गोवा का बीच और देसी लौंडिया का साथ
मेरी दोस्त गीत और मैं हम दोनों गोवा घूमने गए थे। रात को बीच पर पार्टी चल रही थी, टिकेट लाकर हम दोनों भी पार्टी में शामिल हो गए. उस पार्टी में और उसके बाद क्या हुआ, इस कहानी में!
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Oral Sex ki Hindi chudai kahani
मेरी दोस्त गीत और मैं हम दोनों गोवा घूमने गए थे। रात को बीच पर पार्टी चल रही थी, टिकेट लाकर हम दोनों भी पार्टी में शामिल हो गए. उस पार्टी में और उसके बाद क्या हुआ, इस कहानी में!
शॉर्ट्स एक ही बार में पूरी चूतड़ों से नीचे आ गई और सलोनी के मस्त मक्खन जैसे नर्म, चिकने, उठे हुए गद्देदार चूतड़ पूरे नंगे हो गये... चूतड़ों के दोनों पट आपस में चिपके हुये थे...
अब मेरे नाजुक अंग पर उसकी मुट्ठी का अधिकार था, उसके होंठ उसके ऊपर थे, मुझे तो बस शान्त रह कर देखना था कि सलोनी आगे क्या करती है।
नए घर में पहली ही रात को मैं पूरा नंगा होकर अपनी बीवी मधु के साथ फ़ोन पर सेक्स चैट कर रहा था कि जोर की एक आवाज़ आई और मैं तुरन्त देखने भागा।
मैं सुबह के समय अपने घर की सबसे ऊपर वाली छत पर टहल रहा था तो भाभी सुबह में टॉयलेट से निकल रही थी और उन्होंने सलवार का नाड़ा भी नही बाँधा था, वो उसे बांधते हुए ही निकल रही थी।
‘ऊई माँआ... आशीष.. ये छोड़ो मुझे..’ मौसी अपने आपको छुड़ाने का नाटक करती हुई बोलीं। ‘आशीष तुम तो बड़े खराब हो.. कोई अपनी मौसी को ऐसे नंगी करता है क्या?’
शादी के दो साल बाद मैं और सीमा थाईलैंड में हम पत्ताया गए, वहाँ हमें तीन दिन रूकना था। इन तीन दिनों में हम दोनों ने खूब जम कर सेक्स मस्ती की।
मेरी मौसी की लड़की 15 साल बाद हमारे घर आई, शादी हो चुकी है. कोई समय था जब हम दोनों आपस में काफी आगे बढ़ गए थे. मैं बार बार उसे पुराने वक़्त की यादें दिला रहा था और वो बार बार बचती जा रही थी।
एक दिन मैंने उससे बोला- मैं आपको किस करना चाहता हूँ। वो मना करने लगी.. पर मेरी रिक्वेस्ट करने पर उसने मुझे किस कर दिया और मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से दबा दिए।
उस वक्त रात के दस बज चुके थे, उसने कहा- चलो घर चलकर बात करते हैं। मैं समझ गया कि आज इसका शिकार करने का मूड है.. सो मैं उसके साथ हो लिया।
हाय फ्रेन्ड्स मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। अन्तर्वासना पर कहानियां पढ़ कर मेरा मन भी मेरी सच्ची घटना को लिखने का हुआ.. जो मैं इस कहानी में लिख रहा हूँ। मेरा नाम संजय (बदला हुआ) है। मेरा रंग गोरा है और मेरा लंड भी काफी बड़ा और मोटा है। बात उस समय की है.. […]
मैं और मेरा दोस्त रिंकू, नई नई जवानी चढ़ी थी तो ज़्यादा बातें तो सेक्स की ही होती थी, किस के चूचे बड़े हैं, किसकी गांड बड़ी है, बस सारा दिन इसी चक्कर में उलझे रहते थे।
मैं तीन दिन के लिये अपने चचेरे भाई के घर रहने गया क्योंकि भाई को बाहर जाना था, भाभी अकेली रह जाती। उन तीन दिनों में क्या हुआ, इस कहानी में पढ़िये।
दीदी की मालिश करते हुए मैंने उसकी ब्रा और नाइटी उतरवा कर नंगी कर लिया और उसकी चूचियों की मालिश करने लगा। दीदी की कामुकता शिखर पर पहुंच गई थी, अब वो चुदने को आतुर थी।
मेरे ऑफिस के चपरासी की बहन कम्प्यूटर सीखने मेरे पास आई तो धीरे धीरे मैं उसे चोदने की सोचने लगा, उसके बदन को छूने लगा. और एक दिन मैंने उसे दबोच लिया.
मेरे पड़ोस में दो बहनें रहती थी। एक रात मुझे एक के साथ सोने का मौका मिला और मैंने अपनी हरकत शुरू कर दी। दीदी को गर्म कर लिया और चूत में लंड घुसाने लगा तो…
उनकी नाइटी ऊपर को चढ़ कर उनकी आधी पैंटी के दर्शन करवा रही थी। अब मुझे खुद पर ज़रा भी कंट्रोल न रहा.. मैं उनकी पैंटी के पास अपनी नाक ले जाकर उनकी चूत की सुगंध को सूंघने लगा।
मैं यह देख कर दंग रह गया कि दीपा ने नीचे कुछ भी नहीं पहना था। तभी दीपा ने अपनी उंगली कामिनी की चूत में कर दी और कामिनी ने भी अपने पैर का अंगूठा दीपा की चूत में कर दिया.
मुझ पर क्या नशा चढ़ गया था, मैंने भी कामिनी के होंठ चूसने शुरू कर दिए और अपनी उंगली उसकी चूत में घुमानी शुरू कर दी। वो मुझे खींचकर बिस्तर पर ले गई और अगले ही पल हम दोनों नंगी होकर एक दूसरी की चूत चूस रही थी।
मैंने सोचा 'अब रो तो रही ही है' इधर लंड भी अपनी पूरी औकात में था, मैंने फिर से जोर का धक्का लगाया और पेल दिया अपना लंड उसकी चूत में।