रीटा की तड़पती जवानी-3
अगर उंगली से चूत मारने में ईत्ता मजा आता है, तो सच्ची-मुच्ची का गर्म और मोटा लण्ड तो दिन में तारे दिखा देगा. यह सोच कर वह जोर जोर से अपनी चूत फैंटने लगी.
दो या ज्यादा लेस्बीयन लड़कियाँ या औरतों के बीच यौनांगों को चूसने चाटने से सैक्स का मजे लेने की कहानियाँ
Lesbian Ladkiyon ke beech chut, chuchi chuusa kar sex ka maza lene ki kahaniyan
Stories about Lesbian Girls enjoying licking sucking pussies, boobs and nipples
अगर उंगली से चूत मारने में ईत्ता मजा आता है, तो सच्ची-मुच्ची का गर्म और मोटा लण्ड तो दिन में तारे दिखा देगा. यह सोच कर वह जोर जोर से अपनी चूत फैंटने लगी.
रीटा भी झुक अपनी सुन्दर चूत को निहारा और एक ठंडी झुरझुरी लेकर रीटा ने अपनी पेशाब से लबालब चूत को दोबारा कच्छी में छुपा लिया और स्कर्ट नीचे गिरा दी.
मोनिका दांतों से रीटा की चूत नौचने लगी तो रीटा मजे से पागल हो उठी और बेशरमी से अपनी टांगों को 180 डिगरी पर फ़ैला दिया. बेहया मोनिका ने रीटा को जन्नत में पहुँचा दिया.
इस कहानी के पात्र व घटनाएँ काल्पनिक हैं। निखिल ने अभी अभी पढ़ाई ख़त्म करके कॉल सेंटर की नौकरी शुरु की थी। यहाँ आकर वह बहुत उत्साहित था- कॉलेज जैसा माहौल, बढ़िया फर्नीचर, माडर्न साज सज्जा और उसके जैसे स्मार्ट और हैंडसम लड़के। वैसे भी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के दफ़्तरों में ऐसा माहौल होता ही है। […]
सुबह 9 बजे मेरी नंगी चूत में भाभी ने अपनी उंगली घुसा दी, मैं हड़बड़ा कर उठी, भाभी ने मेरी चूचियाँ दबाते हुए चुटकी ली और बोलीं- अब उठ जाओ, देवर जी ऑफिस जाने वाले हैं, दो बार पूछ गए कि भाभी उठीं या नहीं ! जाओ और थोड़ा अपनी जवानी का रस पिला आओ।
मेघा यूँ तो किशोर अवस्था को अलविदा कर चुकी थी। उसमें जवानी की नई नई रंगत चढ़ रही थी। इसमे मेघा की सहेलियों का बड़ा हाथ था। उनकी चुलबुली बातों से मेघा का दिल भी बहक उठता था। वो भी कभी कभी शाम की ठण्डी हवाओं में कहीं सपनों में गुम हो जाया करती थी। […]
प्रेषिका : शालिनी मेरे ऑफिस की जन संपर्क अधिकारी का नाम वंशिका है। चूँकि हम दोनों हमउम्र हैं इसलिये एक दूसरे से कई प्रकार के मजाक भी कर लेती थीं। उसने बहुत बार मुझे अपने घर चलने को कहा और एक दिन मैं ऑफिस के बाद उसके घर चली गई। उसके माता-पिता ने मेरा बहुत […]
रिंकी ने अपना टॉप उतार दिया। उसके संतरे बाहर आ गए। फिर रिंकी ने मेरा टॉप उतार दिया तो मेरे मम्मे भी बाहर आ गए। फिर रिंकी ने अपनी निक्कर उतार दी और फिर मेरी।
मेरा नाम रीना शर्मा है। यह कहानी उस वक्त की है जब मेरी शादी हुए छ: महीने हो चुके थे। मैं तो शादी के पहले से ही चुदने को बेकरार रहती थी। मेरी कई सहेलियों की शादी हो चुकी थी और वे अपनी चुदाई के किस्से मुझे सुनाती रहती थीं। सभी का कहना था कि […]
प्रेषिका : शालिनी “पूजा अब तो तूने मेरी गाण्ड भी मार ली, अब तो अपना लण्ड बाहर निकाल ले !” मैंने पूजा को कहा। “हाँ बस अभी निकाल रही हूँ !” कहते हुए पूजा ने अपनी गति बढ़ा दी और अब जोर जोर से डिल्डो मेरी गाण्ड के अंदर-बाहर करने लगी। दो-तीन मिनट के बाद […]
