कुछ पुरानी यादें : मरीज की माँ की चुदाई

(Kuchh Purani Yaaden: Mareej Ki Maa Ki Chudai )

गुरु आशिक 2017-10-08 Comments

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कुछ देर बाद मुझे आवाज सुनाई दी, मैंने आँखें खोली तो देखा कि मरीज के साथ जो महिला आई थी, वो मुझे जगा रही है. मैंने उठ कर समय देखा, तीन बज रहे थे, मैंने पूछा- क्या कोई दिक्कत है?
वो- नहीं बेटा, सब ठीक है… वो सो रहा है.
तो फिर आप यहाँ क्या कर रही हैं? आप भी सो जाईये!.
नहीं बेटा नींद ही नहीं आ रही है… दूसरे स्थान पर नींद नहीं आती मुझे.
‘पर मुझे सोने दीजिए.’
‘इतने बड़े होस्पिटल में कोई नहीं है, एक तुम हो और मैं… तो बोर महसूस कर रही थी. क्या मैं तुम्हारे पास बैठ जाऊं?’

मैं भी बैठ गया और वो मेरे नजदीक आ आकर बैठ गई.
मैंने पूछा- वो कौन है आपका?
वो बोली- बेटा है मेरा!

जब वह बोल रही थी तो उसका पल्लू उसके कंधे से सरक कर नीचे गिर गया तो मेरी नज़र उसकी चूचियों पर जा टिकी. मैं न चाहते हुए भी बार बार चूचियों को देख रहा था. पर मैं उसे वासना भरी नजरों से देखे जा रहा था.
वह अब सब कुछ समझने लगी थी.

जब मैंने उसके परिवार के बारे में पूछा तो वह कहने लगी- मेरे बेटा है, बहू है, तीन पोते हैं.
‘और आपके पति?’
‘वो नहीं हैं. मेरे पति के मरने के बाद मेरे बेटे और बहू ने दोनों मिलकर सताना शुरू कर दिया. बहू घर में है, मुझे यहाँ भेज दिया.’

फिर वह खड़ी होकर मेरे सामने साड़ी ठीक करने लगी, मुझसे रहा नहीं गया मैंने भी उसे पकड़ लिया और अपने सीने से लगा लिया. उसकी चूचियां मेरे सीने से दब रही थी. यह महसूस करके मेरा लंड खड़ा होने लगा था.
वह कह रही थी- नहीं बेटा, मुझे छोड़ दो, मुझे दर्द हो रहा है.
वह छूटने की नाकाम कोशिश कर रही थी.

मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था, मैंने अपने होंठ उसके सूखे होंठों पर रखे और चुम्मा लिया, फिर होंठों को चाटने लगा. लम्बी किस के बाद अपनी जीभ से उसके जीभ को चाटे जा रहा था. कुछ समय बाद उसकी छटपटाहट कम हुई. पर मैं उसकी जीभ को चाटे जा रहा था. धीरे धीरे उसकी गर्दन और उसकी चूचियों को कपड़ों के ऊपर से ही चाटने लगा था.

मैंने किस करते करते उसकी साड़ी और पेटीकोट को खोल दिया था. जैसे ही मैंने उसकी चूत पर हाथ लगाया तो वह मचल गई. उसकी चूत पर बड़े बड़े बाल थे. मैंने एक उंगली उसकी चूत में डालनी चाही पर पर आसानी से अन्दर नहीं जा रही थी क्योंकि उसकी चूत एकदम सूखी थी.

मैं अपनी उंगली उसकी चूत के अन्दर डाल कर आगे-पीछे करने लगा!
वो अब नियंत्रण से बाहर हो गई थी, वो आआह्ह्ह ह्ह ऊऊऊ ऊओह्ह्ह करते हुए चिल्लाने लगी- घुसाना है तो अपना लंड घुसा! इस उंगली से क्यों सहला रहा है?
एकाएक उसने मेरे लंड को पकड़ लिया.

