पत्नी को उकसाया, ग्रुप सेक्स तक पहुँचाया-2

(Hindi Sex Patni Ko Ukasaya Group Sex Tak- Part 2)

सनी वर्मा 2016-10-10 Comments

This story is part of a series:

अगले दिन राजीव ने मेसेज भी किये और फोन भी, पर सारिका ने कोई जवाब नहीं दिया, अब वो राजीव की तड़फ का मजा ले रही थी।
शाम को उसने दीपक के आने से पहले किचन का काम निबटा लिया, वो आज शाम दीपक को देना चाहती थी।

दीपक से शाम 6 फोन पर बात करके सारिका ने उसे जल्दी आने को कहा तो दीपक बोले- राजीव मेरे पास बैठा है, कहो तो उसे भी ले आऊँ?
सारिका ने कहा- जैसी तुम्हारी मर्जी!
और फोन काट दिया।

सारिका फ्रेश होने बाथरूम में गई और नहाकर एक लॉन्ग मिडी पहन ली।
हेयर स्टाइल भी उसने स्टाइलिश बनाया और हल्का मेकअप किया।

आज उसका लुक बिलकुल इंग्लिश था, उसने किचन में जाकर कुछ कटलेट बना लिए… हालाँकि वो जानती थी कि अगर दीपक 7 के बाद आये और राजीव उनके साथ आये तो वो लोग ड्रिंक्स लेंगे जरूर और फिर डिनर!

हालाँकि दीपक ड्रिंक्स के आदी नहीं थे पर जब वो मस्ती में होते या कोई फ्रेंड होता तो वो ले लेते थे, एक आध पेग सारिका भी ले लेती थी।
और आज तो सारिका इतनी ग्लो कर रही थी कि ड्रिंक्स उसके बाद चूत चुदाई पक्की थी।

दीपक 7.15 पर आये, अकेले… आते ही सारिका को चिपकाया, बोले- राजीव अभी थोड़ी देर में आएगा! और आज तुम्हें देखकर उसका लंड तो खड़ा ही रहेगा।
सारिका हंस दी इस बात पर!

दीपक फटाफट एक गिलास जूस पीकर नहाने चले गए और जीन्स टीशर्ट में बाहर आये।
ड्राइंग रूम में उन्होंने डांस म्यूजिक लगा दिया और मस्ती में सारिका की कमर में बाहें डालकर डांस करने लगे। तभी राजीव आ गए।

राजीव भी जीन्स और रेड टी शर्ट में थे।
उन्होंने बड़ी तमीज से सारिका को हाथ जोड़ कर नमस्ते की, तो सारिका ने बड़ी जोर से हंसते हुए राजीव से गर्मजोशी से हाथ मिलाया।
दीपक ने सारिका से पूछा कि अगर उसे एतराज न हो तो वे लोग ड्रिंक कर लें।
इस पर सारिका बोली- मैंने तो तैयारी कर रखी है।

उसकी इस बेबाकी से दीपक और राजीव दोनों अचम्भित हुए।

सारिका अंदर से ट्राली खींच लाई।

हंसी मजाक के बीच दीपक ने दो पेग बनाये।
सारिका अपने लिए कोक ले आई।

डांस म्यूजिक चल रहा था, दीपक ने राजीव से कहा कि वो सारिका के साथ डांस कर सकता है।
राजीव हिचका, पर सारिका की मुस्कराहट और सेक्सी एप्रोच ने उसे सारिका का हाथ थाम कर डांस करने पर मजबूर कर दिया।

दीपक ने उठकर लाइट डिम कर दी।

दीपक ड्रिंक लेता हुआ राजीव और सारिका को नजदीक आने का मौका दे रहा था।

पर कुछ भी हो, दीपक की मौजूदगी का अहसास राजीव और सारिका दोनों को था, अचानक दीपक का फोन बजा और दीपक उसे सुनने रूम से बाहर चला गया।

उसके जाते ही राजीव सारिका नजदीक आ गए और राजीव का हाथ सारिका की खुली कमर पर मचलने लगा और अचानक दोनों के होंठ मिल गए।

सारिका को राजीव के उभार का एहसास नीचे हो रहा था पर इस वक़्त वो राजीव के होंठ से अपने होंठ मिलाये अपने मम्मे उसकी चौड़ी छाती से सटा कर चुपक कर डांस कर रही थी।

जैसे ही दीपक के आने की आहट हुई दोनों अलग होकर सोफे पर बैठ गए, उन्हें नहीं मालूम पड़ा कि दीपक तो फोन का बहाना कर के बाहर गया था और वो छिप कर इन दोनों की हरकतों का मजा ले रहा था।

दीपक और राजीव के ड्रिंक ख़त्म हो गए थे, दीपक ने एक और बना दिया और सारिका के मना करने पर भी उसकी कोल्ड ड्रिंक में व्हिस्की मिला दी।

इस दौर के ख़त्म होते होते तीनों को नशे का सुरूर हो चला था और अब उनके मजाक भी नॉन वेज होने लगे थे।
सारिका किचन से बचे हुए कटलेट और फ्राइड काजू ले आई क्योंकि अब डिनर की तो उसे उम्मीद नहीं थी।

वापिस आई तो उसने देखा कि दीपक एक पेग और बना रहा है, उसने उसे टोका- आज तुम्हें क्या हो रहा है? अब और नहीं!
दीपक और राजीव दोनों बोले- बस लास्ट है।

दीपक ने सारिका का हाथ पकड़ कर अपने और राजीव के बीच बिठा लिया और अपने गिलास से एक घूँट सारिका को पिला दिया।
सारिका को बड़ा कड़वा घूँट लगा।