प्रेषिका : शालिनी रोज की तरह उस रात भी मैं और पूजा खाना खाकर बेडरूम में टेलिविज़न देख रही थीं। मैंने देखा कि पूजा मेरे साथ कुछ ज्यादा ही चिपक रही थी। कभी मेरे गालों को सहलाती, कभी चूम लेती, मेरे मम्मों को हल्के हाथों से सहला रही थी। “पूजा आज क्या बात है? क्या […]
प्रेषिका : बरखा लेखक : राज कार्तिक मेरे सभी दोस्तों का धन्यवाद जिन्होंने मेरी सुहागरात की दास्तान पिया संग मेरा हनीमून को सराहा और मुझे अपनी मस्ती की एक और दास्ताँ लिखने के लिए प्रेरित किया। मैं कोई लेखिका नहीं हूँ पर जब मैंने अपनी दास्ताँ अपने एक मित्र राज को बताई तो उसने मुझे […]
प्रिय पाठको, हरेश जी का एक बार फ़िर नमस्कार ! आपने मेरी लिखी एक लम्बी कहानी मुझे रण्डी बनना है पढ़ी ही होगी। और एक सच्ची कहानी के द्वारा आपके सामने आया हूँ। मेरा प्रवास कम ही होता है पर जब भी होता है वो यादगार बन जाता है। यह घटना एक साल पहले घटी […]
प्रेषक : हैरी बवेजा हेल्लो दोस्तो, आज मैं आपको तब की एक घटना के बारे में बताने जा रहा हूँ जब मैं बारहवीं में पढ़ता था। हमारे कॉलेज में एक मैडम थी आशा जैन नाम था उनका ! वो हमें गणित पढ़ाती थी, वैसे मैं गणित में कमजोर था पर घर वालों के दबाव से […]
प्रेषिका : श्रेया आहूजा मुझे भी मज़ा आने लगा। मैंने मौसी का हाथ पकड़ लिया और अपने आनन्द के अनुसार मौसी के हाथ की गति निर्धारित करने लगी। मेरा मज़ा बढ़ता ही जा रहा था और एक बार तो ऐसा लगा कि मैं मर ही जाऊँगी इस आनन्द के सागर में डूब कर ! मेरी […]
मैं : ना मौसी ना ! मेरी फ़ट जा गी ! तू मन्ने बख्श दे ! मन्नै नी लेणे मज़े ! डण्डे के चूत पर रगड़ने से मुझे मज़ा तो बहुत आ रहा था, मेरे चूतड़ बार बार अपने आप ही उछल उछल कर उसे अपने अन्दर समा लेने का यत्न कर रहे थे, मौसी […]
लेखिका : श्रेया आहूजा मेरा नाम बरखा है ! अभी मैं राजस्थान के प्रसिद्ध शहर जोधपुर में अपने पति और बिटिया के साथ मस्त जिंदगी व्यतीत कर रही हूँ। लेकिन मेरा मायका बीकानेर के करीब एक गाँव में है। मैं आपको अपनी शादी से पहले की बात बताना चाहती हूँ। मेरी मौसी की ससुराल भी […]
प्रेषक : प्रेम सिसोदिया “तो क्यों नहीं किया यार, मेरा दिल तो सच कहूं तेरी गाण्ड मारने पर आ ही गया था। साला कितना सेक्सी लगता है तू, तेरी गाण्ड देख कर यार मेरा तो साला लौड़ा खड़ा हो जाता था। लगता था कि तेरी प्यारी सी गाण्ड मार दूँ।” “मेरा भी यही हाल था, […]
प्रेषक : प्रेम सिसोदिया अजय मेरा अच्छा दोस्त था। हम दोनों एक साथ पढ़ाई पूरी करके मेडिकल रेप्रेसेंटेटिव बन गये थे। हम दोनों एक ही कम्पनी में थे। आस पास के क्षेत्रो में जाकर दौरा करना और दवाईयां का ऑर्डर लाना ही हमारा काम था। अपनी दवाईयों को भी हम प्रोमोट करते थे। अजय मेरा […]
कामिनी मेरे चूतड़ दबा रही थी और अचानक उसकी ज़बान मेरी चूत के छेद में घुस पड़ी तो ऐसा लगा जैसे गरम पिघलता हुआ लोहा मेरी चूत में घुस गया हो, मैं चिल्ला पड़ी.