रीटा की तड़पती जवानी-6

(Rita Ki Tadapti Jawani- Part 6)

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चूसी और चुदी हुई रीटा बुरी तरह शरमा कर अपना चेहरा अपने हाथों में ढांप कर राजू की छाती में छिपने की कोशिश करने लगी.

रीटा को लुत्फ़ तो बहुत आया पर पूरी सन्तुष्टि नहीं हुई. बेचैन रीटा को लगा कि अगर उसने आज चूत नहीं मरवाई तो वह पागल हो जायेगी. दूसरी तरफ से रीटा राजू के मोटे और लम्बे लण्ड से डर भी रही थी. खड़े लौड़े का आकार सोच कर रीटा की चूत थर-थर कांप उठती थी.

राजू से अलग हो कर रीटा शीशे के सामने खड़ी हो अपनी हालत सुधारने लगी. रीटा ने अपने मसली-मुचड़ी और गीली स्कर्ट और शर्ट उतार फ़ेंकी और जन्मजात नंगी हो गई. अब रीटा के जि़स्म पर हाई हील और ज्वैलरी के अलावा पर एक धज्जी भी नहीं थी. राजू को खड़की और चुदी हुई रीटा और भी मस्त और सैक्सी लगने लगी. रीटा के गोरे-गोरे बदन पर राजू के चुम्बनों की मुहरें, दांतों के नीले नीले कचौके, हाथों के ठप्पे, ऊँगलियों की धसावट, घुटनों और कोहनियों पर कारपेट की रगड़ के लाल निशान गीली जांघें बहुत ही लुभावनी लग रही थी. बिखरे उलझे बाल, आँखों का फैला काज़ल और मेकअप, गीली चूत, रिसती गाण्ड, चुसे हुऐ चुच्चे और सूजे होंट तो देखते ही बनते थे.

राजू का लण्ड दुबारा छत की तरफ तना देख रीटा डर कर चीख मार के भागने लगी तो राजू ने रीटा को उठा किंग साईज़ बैड पर पटक दिया और रीटा की अंगुलियों में अंगुलियाँ पिरो कर फड़फड़ाती रीटा को दबोच कर चित कर लिया. राजू रीटा के घुटने मोड़ कर रीटा को कंधों से मिला दिये और बोला- जाती कहाँ है साली! माँ की लौड़ी, अभी तो तेरी मां की चूत भी मारनी है.

बेचारी तीन-फोल्ड हुई रीटा किसी घायल हिरणी की भांति छटपटा कर रह गई- आहऽऽऽ नहीं छोड़ो मुझे! प्लीज़ छोड़ो नाऽऽऽ! मैं मर जाऊँगी, आपका बहुत बड़ा है.

पर जब राजू ने अपना लण्ड का सुलगता सुपारा रीटा की नन्ही चूत के चीरे पर आगे पीछे फिसलाया तो रीटा का बदन ढीला पड़ गया और ना-नुकर हाँ में तबदील हो गई. रीटा मचलने के बहाने अपनी फड़फड़ाती चूत को राजू के लण्ड को चूत में गपकने लगी तो राजू शरारत में लण्ड को पीछे खींच कर रीटा को सताने लगा तो रीटा ने राजू की गाल पर जोर से चपेड़ लगा कर गन्दी गन्दी गालियाँ बकने लगी- बहनचोद! माँ के लौड़े, अब डाल अंदर और चोद अपनी बहन को! साले मादरचोद, चोद नाऽऽऽऽ.

राजू ने रजामंद रीटा को जैसे ही ढीला छोड़ा तो रीटा ने झट से राजू का लण्ड पकड कर अपने चूत के मुँह पर सटा के नीचे से खींच के धक्का जमा दिया. ऊपर से रीटा ने अपनी हाई हील राजू के चूतड़ों में चुभो कर राजू को अपनी तरफ दबा लिया. पलक झपकते ही राजू का लण्ड का आलूबुखारे सा सुपारा रीटा की चिकनी चूत में था. ऊपर से रीटा राजू के लण्ड के सुपाड़े को चूत से चिकोटी काटने लगी. रेशम सी मुलायम चूत तन्दूर सी गरम और दहक रही थी और पहली चुदाई के पानी से अभी भी पच्च पच्च गीली थी.

राजू का लण्ड अब रीटा की चूत की झिल्ली पर दबाव डाल रहा था पल भर के लिये दोनों ठहर से गये और राजू ने रीटा की झील सी आँखों में झाँख कर पूछा- चोदूँ?

‘चौदिये नाऽऽऽ!’ चुदास की ठरक भाव विभोर हुई रीटा शहद से मीठे स्वर में बोली.

पीड़ा के डर से आँखें भींच और थूक निगलती रीटा की टांगों ने घड़ी के दस बज कर दस बजा दिये.

