खुले स्थान पर चुदाई की कहानियाँ

खुले स्थान पर जैसे छत पर, समुद्र तट या बाग बगीचे में चुदाई की कहानियाँ

Khuli jagah par jaise garden, beech, road side, chhat par chudai ki kahaniyan

Stroies about sex fucking in the garden, at the beech, or on the roof

एक भाई की वासना -33

ह तो मुमकिन नहीं था कि फैजान को मेरे और जाहिरा की जिस्म के फ़र्क़ का अहसास ना हुआ हो। लेकिन अगर उसे पता चल भी गया था तो अब वो इस अँधेरे में और गेम का फ़ायदा उठाते हुए अपनी बहन के जिस्म के मजे लेना चाह रहा था। मैं भी उसे रोकना नहीं चाह रही थी।

गैर मर्दों के लण्ड से चूत चुदाई -1

वो काला आदमी लुंगी में था, ऊपर से वो बिल्कुल नंगा हो गया था।

मैं बोली- हटो.. वरना मैं शोर मचा दूँगी..

वो कामुकता से बोला- मैं बहुत देर से देख रहा हूँ.. गर्मी बहुत है तेरे जिस्म में.. आ जा तेरी आग बुझा दूँ रानी।

मेरा गुप्त जीवन-46

नैनीताल के सफ़र में मेरे दोनों तरफ दो लड़कियाँ बैठी. थोड़ी देर में एक ने अपनी चुन्नी मेरे ऊपर डाली और मेरा लंड ढूंढने लगी. मैं भी उसकी जांघ सहलाने लगा.

चूत चुदवाने की हवस

शादी से पहले ही मैं जवानी के मजे लेने लगी थी.. मेरी जवानी पूरी गदराई हुई थी, मेरी सख्त और गोल उठी हुई चूचियाँ सबको आकर्षित कर लेती हैं, मेरे चूतड लाजवाब हैं

एक भाई की वासना -20

मैं हिली तो फ़ैजान सोने का नाटक करने लगा। मैं बाथरूम गई तो फ़ैजान फ़िर अपनी बहन को चूमने लगा। मैं बाथरूम से आकर फ़ैजान के ऊपर लेट कर उसे चूमने लगी और चुदाई की।

जवानी का पहला खेल

मैं जवानी की शुरुआत में छत पर मुठ मारा करता था कि पड़ोस की एक जवान लड़की ने मुझे किताब पढ़ कर मुठ मारते देख लिया. उस पटाने के लिए मैंने उसे भी किताब पढ़वाई और..

कोकशास्त्र की रचना -1

एक बार कामरीश राजा के राज्य भूमि में ऐसी महिला का आगमन हुआ.. जिसकी चूत में हमेशा आग लगी रहती थी। उसकी सदैव एक ही इच्छा रहती थी कि उसकी चूत में दिन-रात मोटा और तगड़ा लंड डला रहे..

मेरा गुप्त जीवन -38

एक दिन गीति और विनी मुझे सिनेमा ले गई. वहां उनकी दो सहेलियां मिल गई, हम सब साथ बैठे. मेरी साथ परिणीता बैठी. कुछ देर बाद मुझे मेरी जान्घ पर कुछ महसूस हुआ.

बीवी की बगल में साली की चुदाई

मेरी साली मेरे घर आई हुई थी, एक रात उसे हमारे कमरे में सोना पड़ा. रात को मेरी नींद खुली तो उसकी स्कर्ट उठी हुई थी, मैं हिम्मत करके उसकी जाँघों को सहलाने लगा

मेरा चोदू यार-1

मेरे चोदू यार की बातें हैं इस कहानी में.. पढाई के दिनों में वो दूध देने घर घर जाया करता था, कहानी का पहला भाग सुबह सुबह एक आंटी को उसकी रसोई में चोदने का है

चूत की झांटें साफ करके चोदा

मैं गाँव का रहने वाला हूँ, सुबह को महिलाओं, लड़कियों को शौच करते उनकी चूत और चूतड़ देखने जाया करता था। एक दिन मेरी पड़ोसन लड़की मुझे गन्ने के खेत में जाते दिखी।

गोरी फिरंगन चूत में काला बैंगन सा लण्ड

मैं ऋषिकेश घूमने गया तो वहां गोरी फिरंगनें देख उसकी गोरी फुद्दी में अपना बैंगन सा लण्ड घुसाने का मन किया. एक सेक्सी गोरी पर मेरा दिल आ गया, उसे नमस्ते कर दी

मेरा गुप्त जीवन -25

मैं निर्मला संग नदी के घाट पर नंगी औरतों को देखने गया, झाड़ी के पीछे छिप कर हम चुदाई करने लगे साथ ही घाट पर देखा तो एक नई दुल्हन अपना ब्लाऊज उतार रही थी..

