साइबर कैफे में लड़की की चुदाई

ronitrajkot 2004-07-13 Comments

लेखक: रोनित, राजकोट

हेल्लो दोस्तों मेरा नाम रोनित हे मैं राजकोट का रहेने वाला हू मैं उम्र २३ साल है और में एक अच्छा खासा दिखता हू मेरा रंग भी गोरा हे चलो ये बात तो मेरी पहचान की थी अब में आपको मेरी पहली मगर सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हू मैं राजकोट में अपना एक साइबर कैफे चलाता हू वह पे काफ़ी सारी लड़कियों का आना जाना रहता हे मगर में एक बहुत शर्मीले टाइप का बंदा हु

मुझे याद हे ये पिछले साल की बात हे शाम के ७:३० बजे होंगे तब में कैफे पर अकेला था और एक सुंदर सी लड़की आई उसने अपना नाम कृपा बताया था वो मेरे सामने के कंप्यूटर पर बेठी थी वो बाला की खुबसूरत लग रही थी उसने शोर्ट शर्ट और लो वेस्ट जींस पहनी थी दोस्तों उसका क्या फिगर था ३६ २६ ३६ एकदम उभरे हुए निप्पल थे उसके उसने मुझे कोप्म्पुटर ख़राब होने का बहाना बना के अपने पास बुलाया मैं ने जाके चेक किया तो बिल्कुल सही चल रहा था मगर उसने मुझे कहा की उसे ठीक से कंप्यूटर आता नही हे तो में उसको थोड़ा सा सिखा दू मैने कहा ठीक हे

जेसे ही में उसके बाजू में बैठा कि उसने पहले नीचे से अपने पैर को मेरे पैर पर रखा और धीरे धीरे उसको सहलाने लगी में एकदम दंग रह गया मुझे कुछ समझ में नही आ रहा था की में क्या करू फ़िर तो उसने धीरे धीरे मेरे लोडे पर अपना हाथ रख दिया मैने वहा से जाने की कोशिश की तो उसने मना किया और मेरा हाथ खीच लिया और कहने लगी की मेहरबानी करके मुझे अकेला मत छोड़ो मुझे तुम बहुत अच्छे लगते हो मैने कहा ये क्या बात हे अभी तो हम पूरी तरह से एक दूसरे को जानते भी नही हे और तुम मेरे से ये सब कर रही हो और आगे में कुछ बोलू इससे पहले तो उसने मुझे किस कर दिया और मेरे मुह में अपनी जबान डाल दी बस फ़िर क्या था में भी तो आख़िर इन्सान ही हूँ में भी उसे अच्छे से किस करने लगा

वो मेरी जुबान को चूस रही थी और में उसकी तभी मैने अपना एक हाथ उसके बूब्स पर रख दिया तो उसने कुछ नही बोला बल्कि उसने मेरा दूसरा हाथ पकड़ के उसकी गांड पे लगा दिया और जोर जोर से बोलने लगी ओह रोनी दबाव इसे जोर जोर से दबाव मगर में डर रहा था की कही कैफे पर कोई और कस्टमर आ न जाए सो मैने उसे वही पे रोका और उसको बोला की हम कही अकेले में आराम से मिलके एन्जॉय करेंगे उसने कहा ठीक हे तो में इस सन्डे को सूबे ६ बजे तुम्हारे कैफे पर आउंगी उसने बोला मगर मैने कहा इतनी सुबह क्यों भला उसने कहा सर्दियों के दिन हे सुबहे सुबहे का मजा ही कुछ और आएगा वेसे भी में घर से सुबह वाक् के लिए निकलती हू सो घर पे सब को पता हे और ६ बजे थोड़ा सा अँधेरा भी होगा क्यूकि सर्दी का मोसम था उसने कहा की तुम्हे कोई प्रॉब्लम तो नही हे ना मेने सोचा और अपने आप से कहा एसा मोका फ़िर नही मिलेगा मेने कहा थी हे फ़िर उसने मुझे एक किस की और निकल गई

