गैर मर्द से चूत चुदाई की कहानियाँ

अपने पति के अलावा किसी गैर मर्द से चूत चुदाई की कहानियाँ

Apne pati ke alawa kisi gair mard se chut chudai ki kahaniyan

Stories about sex relations of girls and ladies with a man not her husband

काम-देवियों की चूत चुदाई-3

उसने काँपते हाथों से उन पैकेट को खोला तो उन ब्रा पैन्टी को देखकर बोली- सर ये तो बहुत ही सुन्दर और बिल्कुल नए फैशन की बहुत अच्छी हैं। ये तो मंहगी भी बहुत होंगी।

काम-देवियों की चूत चुदाई-1

मैं उससे एक एक सामान उठाने को कह रहा था जब वो झुककर उठाती तो उसकी बड़ी बड़ी गोल मटोल छातियों को गहराई तक देख देख कर मेरी छाती पर सांप लोट रहे थे।

पहली चुदाई कोमल की चूत की

वो मेरे पास चिपक कर बैठ गई और मुझे चूमने लगी। फिर मैं कर भी क्या सकता। मेरे पास स्वर्ग की अप्सरा जैसी हसीना बैठी थी, मैं भी गर्म होने लगा, मैंने भी उसको चूमना शुरू कर दिया। मैं उसको चूमते हुए उसके स्तनों पर आ पहुँचा।

बचपन की सहेली

लव कुमार नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम लव कुमार है, मेरी उम्र 24 साल, ज्यादा हट्टा-कट्टा तो नहीं पर एक खूबसूरत बदन का मालिक हूँ मैं। लड़कियाँ मुझे चोकोलेटी बॉय कहती है। मेरा रंग साफ़ है और ऊपर वाले की दया से दो-तीन गर्लफ्रेंड भी हैं। मैं काफी समय से अन्तर्वासना की सेक्सी कहानियाँ पढ़ रहा […]

तुम बड़े बेदर्दी हो

नमस्कार मेरा नाम अभय है। मेरी उम्र 24 साल है। अविवाहित हूँ। देखने में हीरो लगता हूँ। मेरे घर के पास ही एक पति-पत्नी रहते हैं। पति महोदय शहर से दूर किसी और शहर में सरकारी सेवा में हैं। तीन माह में एक बार ही उनका घर आना सम्भव होता है। उनसे मेरी बातचीत होती […]

कमाल की हसीना हूँ मैं-46

शहनाज़ खान इस दौरान मैं कई मर्तबा झड़ी और मेरी चूत ने हर बार इस कदर पानी छोड़ा कि मेरी दोनों टाँगें बुरी तरह भीग गई थीं। साशा की भी करीब-करीब यही हालत थी। हम दोनों ही हाँफती हुई ज़मीन पर टाँगें पसारे दिवारों से पीठ टिका कर बैठ गई। ब्लू-फिल्म कब पूरी होकर रुक […]

इन्जेक्शन

खुशबू मेरा नाम सुषमा है, मैं शादीशुदा हूँ और मेरे तीन बच्चे हैं, मैं बहुत सुन्दर हूँ एकदम दूध सी गोरी ! मेरी कहानी एक डॉक्टर के साथ मेरे चक्कर की है, हम लोग गाज़ियाबाद की एक कॉलोनी में नये नये आए थे, मेरे पति ने वहाँ पर एक फ्लैट खरीदा था। मेरे पति एक […]

पर पुरुष समर्पण-1

मैं खुद ही हुक खोलने लगी। उसने मेरे हाथ हटाए और चट चट मेरे ब्लाऊज़ से सारे हुक खोल दिए, मेरी ब्रा को ऊपर सरका कए मेरे चुचूक को मुंह में लेकर किसी शिशु की तरह चूसने लगा।

जन्म दिन का तोहफ़ा-1

आपको मेरी कहानियाँ पसंद आ रही है उसके लिए शुक्रिया। पिछली कहानी पर किसी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि मैंने कैसे अपने दोस्त इमरान की गर्ल फ्रेंड शाहीन को चोदा ! तो बताना चाहता हूँ कि जो भी हुआ, वो उसकी मर्ज़ी से हुआ। मैं जबरदस्ती के सख्त खिलाफ हूँ। सेक्स जिस्मों का खेल […]

मेरी आप बीती: पहला सहवास-1

उत्तेजना से मेरी हालत खराब हो रही थी। मैं चाह रही थी कि उनकी जीभ मेरी योनि में प्रवेश कर जाये और पहले की तरह ही वो अपनी जीभ से मेरी इस आग को शांत कर दें