राजू ने रीटा की चीख को दबाने के लिये रीटा के होंटों को फिर अपने होंटों में दबा लिया और चूसने लगा. राजू ने कड़ियल लण्ड को बाहर खींच कर वापिस रीटा की चूत में पूरे वेग से वापिस धकेल दिया. लण्ड राजा अपने ट्टटों की सेना समेत, रीटा रानी की चूत की सील को तोड़ता और धज्जियाँ उड़ाता हुआ, चूत की मुलायम दीवारों को बेरहमी से रगड़ता हुआ अंदर और अंदर और अंदर घुसता चला गया.

दर्द की वजह से रीटा बुरी तरह से राजू की मजबूत बाहों में फड़फड़ाई और उसकी आँखें बाहर उबल पड़ी. राजू अब भी बुरी तरह से रीटा के होंटों के चबाये और चूसे जा रहा था और रीटा की चीखें गले में ही घुट कर रह गई थी और वो घूं घूं की आवाजें निकालने लगी.

रीटा अपनी छोटी छोटी हथेलियों से राजू को अपने ऊपर से धकेलने की असफल कोशिश कर रही थी पर राजू ने लौंडिया को अपने शिकंजे में बुरी तरह से जकड़ रखा था. रीटा की चूत से निकलते पानी में हल्का सा खून भी आने लगा था. पीड़ा में करहाती रीटा को मोनिका की बात याद आ गई कि चूत और दूध गर्म हो कर ही फटते हैं और दोनों के फटने की अवाज नहीं आती, बस फट जातें हैं.

लगभग दो मिनट तक राजू दर्द से बिलबिलाती और करहाती रीटा को बाहों में दबाये उसकी चूत की कसावट, गर्मी और नर्मी का मजा लेता यूँ ही पड़ा रहा. जैसे ही चूत और लण्ड की गरमी एक हुई और बेहाल हुई रीटा ने निढाल सी होकर चूत ढीली छोड़ी तो कसाई राजू ने अधमुइ रीटा को रूई पिजंने वाली मशीन की तरह पिजंना शुरू कर दिया. रीटा के ऊपर की साँस ऊपर और नीचे की साँस नीचे रह गई. पहले एक मिनट तो रीटा को लगा वह मर जायेगी, परन्तु तुरन्त ही रीटा का दर्द काफूर हो गया और वह अलौकिक स्वर्गिक सुख में विचरण करने लगी.

चुदती चूत ने ठेर सारा पानी उगल दिया, तो लण्ड बिना तकलीफ अंदर बाहर घचर पचर की मीठी मीठी आवाज के साथ चूत में अन्दर बाहर फिसलने लगा.

अब राजू ने छमक छल्लो को चुच्चियों से पकड़ कर ठप्पे पे ठप्पे मारने आरम्भ किये, तो रीटा की ठरक सातवें आसमान पर और मस्ती अंतिम छोर तक पहुँच गई. अब तो बेशर्म रीटा अपनी चूत को पूरी तरह से ढीला छोड़ कर गाण्ड को एक एक फुट ऊपर उछाल देती.तब राजू तैश में वेग से धक्का मार कर उसकी उछाल को दुगने वेग से दबा देता, तो रीटा गुदगुदे बैड में धंस सी जाती. अन्ततः लण्ड का मुँह पीड़ा से बिलबिलाती रीटा की बच्चेदानी में फंस गया.

राजू का लण्ड जब जब रीटा की चूत में अंदर जाता तो राजू के लण्ड की गरारी पर चूत की मुलायम दीवारों की रगड़ से लण्ड मजे से गदगदा उठता और राजू बकरी सा मिनमिना उठता. तब लण्ड रीटा के दाने को रगड़ता हुआ रीटा की बच्चेदानी से टकरा कर रीटा को गुदगुदा जाता तो हरामी रीटा मजे से दोहरी हो प्यार में अपने चूचों को राजू के सीने से रगड़ कर राजू के मुँह पर चुम्बन जड़ देती. जब राजू लौड़े को बाहर खींचता तो रीटा अपनी चूत की फाँकों को ज़ोर से सुकौड़ कर लौड़े को पकड़ सा लेती.

एक बार तो राजू को लगा कि रीटा की चूत उसके लन का कचूमर सा बना देगी. नन्ही रीटा के जोश खरोश के सामने राजू के हवली लौड़े की हवा सरक गई.

