कमसिन लड़की की मोटे लंड की चाहत-10
आज मुझे बहुत मजा आया, आज पहली बार मैंने अपने सारे अरमान जो थे, पूरे कर लिए. आज का दिन, ये पल कभी नहीं भूलूंगी, बहुत ही मस्त बेइंतहा मजा आया. मेरे जिस्म की हर ख्वाहिश पूरी हो गई!
मेरी टीचर ने पढ़ाने के बहाने सेक्स कहानियां पढ़ा कर मेरे मुँह में अपना लंड देकर चुसवाया, फिर मैंने खुद गुड्डी गुड्डा की शादी के खेल के बहाने अपनी दीदी का बेटा पीयूष, जो मुझसे पांच साल छोटा है, उसके दोस्त और मौसी के लड़के से चुदाई का सोचा, पर मेरे पड़ोस के रोहण चाचा और उनके दो साथी मनोहर और दिनेश ने मुझे देख लिया था. फिर उन तीनों ने मुझे बेदर्दी से चोदा. ये सब मेरी इस कहानी का हिस्सा है.
आज मुझे बहुत मजा आया, आज पहली बार मैंने अपने सारे अरमान जो थे, पूरे कर लिए. आज का दिन, ये पल कभी नहीं भूलूंगी, बहुत ही मस्त बेइंतहा मजा आया. मेरे जिस्म की हर ख्वाहिश पूरी हो गई!
मेरा दिन रात चुदवाने का मन करता रहता है, लगता है कि कोई भी मर्द आये और बस मेरे जिस्म को मसलने लगे और मेरे मुँह में अपना लंड डाल दे, फिर चूत का और गांड को इतना चोदे कि मुझे कुछ होश नहीं रहे.
वो बोला- वन्द्या, तू मुझसे शादी कर ले, मैं अपनी बीवी को छोड़ दूंगा और तेरी चूत को सारी उम्र देखकर, चाटकर गुजार दूंगा, मैंने आज तक तेरी जैसी खूबसूरत गुलाबी चूत नहीं देखी.
चाचा ने मेरे दोनों चूतड़ों को फैला कर गांड के छेद को खोला और जोर जोर से गांड चाटने लगे. उन्होंने मेरी गांड में अन्दर तक अपनी जीभ घुसा दी. मैं जीभ की खुरदुरापन महसूस करके एकदम से उछल पड़ी.
चाचा बोले कि यह छोटी नहीं है बहुत खेली खाई है, जब मैं अभी अन्दर आया था तो यह अपनी मौसी के लड़के और बहन के लड़के से चुदाई करवा रही थी. दो दो लड़के एक साथ इसके ऊपर चढ़े हुए थे.
चाचा को मेरी नंगी गांड दिखाई दे रही थी, सामने मम्मी का पेटीकोट मुझे नजर आया. जैसे ही मैंने पेटीकोट को उठाया, तभी मुझसे पेटीकोट चाचा ने छीन लिया- मुझसे क्या छुपा रही है, मैंने तेरा सब कुछ देख लिया..
साली, तेरी गांड बहुत बहुत हॉट है.. भैन की लौड़ी क्या उठान है तेरे चूतड़ों के.. काश और पहले तुम मुझसे खुल जातीं तो हम आज तक में हम दोनों कितनी बार मस्त चुदाई कर चुके होते!
जैसे ही मैं सामने घूमी तो एकदम से लालजी मुझे देखता ही रह गया. मैं ब्लाउज और पेटीकोट में थी. मेरा पूरा नंगा पेट, खुली नाभि और ब्लाउज में उभरे हुए चूचे देख कर कोई भी पागल हो जाता.
टीचर मौका देख कर मेरे मुँह में अपने लंड डाल देते, मैं लंड को चूस लेती, मुझे अब लंड का स्वाद अच्छा लगने लगा था. कभी कभी सर मेरी स्कर्ट में हाथ डाल मेरी मखमली चूत में उंगली भी करके मुझे झड़वा देते थे.
मेरी टीचर ने पढ़ाई के बहाने सेक्स कहानियों की किताब देकर पढ़वाई और फिर मुझे अपनी वासना का खिलौना बनाना चाहा, मेरे मुँह में अपना लन्ड चुसवाया, फिर मैंने खुद गुड्डे गुड़िया की शादी का खेल खेलने के बहाने...