फेसबुक पर मिली शादीशुदा भाभी की प्यासी चूत

(Facebook Par Mili Shadishuda Bhabhi Ki Pyasi Chut)

अन्तर्वासना की कामुकता में खोए हुए दोस्तों को मेरा नमस्कार।

मेरी उम्र 20 साल है.. मैं जबलपुर में रहता हूँ और यहीं से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा हूँ। मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ.. अन्तर्वासना की हर कहानी पढ़ कर मुझे बहुत अच्छा लगता है।

मैं मेरी पहली चुदाई बताने जा रहा हूँ। मैं दिखने में ठीक-ठाक हूँ और शरीर भी एकदम मस्त है.. जो कि हर औरत और लड़की को पसंद आता है। मुझे चैटिंग करना बहुत पसंद है। जब भी मुझे टाइम मिलता है.. मैं फ़ेसबुक पर लगा रहता हूँ।

एक बार मैं अपने एक दोस्त की फ्रेंड लिस्ट चैक कर रहा था कि मुझे एक लड़की दिखी.. उसका नाम आयुषी था। वो उम्र में मुझसे बड़ी थी.. इसलिए उसे लड़की न कहकर भाभी कहना ठीक रहेगा। मैं एक बात बता दूँ कि मुझे कामुक और सेक्सी भाभियां बहुत पसंद आती हैं। खैर.. मैंने उसे फ्रेंड रिकवेस्ट भेजी। दो दिन बाद मुझे अधिसूचना आई कि उसने मेरी रिक्वेस्ट स्वीकार कर ली।

बाद में दूसरे दिन में ऑनलाइन हुआ तो मैंने देखा कि वो भी ऑनलाइन थी.. तो मैंने उसे बात करना शुरू किया और हमारे बीच उस दिन तो कुछ ज्यादा बात नहीं हुई.. बस ‘हाय हैलो’ हुआ और यहाँ-वहाँ की बातें हुईं।

कुछ दिन बीते.. एक दिन हमारी कम से कम एक घंटा बात हुई और उसी बीच उसने पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
तो मैंने कहा- नहीं है।
मैंने भी पूछ लिया- तुम्हारा कोई ब्वॉयफ्रेंड है?
तो उसने कहा- नहीं है..

फिर हमारी रोज बात होने लगी।

एक दिन उसने बोला- मैं तुमसे मिलना चाहती हूँ।
तो मैंने कहा- ठीक है.. बताओ कहाँ मिलना है?
तो उसने कहा- जहाँ तुम बोलो?
मैंने सोचा कि कहाँ मिला जाए.. फिर मैंने कहा- ठीक है.. तुम मिलो तो फिर सोचेंगे कि कहाँ जाएंगे।

हमारा टाइम और दिन तय हुआ कि कहाँ मिलेंगे।

उसने कहा- तुम मुझे दोपहर के बाद तीन बजे गार्डन के पास मिलना।

दोस्तो, जबलपुर में बस-स्टैंड के पास एक बहुत ही जाना-माना उद्यान है.. जहाँ अक्सर जोड़ों का जमावड़ा लगा रहता है।

उस दिन तीन बजे मैं बाइक लेकर गार्डन के पास खड़ा हो गया और उसके आने का इंतजार करने लगा। उसका फ़ोन आया तो मैंने कहा- मैं गार्डन के बाहर खड़ा हूँ।
उसने कहा- मैं थोड़ी देर में पहुँच रही हूँ।
कुछ मिनट बाद फिर उसका फ़ोन आया कि मैं कहाँ खड़ा हूँ.. तभी उसकी नजर मुझ पर पड़ी और उसने कहा- रुको.. मैं वहाँ आ रही हूँ।

मैं इधर-उधर देख रहा था कि.. तभी मेरे पास एक लड़की आई और मुझसे कहा- हाय..
मैंने देखा तो एक खूबसूरत लड़की मेरे सामने थी। क्या गजब की थी.. क्या बताऊँ दोस्तो.. दिखने में एकदम कंटाप माल जैसी.. उसका 36-28-36 का फिगर.. उस पर उसने एक बहुत ही कसा हुआ सलवार-सूट पहना हुआ था।

मैं तो उसको निहारता ही रह गया। तभी उसने कहा- हाय.. मैं आयुषी।
तब मैं होश में आया और मैंने कहा- यार मैं तो तुम्हें पहचान ही नहीं पाया। तुम तो फोटो में एकदम अलग दिखती हो और..
तो उसने कहा- और क्या??