पार्टी में मिली निशा

मेरा नाम विक्की है, मैं 22 साल का युवक हूँ। बात दो महीने पहले की है जब मैं अपने दोस्त वासु के भाई की शादी में गया हुआ था और मेहमानों की खातिरदारी में लगा हुआ था कि अचानक मेरी नज़र एक शादीशुदा औरत पर पड़ी। वो सांवले रंग की आकर्षक महिला थी, मुझे वो […]

खामोश शर्मिन्दगी

बहुत देर से रेलवे आरक्षण की लम्बी कतार में खड़े रहने के बाद अब मैं खिड़की के काफी क़रीब पहुँच चुका था। उसके आगे तीन लोग थे। गर्मी से मैं पसीने से तरबतर था। मैं स्टेशन का जायज़ा लेने लगा जो भीड़ से ठसाठस भरा हुआ था। बरसात के बाद की गर्मी ने हर किसी […]

पैसों के लिए शादी कर बैठी-5

मैंने झट से दरवाज़े की तरफ पीठ करके साड़ी उतार दी, ब्लाउज उतार दिया फिर पेटीकोट खोल जैसे नीचे हुआ, मेरे मदमस्त चूतड़ उसकी आँखों के सामने एक लाल पैंटी में सजे हुए दिखे।

पैसों के लिए शादी कर बैठी-2

मुझे नंगी देख उसको मेरे हुस्न का नशा होने लगा। उसके आगे आगे उलटी चलती हुई उसको पीछे आने का इशारा करती बेडरूम में ले गई और जाकर बिस्तर पर उलटी लेट गई।

दिल का क्‍या कुसूर-9

मुझे लगा कि इस बार मैं पहले शहीद हो गई हूँ। अरूण का दण्‍ड नीचे से लगातार मेरी बच्‍चेदानी तक चोट कर रहा था। तभी मुझे नीचे से अरूण का फव्‍वारा फूटता हुआ महसूस हुआ। अरूण ने अचानक मुझे अपने बाहुपाश में जकड़ लिया और मेरी योनि में अपना काम प्रसाद अर्पण कर दिया। मैं […]

दिल का क्‍या कुसूर-8

तभी अचानक मुझे अपने अन्‍दर झरना सा चलता महसूस हुआ। अरूण का प्रेम दण्‍ड मेरे अन्‍दर प्रेमवर्षा करने लगा। अरूण के हाथ खुद ही ढीले हो गये… और उसी पल… आह… उईईईई… मांऽऽऽऽऽ… मैं भी गई… हम दोनों का स्‍खलन एक साथ हुआ… मैं अब धीरे धीरे उस स्‍वर्ग से बाहर निकलने लगी। मैं अरूण […]

दिल का क्‍या कुसूर-7

उन्‍होंने अपने हाथ से मेरी ठोड़ी को पकड़ कर ऊपर किया और मेरी आँखों में झांकते हुए विनती सी करने लगे जैसे कह रहे हों, “प्‍लीज, मुझे अपनी प्राकृतिक अवस्‍था का दर्शन कराओ।” उनकी नजरों में देखते देखते पता नहीं कब मेरी पकड़ ढीली हुई और वो मुझसे थोड़ा सा अलग हुए… मेरी ब्रा और […]

दिल का क्‍या कुसूर-6

अरूण मेरे बिल्‍कुल नजदीक आ गये। मेरी सांस धौंकनी की तरह चलने लगी। अरूण ने चेहरा ऊपर करके अपने होंठ मेरे होठों पर रख दिया। आहहहह… कितना मीठा अहसास था। उम्‍म्‍म्‍म्‍म… बहुत मजा आ रहा था। मेरी आँखें खुद-ब-खुद बन्‍द हो गई। संजय के बाद वो पहले व्‍यक्ति थे जिन्‍होंने मेरे होठों को चूमा था… […]

दिल का क्‍या कुसूर-5

आखिर इंतजार की घड़ी समाप्‍त हुई और बुधवार भी आ ही गया। संजय के जाते ही मैंने अरूण के मोबाइल पर फोन किया। तो उन्‍होंने कहा, “बस एक घंटे में गाड़ी दिल्‍ली स्‍टेशन पर पहुँच जायेगी… और हाँ, अभी फोन मत करना मेरे साथ और लोग भी हैं हम तुरन्‍त मीटिंग में जायेंगे। मीटिंग खत्‍म […]

दिल का क्‍या कुसूर-4

मुझे पुरूष देह की आवश्‍यकता महसूस होने लगी थी। काश: इस समय कोई पुरूष मेरे पास होता जो आकर मुझे निचोड़ देता… मेरा रोम रोम आनन्दित कर देता… मैं तो सच्‍ची धन्‍य ही हो जाती। मेरा दायें हाथ अब खुद-ब-खुद तेजी से चलने लगा था। आहह हह… उफ़्फ़फ… उईई ई… की मिश्रित ध्‍वनि मेरे कंठ […]

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