

सुधीर को सोचता देख मोना ने फिर पूछा- क्या हुआ सब ठीक तो है ना?
मोना की बात सुनकर सुधीर अपना लंड एड्जस्ट्स करने लगा, जिसे मोना ने भी देख लिया और मुस्कुराने लगी।
सुधीर- नहीं नहीं सब ठीक है.. वो जींस में बैठने में थोड़ी प्राब्लम हो रही है।
मोना- आपको गोपाल का पजामा दे दूँ.. उससे आपको आराम मिलेगा।
सुधीर- अरे नहीं नहीं.. मैं ठीक हूँ। आप तकलीफ़ मत करो वैसे भी टाइम काफ़ी हो गया.. मुझे जाना भी होगा।

मोना- अरे बात तो बताई ही नहीं और जाने की बात करने लगे और वैसे भी कौन सा आपकी वाइफ आपका वेट कर रही है। चले जाना आराम से.. मैं भी अकेली हूँ। आपसे बात करके अच्छा लग रहा है। अब आगे की बात बताओ।

सुधीर को अब पक्का यकीन हो गया था कि आज उसके मज़े हो गए, मोना की चुत उसको मिलने वाली है।
वो फिर बताने में शुरू हो गया- ओके सुनो.. अब लड़की कहाँ से मिलती हमको.. तो एक बार हम रंडी के पास गए, पहली बार था तो उसे चोदने में बहुत मज़ा आया। मगर रोज जाने लगे तो धीरे-धीरे मज़ा कम होने लगा और गोपाल ने भी कहा कि इन रंडी की चुदाई में मज़ा नहीं आता.. कोई कच्ची कली मिले.. तो बात बने।
‘फिर?’
‘फिर हमारे नसीब खुल गए.. एक रात एक भीख माँगने वाली लड़की हमको मिली.. वो खाने के लिए पैसे माँग रही थी। वो एकदम 18 साल की खिलती जवान लड़की थी। गोपाल ने उसे ज़्यादा पैसों का लालच दिया और हम उसको अपने साथ हमारे रूम में ले आए।’
‘फिर?’
‘फिर गोपाल ने उसको वॉशरूम भेज दिया और कहा कि अच्छे से नहा कर आओ फिर कुछ खा लेना।’
‘फिर..?’
‘फिर वो लड़की भी समझ गई थी कि आज उसकी जवानी इन दोनों के हाथ लुटने वाली है। बस वो नहा कर आ गई और हमने उसको खाना खिलाया। फिर गोपाल ने उसको नंगी किया.. हम दोनों ने उसके जिस्म के खूब मज़े लिए। फिर गोपाल ने उसकी सील तोड़ी.. वो बहुत रोती हुई मजा लेती रही मगर गोपाल तो उसको चोदने में लगा रहा। उसके बाद मैंने भी पूरा मज़ा लिया।’
मोना- ओह गॉड बेचारी लड़की की जान निकाल दी होगी.. ज़रा भी दया नहीं आई तुम्हें?
सुधीर- सॉरी मोना.. उस टाइम ये ध्यान नहीं रहा.. मगर अब तो मैं बड़े आराम से करता हूँ.. तुम चाहो तो..

सुधीर बोलता हुआ रुक गया क्योंकि उसे बाद में अहसास हुआ वो कुछ ज़्यादा ही बोल गया।

मोना- हा हा हा तुम भी ना बड़े मजाकिया हो.. ज़ोर से करो या आराम से.. मगर मुझे नहीं देखना.. हा हा हा हा..
सुधीर- सॉरी मैं ज़ज्बात में बह गया था।
मोना- कोई बात नहीं हम अब दोस्त हैं.. इतना तो तुम बोल ही सकते हो, अच्छा आगे बताओ?

सुधीर- आगे क्या बताऊं, उस दिन जो कच्ची कली के साथ गोपाल ने क्या किया, उसके बाद तो किसी चुदी हुई चुत में उसे मज़ा ही नहीं आता। वो बस किसी ना किसी तरह छोटी उम्र की लड़की ढूँढ ही लाता और उसी के साथ चुदाई करता। वो पागल हो गया था.. छोटी लड़कियों के लिए उसका जुनून बढ़ता ही जा रहा था। कितनी भिखारिन लड़कियों को तो बहला कर लाता.. वो मानती तो ठीक नहीं ज़बरदस्ती करके ले आता। बस वो पागल सा हो गया था, इसी कारण मेरी उससे कम पटने लगी थी।

मोना- अच्छा ये बात है.. तभी उनकी कुंडली में वो दोष आया होगा। एक बात बताओ तुम्हारी उससे लड़ाई क्यों हुई थी?
सुधीर- अब क्या बताऊं उसका जुनून इतना बढ़ गया था कि एक दिन मेरी छोटी बहन के बारे में वो गंदी बात कहने लगा। बस मैंने भी उसको जमा दिया एक और जब से हम अलग हो गए। उस दिन के बाद मैंने उसे देखा ही नहीं है।

मोना- छी: गोपाल इतना गंदा है.. पता ही नहीं था मगर मैंने उनको कभी ऐसे नहीं देखा। वो तो मेरे साथ भी बराबर चुदाई भी नहीं करता और करता भी है तो जल्दी आउट हो जाता है, फिर ये लड़कियों की बात समझ नहीं आई?

मोना अब खुलकर बात करने लगी थी और सुधीर भी इसका फायदा उठा रहा था।
सुधीर- अरे शुरू में तो उसने खूब मस्त किया होगा.. अब उसका मन तुमसे भर गया है.. और देखना वो किसी कच्ची चुत के चक्कर में होगा.. तुम उसकी इंक्वायरी करो।
मोना- हाँ शुरू में तो बहुत ज़बरदस्त चुदाई करता था मगर अब सच में उसका मन भर गया है मगर मैं क्या करूँ आख़िर वो मेरा पति है.. उसको छोड़ कर भी नहीं जा सकती ना!
सुधीर- तुम टेंशन मत लो.. मैं हूँ ना आपको कभी भी किसी भी तरह की मुझसे मदद चाहिए तो बता देना, मैं हाजिर हो जाऊंगा।

सुधीर ने ये बात अपने लंड को सहलाते हुए कही थी, जो मोना ने भी देखा और वो बस मुस्कुरा कर उठी और जाने लगी।

सुधीर- क्या हुआ.. मैंने कुछ ग़लत कह दिया क्या.. आपको बुरा लगा तो सॉरी।
मोना- आप नहीं तुम.. और मुझे क्यों बुरा लगेगा, आपने मदद का ही कहा है।
सुधीर- मुझे भी तुम ही कहो, इससे नज़दीकियां बढ़ती हैं।
मोना- अच्छा ये बात है तो चलो आज नज़दीकियां बढ़ा ही लेते हैं, मुझे भी तुम अपना टेलेंट दिखाओ।
सुधीर- ओह.. क्या मैं कुछ समझा नहीं..?

मेरे प्यारे साथियों आप मुझे मेरी इस सेक्स स्टोरी पर कमेंट्स कर सकते हैं.. पर आपसे एक इल्तिजा है कि आप मर्यादित भाषा में ही कमेंट्स करें क्योंकि मैं एक सेक्स स्टोरी की लेखिका हूँ, बस इस बात का ख्याल करते हुए ही सेक्स स्टोरी का आनन्द लें और कमेंट्स करें।

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कहानी जारी है।

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