मैंने मन में सोचा कि इतना गदराया बदन है.. और क्या चाहिए।

तभी मैंने बात को बदलते हुए कहा- चलो कहीं घूमने में चलते हैं.. वहीं जाकर बातें करेंगे.. क्योंकि उस गार्डन में बहुत चहल-पहल रहती है.. और हमें कोई भी पहचान सकता था।
उसने कहा- ठीक है।

फिर हम एक रेस्तराँ में गए। अब मुझे कहाँ पता था कि कौन से रेस्तरां में लड़की को लेकर जाना चाहिए। मैं तो नजदीक के ही काफी हाउस में ले गया। वहाँ जाकर हम थोड़ी देर बैठे और हमने शीतल पेय मंगवाए और फिर मैंने उसे पूछा- खाने में क्या लोगी?

उसने कहा- कुछ भी।
तो मैंने उसे कहा- तुमने मिलने बुलाया है.. तुम्हीं ऑर्डर करो।

मैंने वेटर से मेनू मंगाया और उसे दिया तो उसमें देख कर मुझे देखने लगी.. और कहा- मुझे सांभर-वड़ा आर्डर करना है।

मैंने वेटर से कहकर दो प्लेट आर्डर कर दिए और साथ में हम दोनों के लिए कोल्ड-काफी भी लाने को कहा।

थोड़ी देर में वेटर आ गया.. और हम खाने की तैयारी करने लग गए.. बीच में उसने दुबारा पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने कहा- नहीं है.. अभी तक कोई मिली नहीं..
उसने कहा- कोई बात नहीं।

हम दोनों टेबल से सट कर बैठे थे.. बातों-बातों में मेरा हाथ उसकी काफी से लग गया.. जिससे उसके स्तन के थोड़ा नीचे तक काफी गिर गई और उसकी कमीज़ गीली हो गई.. मैंने उसे सॉरी कहा और वाशरूम का रास्ता बताया।

उसने कहा- कोई बात नहीं मैं अभी आती हूँ।

मैंने कोल्ड काफी विद आइसक्रीम मंगवाई थी.. तभी मन में सोचा कि काफी तो इतनी ठंडी है.. स्तन के अन्दर तक छू गई होगी। इतना सोचते ही हमारे छोटे महाराज बड़े होने लगे। मैं अपने बड़े होते हुए मेरे महाराज को शांत करने की कोशिश करने लगा।
तभी वो वापस आ गई।

अब हमने जल्दी से काफी खत्म की और बाहर आ गए।

फिर हमने सोचा कि क्या करें, कहाँ जाएं। तभी मुझे याद आया तो मैंने उसे कहा- अगर तुम्हें कोई दिक्कत न हो तो यहीं एक पास में एक और रेस्तरां है।

और मैंने उसे बोला- वहाँ सब पर्सनल रूम टाइप के होते हैं.. हम वहाँ चल सकते हैं।
उसने कहा- मुझे कोई दिक्कत नहीं है।

फिर हम वहाँ गए और एक रूम ही बुक करा लिया और कुछ खाने-पीने के लिए मंगवाया और फिर हमारी बात शुरू हुई। हमने काफी समय तक बातें की..

उसी बीच उसने कहा कि वो शादी-शुदा है और उसके दो बच्चे भी हैं। उसकी उसके पति के साथ ज्यादा बनती नहीं है.. उनके बीच हमेशा झगड़ा होता है।

मुझे कोई आश्चर्य नहीं हुआ.. मैंने पहले ही अंदाज़ा लगा लिया था क्योंकि वो मुझसे उम्र में बड़ी थी।
उसने मुझसे कहा- तुमको कैसी लड़की चाहिए?
मैंने कहा- मैंने अभी तक सोचा ही नहीं कि मुझे कैसी लड़की चाहिए..