कॉरपोरेट कल्चर की चुदाईयाँ -1

मेरे पति बिजनेस मैन हैं, हमारे पास सब कुछ है, मेरे पति के अपने स्टाफ़ की लड़कियों से शारीरिक सम्बन्ध है, मैंने इस बारे में बात की तो कहने लगे- ज़िन्दगी बहुत छोटी है और हमें इसे एन्जॉय करना चाहिए..

मेरा गुप्त जीवन -24

चम्पा नई नौकरानी निर्मला को लाई, मेरे काम पर लगाने से पहले ही उसने उसको सब समझा दिया था.. कॉलेज जाने के दस दिन थे, इन दस दिनों में मैंने पूरी चुदाई की., निर्मला ने पानी गांड चुदाई की बातें भी बताई !

धोबी घाट पर माँ और मैं -7

मैं माँ की चूचियाँ मसल रहा था, माँ मेरे लौड़े को सहला कर मुठ मार रही थी… जब मैंने मां से कहा कि मेरा निकलने वाला है तो मां ने मेरा सुपारा अपने मुख में भर लिया

मेरा गुप्त जीवन -8

कम्मो, एक जवान विधवा, मेरी नौकरानी थी, उसने मुझे चुदाई करना सिखाया... मुझको चोदना काफी हद तक आ चुका था और मेरा मुझ पर कंट्रोल भी अब पूरा हो चुका था। मेरा लंड भी 6-7 इंच का हो गया था और उसकी मोटाई भी काफी बढ़ गई थी। एक दिन मैं घोड़ों के अस्तबल गया तो वहाँ के रखवाले ने मुझे घोड़ी हरी करने का नजारा देखने बुलाया तो कम्मो के कहने पर मैं घोड़े घोड़ी की चुदाई देखने गया… उसके बाद क्या हुआ… कहानी पढ़ कर मज़ा लें...

धोबी घाट पर माँ और मैं -1

हमारा पारिवारिक काम धोबी का था, मैं माँ के साथ नदी किनारे कपड़े धोने जाते थे... माँ देखने में बहुत सुंदर है, इस कारण गाँव के लोगों की नजर भी उसके ऊपर रहती होगी, ऐसा मैं समझता हूँ। जब माँ कपड़े को नदी के किनारे धोने के लिये बैठती थी, तब वो अपनी साड़ी और पेटिकोट को घुटनों तक ऊपर उठा लेती थी... खुद कहानी पढ़ कर मज़ा लीजिए...

दिव्या की चूत ने बहुत मज़ा दिया

मेरे फ़ोन पर एक एस एम एस आया- हाऊ आर यू? मैं दिव्या हूँ.. आपकी एक दोस्त है रीना.. मैं उसकी सहेली हूँ.. मैं आपसे दोस्ती करना चाहती हूँ.. आप मुझे दोस्ती करोगे?

मुझे लगा कि चलो दोस्ती ही सही..

फिर हम लोग रोज बात करने लगे। धीरे-धीरे उसके मैसेज से लगने लगा था कि वो मुझसे प्यार करने लगी थी..

कहानी पढ़ कर देखिए कि वो कैसे चुदी!

सोनी मौसी की चूत चुदाई-5

मैं मौसी के घर रह रहा था.. एक रात मौसी मुझे मौसा जी समझ कर मुझसे चुद गई, अब वो पूरी तरह से तैयार थीं मुझसे चुदाने को... एक दिन मौसाजी और उनकी बेटी को बाहर जाना था, तो घर में मैं और मौसी दोनों अकेले थे... उस रात मैंने मौसी को अपनी दुलहन बना कर सुहागरात मनाई... कहानी में पढ़िए कि क्या हुआ…

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