२ दिन बाद सन्डे था में सुबहे सुबहे जल्दी उठा फ्रेश हुआ और फुल स्पीड से कैफे पहुंचा और मेने अन्दर सब ठीक किया थोड़ा रूम फ्रेशनर भी लगा दिया और तभी वो आई और आते ही मुझसे लिपट गई मेने कहा एक मिनिट दरवाजा तो बाँध करने दो फ़िर मेने दरवाजा बंद किया और वो सीधे आके मुझसे लिपट गई फ़िर क्या था वो जोगिंग सुइट में आई थी खुले लंबे बाल हम दोनों ने करीब १० मिनिट तक किस किया और एक बार तो उसने मुझे काटा भी मगर मेने कुछ नही कहा उसे वो कभी गरम हो रही थी मेने उसकी जिप खोली तो उसने अन्दर पिंक कलर की ब्रा पहनी थी जेसे ही मेने बूब्स प्रेस किया वो सिसकिया लेने लगी आःहा जोर से और जोर से उसके बूब्स काफी नरम थे फ़िर मेने ब्रा भी निकली और उसका एक निप्पल मुह में ले लिया बदले में उसने मेरी गांड पे जोर से दबाया और कहा आ मेरे रजा और चूष इसको फ़िर में चूमता हुवा उसके पेट तक आया और बादमे मैने उसके पेंट और पेंटी को भी उतार फेका

तभी उसने कहा के एक मिनिट फ़िर उसने मेरे सरे कपड़े निकले और मुझे हर जगह पागलो की तरह चूमने लगी और एक दो बार मैने निप्पल को भी काटा और वो नीचे आके तुंरत ही मेरा लोडा अपने मुह में लेने लगी और मैं अपने होश खो बेठा मानों में किसी स्वर्ग में हू मैने कहा रही अब मत तड़पाओ अकेली अकेली मजा मत लो मुझे भी चाहिए वो तुंरत समझ गई और सोफे पे लेट गई और मुझे अपने ऊपर उल्टा लेटा दिया फ़िर क्या था उसे जो चाहिए था उसे मिल गया और मुझे जो चाहिए था मुझे ६९ में आ गए यारो क्या चूत थी उसकी लगता था उसने कल ही शेव की हो काफी गरम भी थी मेने तुंरत ही अपनी जुबान निकली और कुते की तरह चाटने लगा वो भी काफी मजे से मेरा लोडा चूस रही थी करीब १० मिनट बाद मेरा पानी निकला और उसने बड़े आराम से उसे चाट लिया पूरा का पूरा फ़िर ५ मिनट के बाद उसने फ़िर से मेरे लोड को गरम किया और बोली मेहरबानी करके अब मुझे चोदो मुझसे अब और बर्दास्त नही होता

मैने कहा ठीक हे रानी मैने उसकी टांगे चोडी करके अपने कंधे पे लगा दी और अपना लोडा अन्दर किया मगर नही गया और उसे दर्द भी हो रहा था तो मैने कहा क्या हुवा वो बोली एक मिनिट और फ़िर उसने ढेर सारा थूक निकला मेरे लोडे पर और उसकी चूत पर लगाया और अपने हाथो से अपनी चूत को चोदा किया और बोली अब आजा मेरे राजा मेने कहा ये ले और एक ही झटके में पूरा का पूरा अन्दर डाल दिया वो चिल्लाने लगी और मर्जी गांड फटी मैने कहा चिलाओ मत दर्द बहोत हो रहा हे रोनी एक काम करो अब जल्दी से तुम्हारा लोडा अन्दर बाहर करो मैने वेसे ही किया

थोडी देर में वो गांड उछाल उछाल के चुदवाने लगी में भी उसके बूब्स को दबा रहा था उसे किस कर रह था थोडी देर के बाद वो बोली के मुझे तुम्हारे ऊपर आना हे मैने कहा ठीक हे में उठा और सोफे पे लेट ने जा रह था की उसे क्या सूझा और वो मेरी गांड में ऊँगली डाल ने की कोशिश कर रही थी के मैने उसका हाथ पकड़ लिया मैने कहा नही पहले मुझे तुम्हारी गांड मारने देनी होगी वो बोली आज नही फ़िर कभी और मुझे धक्का देके मेरे पर चढ़ गई क्या गजब की बाला थी वो मेरे ऊपर क्या मस्त लग रही थी लंबे बाल और बूब्स हिलते हुवे करीब १५ मिनट के बाद मेरा पानी निकल ने वाला था मैने कहा क्या करू उसने कहा अन्दर नही निकलना मुझे पीना हे तुम्हारा गाढा पानी बहुत मस्त चीज़ हे में ने कहा ठीक हे और वो उठ कर मेरा लोडा मुह में ले लिया और सारा पानी पी लिया फ़िर हम लोगो ने करीब आधे घंटे तक एक दूसरे को चूमा सहलया और उसने वादा भी किया के वो मुझे अपनी गांड मारने देगी … तो कैसे मैने उसकी गांड मारी मैं आपको दूसरी बार बताऊंगा… मेरे प्यारे दोस्तों ये मेरी पहली कहानी हे अन्तर वासना के लिए अगर भूल हुई हो तो मुझे माफ़ कर देना

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