तो आयुषी हँसने लगी और मुझसे कहा- तुम्हें यह पता नहीं कि तुम्हें कैसी लड़की चाहिये और कह रहे हो कि तुम्हें कोई ऐसी लड़की मिली ही नहीं?
फिर हमारा हंसी-मजाक शुरू हो गया।

मैंने टाइम देखा.. तब 6 बज चुके थे.. मैंने उससे कहा- तुमको कितने बजे घर पहुँचना है?
उसने कहा- अभी तो बहुत टाइम है.. साढ़े सात तक घर पहुँच जाना है।
मैंने कहा- हाँ.. अभी तो बहुत टाइम है।

फिर बातों का दौर शुरू हुआ और उसी बीच उसने कहा- मैं अपने पति से तलाक लेने वाली हूँ।
फिर बातों ही बातों में वो रोने लगी और अपनी आपबीती सुनाने लगी।

मैं समझ गया कि ये अपने पति से संतुष्ट नहीं है.. ये सोचते ही मेरी आँखों में चमक आ गई।
मैं उसके पति को मन ही मन गाली दे रहा था.. साला चोदू इतनी खूबसूरत औरत की कदर नहीं है गांडू को।

उसने कहा- मुझसे अपनी बात शेयर करके उसे हल्का महसूस हो रहा है और ख़ुशी भी है।

मैंने अपना रूमाल निकाला और एक हमदर्द बनकर उसके आँसू पोंछने लगा। मैंने उससे कहा- जिन्दगी में ऐसा चलता ही रहता है.. इसमें रोना नहीं चाहिए.. रोना बंद करो और अब जब भी तुम्हें कोई परेशानी हो तो मुझसे बात करना।

उसी बीच उसने मुझसे कहा कि वह मुझे गले लगाना चाहती है और वो मुझसे लिपटकर रोने लगी।
मैंने उसे गले लगाकर चुप कराया।

फिर वह मुझसे अलग होकर बैठ गई और फिर थोड़ी देर बात की। कुछ मिनट बाद वह मुझसे फिर से लिपट गई और मैं भी उससे लिपट गया।
कुछ देर हम ऐसे ही बैठे रहे फिर उसने कहा- तुम मुझे अच्छे लगने लगे हो।

मेरे तो होश ही उड़ गए और पता नहीं मुझे क्या हुआ.. उस वक्त मेरे मुख से निकल गया- तुम मुझे पहली बार से ही पसंद हो।
उसने कहा- मैं तुम्हें किस करना चाहती हूँ।

बिना मेरे उत्तर की प्रतीक्षा किए.. वो मुझे किस करने लगी। मैं भी उसके रसीले होंठों को चूसने लगा।
कम से कम हमने दस मिनट तक चूमाचाटी की होगी.. हम दोनों गर्म हो गए थे। अब मुझसे रहा नहीं गया क्योंकि अब मेरा लौड़ा खड़ा हो गया था।

मैं एक हाथ से उसके कमीज़ के ऊपर से ही उसके मम्मे दबाने लगा। उसने कोई विरोध नहीं किया तो मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैंने थोड़ी देर के बाद एक हाथ उसके टॉप के अन्दर डाल दिया और उसे अन्दर से ही दबाने लगा। क्या कड़क-कड़क मम्मे थे यार.. क्या बताऊँ.. लगता था कि उसके पति ने उन्हें बहुत टाइम से उसे दबाया नहीं होगा।

फिर मैंने धीरे-धीरे करके उसका टॉप ऊपर कर दिया कंधे तक फिर उसकी ब्रा भी ऊपर कर दी और अब मैं उसके होंठों को छोड़ कर उसके मम्मे चूसने लगा। क्या रसीले मम्मे थे यार.. मैं तो जोरों से टूट पड़ा।

वह सिसकारियाँ भरने लगी- अह..ह..हा..
उसके मम्मों को मैं कुछ मिनट तक एक के बाद एक चूसता रहा, फिर उसने कहा- मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा।

मैं भी कहाँ रुकने वाला वाला था.. मैं नहीं रुका और सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत को मसलने लगा.. तो उसकी ‘अह..’ निकल गई।

मैंने धीरे-धीरे करके उसकी सलवार खोल दी और अपना हाथ डाल दिया और उसकी चूत मसलने लगा। वो सिसकारियाँ भरने लगी और ‘अह.. आह..’ करके कहने लगी- अब बस।

वह मना कर रही थी.. फिर भी मैंने उसकी कमीज़ को उतार दिया.. फिर उसकी सलवार भी।

अब मैंने उसको टेबल पर बिठाया और उसकी चूत में अपना मुँह डाल दिया और उसकी चूत पर धीरे-धीरे अपनी जीभ फेरने लगा.. तो उसकी एक मीठी सी सिसकारी निकल गई ‘अह ह्ह.. ओह ह्ह.. हम्म..’

