मैं कॉलगर्ल कैसे बन गई-11
मेरा अनुभव था कि सभी लोग जैसे ही कोई पराई लड़की देखते हैं, तो उनका ध्यान उस लड़की के मम्मों और चूत पर ही जाता है कि किस तरह से इसको हासिल करके चुदाई के लिए इस्तेमाल किया जाए.
मैं आप सबको अपनी आपबीती सुना रही हूँ. मैं आजकल एक कॉल गर्ल हूँ और मुझमें शर्म नाम की कोई चीज अब मेरी डिक्शनरी में नहीं है. मगर मैं ऐसी ही थी नहीं.
मगर मेरे भाग्य में शायद यही कुछ लिखा था.
मेरे जैसे ना मालूम कितनी होंगी, जो इस दलदल में फंस कर निकल नहीं सकतीं.
मेरा अनुभव था कि सभी लोग जैसे ही कोई पराई लड़की देखते हैं, तो उनका ध्यान उस लड़की के मम्मों और चूत पर ही जाता है कि किस तरह से इसको हासिल करके चुदाई के लिए इस्तेमाल किया जाए.
मुझे एक पुलिस अधिकारी ने अपनी बहन बना कर मुझसे अपना काम करवा लिया था लेकिन उसने मुझे खुद हाथ भी नहीं लगाया था बल्कि वो मुझसे राखी बंधवाने मेरे घर आया और मुझे कालगर्ल का काम करने से मना किया. लेकिन मेरे दलाल मुझे कहाँ छोड़ने वाले थे... पढ़ें कि मेरे साथ क्या हुआ!
मेरी चुदाई की हिन्दी कहानी में आपने पढ़ा कि मैं काल गर्ल कैसे बनी. उसके बाद मेरी कम्पनी के बॉस को पटा चला तो वो मेरा फ़ायदा उठाने लगा अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए. एक बार मैं कम्पनी के काम से एक काल पर थी लेकिन फंस गई.
अब मेरी हालत ऐसी हो गई थी, जैसे मैं कोई खेलने की वस्तु थी. हर कोई मुझे अपनी गोदी में बैठाना चाहता था और रात को वो सब सच करवाना भी चाहता था, जो कोई भी अय्याश किसी लड़की के साथ करते हैं, मगर सुबह के उजाले में वो मेरी परछाई भी देखना पसंद नहीं करते थे.
मेरे पहले ग्राहक जो मेरी कुंवारी चूत का पहला चोदू था, उसने मुझे मोटी रकम का लालच दिया और शहर से बाहर एक फार्म हाउस पर ले गया. वहां एक सप्ताह तक मैं रही, वहां क्या क्या हुआ?
मेरी सहेली ने मेरी मजबूरी का फ़ायदा उठा कर मेरे कुंवारे जिस्म का सौदा कर लिया, मेरे अक्षत यौवन को पचास हजार में बेच दिया. पूरी रात मेरे खरीदार ने मेरे नंगे बदन को रौंदा. मेरी बेबसी की पूरी कहानी पढ़ें.
मेरे जिस्म के खरीदार अशोक ने मुझे चोद दिया था और अब वो मेरा हमदर्द बनने की कोशिश कर रहा था. उसने मुझे बताया कि मेरी सहेली पक्की दलाल है चूत की... फिर उसने मेरी और कमाई कराने का सुझाव दिया. क्या था वो सुझाव?
मेरी चुत मूसल लंड खा कर भी अभी भी पूरी तरह से खुली नहीं थी. उसने फिर से मुझे चित लिटाया और लौड़ा सैट करके एक ही झटके में अपने को मेरी नन्हीं सी चुत में अन्दर कर पेलना चाहा. मगर वो जब नहीं गया तो वो पागल सा हो गया, उसने अपने खड़े लंड पर कोई जैली को लगाया और ऐसे बोला जैसे कि वो मेरी चुत से बात कर रहा हो- मेरी मलिका तुम्हें तुम्हारा किंग याद कर रहा है.. इसे अपने आगोश में छुपा लो रानी.
मुझे चुदाई के टाइम कुछ फालतू बात सुनने की आदत नहीं है. सुबह जब चुत पूरी फूल कर लाल ना हो जाए और मम्मों पर मेरे दांतों के निशान ना पड़ जाएं.. तो फिर पैसे किस बात के लिए खर्च किये जाएं? यह सब होगा और बीच में कुछ बोलना मना है... अब मैं जो करता हूँ.. उसमें मेरा पूरा साथ दो. पैसे लिए हैं तो ढंग से चुदवाओ भी..
मेरे ऑफिस की एक लड़की खुद तो काल गर्ल थी ही, वो दलाली भी करती थी. वो मुझे अपने चंगुल में फंसाना चाहती थी और मैं उसके चंगुल में फंसने के लिए मजबूर होती दिख रही थी. पैसे की जरूरत होती ही ऐसी है.
मैं आपको बताना चाहती हूँ कि मेरी कुंवारी चुत कैसे चुदी और फिर मैं कैसे चुदाई की शौकीन बन कर पूरी कॉलगर्ल बन गई. यह मेरी सच्ची कहानी है. मेरे जैसे ना मालूम कितनी होंगी, जो इस दलदल में फंस कर निकल नहीं सकतीं.