प्यार वापिस मिला और चूत भी

(Pyar Vapis Mila Aur Chut Bhi)

साथियो नमस्कार.. मैं अन्तर्वासना का नियमित 5 साल से पाठक हूँ। मैंने यहाँ पर बहुत सी कहानियाँ पढ़ीं हैं.. जिनमें कुछ अच्छी थीं.. तो कुछ बहुत ही बढ़िया थीं.. जिनको मैंने बहुत एन्जॉय किया।
आज मैं भी आप लोगों के सामने अपनी एक सच्ची कहानी पेश करने जा रहा हूँ। आपको मेरी कहानी अच्छी लगे या नहीं.. प्रतिक्रिया जरूर लिखें।

मेरा नाम सुनील कुमार है.. मेरी उम्र 24 साल.. कद 5 फीट 11 इंच.. और मेरा शरीर एक एथलीट के जैसा.. बिल्कुल भरा-पूरा है। मैं हरियाणा का रहने वाला हूँ।

मैं आजकल एक कॉल-बॉय का काम करता हूँ। मेरा लौड़ा मेरे ग्राहकों के द्वारा आज तक देखे गए सभी लौड़ों में बेस्ट है.. लम्बाई में भी.. और मोटाई में भी..
आज तक मैंने जितनी औरतों को चोदा है.. वो सभी मेरे लंड की गुलाम बन गई हैं।

अब आते हैं कहानी पर.. बात दो साल पहले की है। कहानी की नायिका का नाम है सीमा (काल्पनिक).. उसकी उम्र कोई 18 के आस-पास होगी.. वो दिखने में काफी हॉट लगती है। उसका बहुत ही कसा हुआ शरीर है.. एकदम कच्ची कली है वो..

मैं उसे बहुत दिन से चाहता था.. हमारी अक्सर नजरें मिलतीं.. कभी छत पर कभी गली में.. हम लोग काफी देर तक एक-दूसरे को देखते रहते.. पर कभी दिल की बात नहीं कह पाए।
ऐसे ही काफी दिन बीत गए।

एक दिन मेरा एक दोस्त मेरे घर आया। उसने वहाँ सीमा को देखा.. तो वो मुझसे कहने लगा कि सुनील ये लड़की मुझे लाइन दे रही है।
मुझे सीमा पर बहुत गुस्सा आया.. पर मैंने अपने दोस्त से कहा- अगर वो लाइन दे रही है.. तो उसे अपना नंबर दे दो।
उस दिन मेरे कहने पर उसने अपना नंबर सीमा को दे दिया और उन दोनों की बातें फ़ोन पर होने लगीं।

मुझे लगा कि मेरे नसीब में सीमा का प्यार नहीं है.. पर एक दिन मेरे पास मेरे दोस्त का फ़ोन आया, उसने कहा- सीमा तुझसे बात करना चाहती है।
मैंने मना कर दिया.. लेकिन वो नहीं माना और मुझे बात करनी पड़ी।

जब मैंने सीमा से बात की तो वो तो मुझ पर बरस पड़ी और कहने लगी- जब तुम मुझसे इतना प्यार करते हो तो अपना नंबर मुझे नहीं दे सकते थे.. जो अपने दोस्त को नंबर देने के लिए मजबूर किया।

मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा था.. तो मैंने पूछा- तुम तो मेरे दोस्त से फ्रेंडशिप करना चाहती थी ना?
तो उसने कहा- मैं भी तुमसे प्यार करती हूँ.. पर कह नहीं पा रही थी.. इसलिए मैंने तुम्हारे दोस्त का सहारा लिया।
इसके बाद हम दोनों की बातें सुबह-शाम होने लगीं।

काफी दिन बीत गए.. तो मैंने उससे कहा- क्या हम कहीं अकेले में मिल सकते हैं?
उसने मना कर दिया..
पर मेरे काफी मनाने पर वो मान गई, उसने प्लान बनाया कि वो अपने घर वालों के सो जाने के बाद रात को घर में ही मिलेगी।
मैंने उसकी प्लानिंग से सहमती जता दी।

अगले दिन उसका फ़ोन रात को दस बजे आया और उसने कहा- मैंने देख लिया है.. सब सो गए हैं तुम जल्दी से आ जाओ।

मैं सवा दस बजे उसके पास पहुँच गया.. वो मेरा वेट कर रही थी, मैंने जाते ही उसको बाँहों में भर लिया और ‘लिप-किस’ करने लगा। थोड़ी देर ‘लिप-किस’ करने के बाद वो मुझे बेडरूम में ले गई, वहाँ जाते ही फिर वही चूमा-चाटी का दौर शुरू हो गया।

अब वो काफी गर्म हो चुकी थी और मुझसे भी और नहीं रुका जा रहा था.. इसलिए मैंने अपने और उसके सारे कपड़े उतार दिए।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
अब मेरा लौड़ा उसके सामने आजाद था। एक बार तो वो मेरा इतना बड़ा और मोटा लंड देख कर डर गई.. पर मेरे कहने पर वो उसे प्यार से सहलाने लगी।

मैं उसकी बहुत ही प्यारी सी चूचियों को देख कर पागल हुए जा रहा था.. इसलिए मैंने उन्हें मुँह में भर लिया और चूसने लगा।
अब तो वो और भी गर्म हो गई थी और कहने लगी- प्लीज अब कुछ करो..

अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था इसलिए मैंने भी देर न करते हुए उसकी टाँगों को अपने कंधों पर रख लिया और लंड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा।
मैंने लंड को अन्दर घुसाने की बहुत कोशिश की.. पर जा नहीं रहा था क्यूंकि उसकी चूत काफी कसी हुई थी।

मैंने काफी सारा थूक अपने लौड़े और उसकी चूत पर लगाया.. अब मेरा लंड थोड़ा उसकी चूत में जा पाया।
उसके बाद दो-तीन धक्कों में मैंने आधा हथियार उसकी चूत के अन्दर उतार दिया।

उस दिन मुझे उसको आधा लंड पेल कर ही चोदना पड़ा.. क्यूंकि उस दिन वो पूरा लंड बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी। उस दिन हम लोगों ने रात में दो बार चुदाई और की..

मुझे वो मेरी पहली चुदाई आज भी याद आती है। अपने इस मोटे तगड़े लंड की बदौलत आज मैं एक सुपर कॉलबॉय हूँ। मैंने बहुत सी औरतों की चुदाई की है.. पर मैं आज भी उस लड़की को नहीं भूल पाया।
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top