चूत बेहद कसी और लौड़ा बहुत मोटा होने की वजह से रीटा की चूत से पानी फिच्चक पिच्चक करके पिच्चकारियों जैसे निकल रहा था. रसीली चूत के पानी से झाग और झाग से बुलबुले बन के फटते जा रहे थे. लण्ड व चूत से पच्च पच्चर फच्च फच्चर की गुन्डी आवाजें, मस्ताई हुई रीटा की सुरीली ईसऽऽऽ ईसऽऽऽ सिसकारियाँ और किलकारियाँ, पलंग की चरमराहट राजू के दिल दहला देने वाले ठप्पों की थाप की आवाज और दोनों की बहकी बहकी साँसों ने वातावरण को और भी गर्म और रंगीला बना दिया.

वासना के उन्माद में रीटा आपे से बाहर होकर मदहोशी में अनाप शनाप बकने लगी- हायऽऽऽ ले ले मेरी चूत, ईसस ईसस चोद साले मां के लौड़े, चोद लड़की चौद चूतीया और जोर से धक्के मार, ऊईईईई मांऽऽऽ, येसस फासटर, याहऽऽऽ, हारडर, आहऽऽऽ आह फाड़ दे मेरी गुलाबो को सीईईईई, डोन्ट स्टाप रे, हाए मैं चुद गई रेएए, मेरी मम्मीईईई डेडीईई जीइ बड़ा मजा आ रहा है, चोद बहनचोद चोद अपनी बहन को, चोद मादरचोद आहऽऽऽ मेरे चोदू राजा मसल दे मेरी जवानी को, चटनी बना दे मेरी एकलौती चूत की, ईस ईईस ले मार ले अपनी बहन की चूत, भौसड़ी के हाय मेरे राजाऽऽऽऽ चक दे फटे देएए मेरी चूत ले वाहऽऽ शाबाश और जोर से यू बासटर्ड मदर फकर.

‘ले सम्भाल अपने बाप के लौड़े को ये लेएए और लेएए हायएएए मेरी रानी और जोर से कमर हिला आहऽऽऽ, ये ले भौंसड़ी की, आज चौद दूंगा, तेरी ऐसी की तैसी, तेरे जैसी कई रंडियों को मैंने चौदा, साली कुतिया, तेरी चूत फाड़ के तेरे गले में डाल दूंगा, मां की लौड़ी हंम्फ हंम्फ’ करते राजू ने अपने लण्ड से रीटा की चूत में आठ बना कर चोदना शुरू किया, तो रीटा की खुशी के मारे चीखें ही निकल गई.

‘हाय रेएए में तो गईईईई!’ यह कह रीटा राजू को अपनी गोरी गोरी टांगों और बाहों में दबोच कर राजू से बुरी तरह से चिपक गई और जंगली बिल्ली की तरह राजू के कन्धे में दाँत गड़ा दिये और भूखी चूत की दीवारों को लण्ड पर पूरे जोर से कस दीं.चोदू राजू रीटा की तँग चूत के चूस्से को सह नहीं पाया और वह भी रीटा के साथ झड़ने लगा. धमाके पे धमाका और पिचकारियों पे पिचकारियाँ! समय रूक सा गया.

रीटा सूखे तिनके की भान्ति काँपने लगी. दोनों हाँफते हुऐ एक दूसरे में समा जाने की कोशिश कर रहे थे. हाय हाय करती रीटा अपनी प्यासी चूत से राजू के लौड़े को पूरा जोर लगा लगा कर चूस रही थी. राजू को लगा कि जैसे रीटा की जानदार चूत उसके लण्ड को पी ही जायेगी. राजू का लौड़ा भी कसी चूत की रगड़ाई से लाल और जल सा रहा था. दोनों का भिन्डा कुत्ते और कुतिया की चुदाई के बाद की तरह अब भी भिडा़ हुआ था.

असल में रीटा की चुदाई कम और रगड़ाई ज्यादा हुई थी. धूमधाम से चुदी हुई खस्ता हालत में रीटा के बदन में रह रह कर दर्द की टीसने उठ रही थी. मस्त लण्ड की पिटाई से चूत खूब लाल और सूज गई थी और टांगें बुरी तरह कांप रही थी. राजू ने रीटा की हड्डी पसली एक कर दी थी और उसकी जवानी को चारों खाने चित कर दिया था. रीटा गली के नुक्कड़ पर चार कुत्तों से चुदी कुतिया की तरह कराह रही थी.

पर अब रीटा अपनी ठुकाई से पूरी तरह सन्तुष्ट थी. भयंकर ऐतिहासिक चुदाई के बाद रीटा की प्यासी जवानी तरोतर हो उठी और वह कली फूल बन गई. रीटा की बन्द चूत अब नये नये फूल की तरह थोड़ा सा खिल कर छोटी भौंसड़ी बन गई, चूत की बाहरी फाकें खुल सी गई थीं और बीच में से गुलाबी पंखुड़ियाँ अब दिखाई देने लगी थी. रीटा का अब फेवरेट गेम स्केटिंग से चुदाई हो गया.

देसी कहानी बाकी है अभी!
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