इसी बीच राजीव ने भी अपना गिलास उसे ऑफर किया, सारिका ने मना कर दिया कि मैं नहीं पीती, पर नशे के सुरुर में राजीव ने उसके गले में हाथ डाल कर रिक्वेस्ट की तो दीपक ने भी जोर देकर उससे एक सिप लेने को कहा।

एक तो राजीव का गिलास ऊपर से राजीव के होंठों की गर्मी सारिका एक एक करके दो-तीन सिप ले गई।

अब सारिका पर नशा हावी हो गया था, वो दीपक की गोद में चढ़ कर बैठ गई। दीपक ने भी बिना राजीव की परवाह किये उसकी मिडी को ऊपर उठाया और अपनी जीन्स की ज़िप खोल कर अपना लंड उसकी चूत में कर दिया।

राजीव के लिए यह अनहोनी थी।
वो भी सारिका के पीछे खड़ा हुआ और उसके मुँह को ऊपर किया तो दोनों के होंठ मिल गए।
पूरा कमरा वासनामाय हो गया था।

तभी दीपक को होश आया कि उसने राजीव को नहीं रोका तो राजीव भी सारिका को चोद देगा और दीपक अभी मानसिक रूप से इसके लिए तैयार नहीं था।
उसने ‘बहुत रात हो गई…’ कहते हुए सारिका को नीचे उतारा और अपनी जीन्स की ज़िप बंद करी।

अचानक इस रुकावट से राजीव खिन्न हो गया और अपनी झेंप मिटाते हुए बोला- हाँ, मैं भी चलता हूँ, तुम दोनों एन्जॉय करो।

राजीव के जाते ही दीपक ने सारिका को नंगी किया और अपने कपड़े भी उतार फेंके और चढ़ गया सारिका के ऊपर!

सारिका ने भी चुदवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी क्योंकि उसकी चूत में तो आग लगी हुई थी।
दीपक ने रात को दो बार चुदाई करी और दोनों थक कर नंगे ही सो गए।

सुबह 6 बजे दीपक की आँख खुली, सारिका सो रही थी, पर उसका मोबाइल बेड पर ही था।
दीपक ने मोबाईल चेक किया तो उसने देखा कि रात को एक बजे सारिका ने राजीव से आधा घंटा बात की है।

दीपक को ख़राब तो लगा कि जब मैं किसी बात को मना नहीं कर रहा तो चोरी क्यों?
फिर उसने सोचा कि पूरे मामले को हवा तो उसी ने दी है और इसमें हर्ज भी क्या है अगर उसे कोई आपत्ति नहीं है।
यह सोच कर उसका मूड ठीक हो गया और उसने सारिका की चूत पर अपनी जीभ लगा दी।

सारिका भी चोंक कर उठ गई और दीपक का खड़ा लंड देख कर समझ गई कि पानीपत के युद्ध की तयारी है।
वो भी दीपक को धक्का देकर उसके ऊपर चढ़ गई और अपने हाथों से दीपक का लंड अपनी चूत में कर लिया।

बाद में साथ साथ नहाते समय सारिका ने दीपक को बता दिया कि रात को उसने राजीव से बात की थी।

उसकी इस ईमानदारी से दीपक की रही सही शिकायत भी ख़त्म हो गई और जब सारिका ने उससे पूछा- तुम्हें बुरा तो नहीं लगा?
यह सुनकर तो दीपक ने बस उससे यही कहा- मुझसे कभी कुछ छिपाना नहीं, तो मुझे कुछ भी बुरा नहीं लगेगा।

दीपक के ऑफिस जाने के बाद सारिका ने काफी सोचा उसे भी यही समझ में आया कि दीपक जितना अच्छा और विश्वास करने वाला दूसरा पति हो नहीं सकता।

दीपक तो केवल सारिका के साथ मस्ती चाहता है और रहा सवाल सारिका और राजीव की नजदीकी का तो वो तो केवल मृग मारीचिका है, अगर सारिका इस रिश्ते को दीपक की रजामंदी से बिना कुछ छिपाए करती है तो इसमें मस्ती है और अगर दीपक से छिपा कर नजदीकी बढ़ाती है या दीपक को धोखा देती है तो सिवाय उसकी गृहस्थी ख़राब होने के कुछ नहीं!

दीपक ने सारिका को यह भी बता दिया था कि उसने होंठ से होंठ मिलाये सारिका और राजीव को देखा था पर उसे ख़राब नहीं लगा।
दीपक ने सारिका को इस बात की छूट दे दी थी कि वो जब चाहे राजीव को फोन कर सकती है या मिल भी सकती है, पर सारिका को ध्यान रखना होगा कि कहीं कुछ ऐसा न हो जिससे बदनामी हो।

असल में दीपक को इन सब फ़्लर्टबाजी से कोई एतराज नहीं था, वो इसे जिन्दगी की मस्ती मानता था।
उसका मानना था कि यदि पति पत्नी में विश्वास हो तो ऐसी रिलेशनशिप से सेक्स लाइफ और मजेदार हो जाती है।
इसीलिए उसने सारिका को रोका नहीं बल्कि उकसाया, क्योंकि उसे सारिका की समझदारी पर भरोसा था।

सारिका ने भी तय कर लिया कि वो हर हद तक मस्ती में दीपक का साथ देगी और उससे कुछ छिपाएगी नहीं!
यह उसने और दीपक दोनों ने माना कि इस फ़्लर्ट में हर बात बताई नहीं जा सकती।

अब सारिका का मन काफी हल्का था।

बीवी की अदला बदली की यह हिंदी सेक्स कहानी जारी रहेगी!
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