जेम्स की कल्पना -6
कल्पना के जबड़े दुख रहे थे, योनि दुख रही थी, अंग-अंग टूट रहा था। उसने मन में झाँककर देखा, कोई अपराध-बोध तो नहीं? नहीं, ऐसा कुछ नहीं। उसने जो किया है सोच-समझकर किया है।
जेम्स दूसरे दंपति की बीवी कल्पना के साथ सेक्स संबंध स्थापित करता है मगर एक दुखद घटनावश उसकी अपनी पत्नी डायना का दूसरे के पुरुष के साथ संभोग नहीं हो पाता और विनिमय कार्य अधूरा रह जाता है। जेम्स की कल्पना पूरी हो पाई?
कल्पना के जबड़े दुख रहे थे, योनि दुख रही थी, अंग-अंग टूट रहा था। उसने मन में झाँककर देखा, कोई अपराध-बोध तो नहीं? नहीं, ऐसा कुछ नहीं। उसने जो किया है सोच-समझकर किया है।
मोटे होठों की खड़ी फाँक, बीच में गहरा भूरापन लिये- जैसे किसी ने पाव रोटी को बीच से काटकर अंदर चॉकलेट दबा दी हो। जेम्स होठों पर जीभ फेरने लगा। कल्पना आधी आँखें मूँदे पलकों की झिरी से देख रही थी।
कल्पना ने जेम्स के बार-बार इसरार पर एक बार ठहरकर अच्छे से लिंग को अंदर-बाहर होते देखा, फिर आँखें बंद कर लीं। उसने योनि को मथते लिंग को कमर उचकाकर और नजदीकी दी!
लड़की ही लगती है, उम्र में बड़ी होने के बावजूद… कसे बदन की… ताजगी और सुंदरता से भरी! उसके अपने शब्दों में एकदम 'हॉट' 'सेक्स' और 'फकिंग' के लिए ही बनी हुई।
कल्पना बुरी तरह ठगी गई थी बेचारी… दूसरा पुरुष उसे भोगकर चला गया था और जाकर अंगूठा दिखा दिया था। भला कौन सा ऐसा मर्द होगा जो अपनी बीवी को चुदवाकर यूँ अपना-सा मुँह लिए लौट जाए?
दो दम्पति अपने साथियों की अदला-बदली के लिए मिलते हैं। जेम्स दूसरे दंपति की बीवी कल्पना के साथ सेक्स संबंध स्थापित करता है मगर एक दुखद घटनावश उसकी अपनी पत्नी डायना का दूसरे के पुरुष के साथ संभोग नहीं हो पाता और विनिमय कार्य अधूरा रह जाता है। यह उसी अधूरे विनिमय के अंतर्गत जेम्स और कल्पना के संयोग के बेहद उत्तेजक कामुक अनुभवों की कहानी है।