मैंने फट से अपने सारे कपड़े खोल दिए, अपनी पैंट उतार दी और अपना 8″ इंच का लौड़ा बाहर निकाल लिया. मेरे लंड को देखते ही वो बोली- इतना लम्बा और मोटा? मुझसे नहीं होगा! अरे बाप रे… इतना बड़ा है.
और वह मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने लगी.

मैंने अपना लौड़ा उसके मुंह में डाल दिया और वो 5 मिनट तक मेरे लौड़े को चूमती रही, फिर अपने मुंह में लेकर चाटने लगी. वह मेरे लंड को जोर-जोर से चाटे जा रही थी और कह रही थी- दो साल के बाद मुझे लंड चाटने को मिला है, आज तो खूब चाटूंगी.
मैं कह रहा था- चाटो, आह आह… जोर से मुँह में लो.

काफी देर के बाद उसकी चूत ने धीरे धीरे पानी छोड़ना शुरू कर दिया था. मैं उठा और उसे लिटाकर अपना गीला लंड उसकी चूत पर रखा और उसे अन्दर डालने की कोशिश करने लगा. उसने अपने पैरों से मेरी कमर को जकड़ लिया. मैंने लंड डालना शुरू किया पर उसे कुछ नहीं हो रहा था.
मैंने एकाएक लंड को पीछे लाकर जोरदार धक्का दिया जिससे मेरा लंड उसकी चूत में पूरा चला गया. वह थोड़ा छटपटाई और उसकी चीख भी निकली- उईई ईई मार डाला रे आह्ह्ह उईई आआह्ह! बाहर निकाल दो! मुझसे और दर्द… आह्ह्ह… बर्दाश्त नहीं होता!

अब मैंने अपना लंड पूरी ताकत से उसकी चूत में घुसा दिया और जोर-जोर के धक्के लगाने शुरू कर दिए! कुछ देर बाद वो शांत हो गई और मेरे लंड का पूरा मज़ा लेने लगी. मैंने चोदना शुरू किया तो वह औरत बोली- जरा जोर से बेटा… और जोर से… और जोर से करो. फाड़ दो मेरी चूत को!

मैं पूरी ताकत लगाकर उसे चोदने लगा. मेरा लंड काफी तेजी से उसकी चूत में अन्दर-बाहर हो रहा था. वह मुझे अपने पैरों से मेरी कमर को जकड़ कर अपनी ओर खींच रही थी- ह्ह्ह उईई… मारो लौड़ा कस कर मारो… हाय रे मेरी तो निकली रे… बेटा… अरे अरे रे अह्ह्ह उईईई!
मेरे धक्कों में तेजी आ गई थी. वो तो चुदी चुदाई थी… उसे बहुत मजा आ रहा था. शायद नये लंड के कारण. मुझे तो हर धक्के में ऐसा ही लगता था कि अब वो झड़ी… बस अब ये आखरी… पर वो उछल उछल कर लंड अंदर ले रही थी. इतनी उम्र होने के बाद भी इतनी देर से चुदा रही थी.

वो मुझसे बेतहाशा लिपटने लगी, उसकी चूत में लहरें उठने लगी और उसकी चूत ने मुँह फ़ाड़ कर पानी उगल दिया. तभी इसी सुहाने आनन्द को उठाते हुये मेरा वीर्य भी उसकी चूत में भरने लगा. मैं अपना लंड दबा दबा कर अपना पूरा वीर्य उसकी चूत में निकाल रहा था.

वो मुझे अब अलग करने लिये झटके मार रही थी, मैं पूरा झड़ने के बाद उठ गया.
उसने कहा- ये क्या किया इस उम्र में मुझे!
मैं- आप ही कह रही थी कि बोर हो रही हूँ! मजा आया न?
मैं हंसने लगा.

थोड़ी देर में वो कपड़े ठीक कर मेरे पास बैठ गई. सुबह होने ही वाली थी.

अब मेरा जीवन ऐसा ही चलने लगा.
समाप्त
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