मैं चूत चाटने का बहुत ही शौक़ीन बंदा हूँ और मुझे हल्के बालों वाली चूत पसंद आती है।
मैं उसकी चूत पर अपनी जीभ फेरने लगा.. वो पागल होने लगी और कुछ देर बद वह पूरी मस्ती में आ गई और मुझे अपनी चूत पर से हटा कर मेरी जींस की बेल्ट खोलने लगी और मेरी अंडरवियर में हाथ डाल कर मेरा लौड़ा निकाल लिया।

जैसे ही उसने मेरे लौड़े को देखा.. उसकी आँखों में चमक आ गई और वह मेरे लण्ड पर हाथ फेरने लगी।
फिर उसने कहा- टेबल पर बैठ जाओ।

अब वह मेरे लण्ड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। मेरे मुँह से भी एक सिसकारी निकल गई- ओह.. अह..

मैं उसके बालों में हाथ फेरने लगा और उसके सर को एक हाथ से पकड़ कर उसे हिलाने लगा और एक हाथ से उसके मम्मे दबाने लगा।

अब उससे रहा नहीं गया और वह खुद टेबल पर बैठ गई अपनी टाँगें फ़ैला कर मुझे अपनी टांगों के बीच खड़ा कर लिया और मुझे किस करने लगी।

फिर उसने अपने हाथ से मेरे लण्ड को अपनी चूत पर टिका दिया और मुझसे कहने लगी- जोर लगाओ।

और मैंने मौका ना गंवाते हुए एक जोर का झटका दिया और आधे से ज्यादा लण्ड उसकी चूत में डाल दिया। उसके मुँह से एक हल्की सी चीख निकल गई- अह्ह्हह्ह..

मैं थोड़ी देर रुका और उसे किस करने लगा और उसके मम्मे मसलने लगा और फिर थोड़ी देर बाद मैंने एक और झटका दिया तो मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में डाल दिया और उसके मुँह से फिर से एक बार चीख निकल गई।

फिर मैं धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करने लगा तो उसे भी अब मजा आने लगा और वह भी बोलने लगी- फक मी फक मी.. ओह.. अह.. हम्म..

वो सिसकारियाँ भरने लगी और मैं फिर जोर-जोर से उसकी चूत में अपना लण्ड अन्दर-बाहर करने लगा.. और वो आहें भरती रही ‘आह्ह.. ओह्ह.. ह्म्म्म.. और चोदो जोर से चोदो।’

उसकी इस अदा से मैं और ताव में आ गया.. और रेलमपेल मचाने लगा।

कुछ देर बाद उसने कहा- मैं झड़ने वाली हूँ और जोर से करो.. अह्ह्ह.. ह्म्म.. ओह्ह..और..
थोड़ी देर बाद उसने मुझे कस कर जकड़ लिया और वह झटके खाते हुए झड़ गई और तब मुझे भी लगा कि मैं भी जाने वाला हूँ तो मैंने उससे कहा- मैं झड़ने वाला हूँ।
तो उसने कहा- अन्दर ही करो.. मैं तुम्हारा वीर्य अपने अन्दर लेना चाहती हूँ।

मैंने कस-कस के शॉट मारे और मैं एक जोरदार पिचकारी के साथ झड़ गया।

हम कुछ देर ऐसे ही एक-दूसरे को चूमते रहे और फिर हमने कपड़े ठीक किए। अब तक सवा सात बज चुके थे.. मैंने उससे कहा- क्या मैं तुम्हें घर तक छोड़ दूँ?

उसने कहा- नहीं.. रहने दो.. मैं चली जाऊँगी.. कोई देख लेगा तो बेकार की पंचायत हो जाएगी।
मैंने उससे कहा- मैं तुम्हें तुम्हारे घर से थोड़ा दूर ड्रॉप कर दूंगा.. वहाँ से तुम चली जाना।
तो उसने कहा- ठीक है।

फिर मैं उसे बाइक पर छोड़ आया।

मैं उसे बहुत ही रोमांटिक तरीके से चोदना चाहता था.. पर ऐसे समय में मौका ही नहीं मिला।
खैर.. अब कहीं ऐसा मौका फिर मिलेगा तो इत्मिनान से चोदूंगा.. हड़बड़ी में ज्यादा मज़ा नहीं आता।

अपने हमदर्द की कहानी कैसे लगी, मुझे मेल करके बताएँ।
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top