चूत एक पहेली -76

(Chut Ek Paheli- Part 76)

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अब तक आपने पढ़ा..

अर्जुन ने लौड़ा गाण्ड से बाहर निकाल लिया, एनी स्पीड से सीधी हुई और लौड़े को मुँह में लेकर चूसने लगी।
तभी अर्जुन के लौड़े ने एक.. दो.. तीन.. ना जाने कितनी पिचकारी एनी के मुँह में मार दीं, उसका पूरा मुँह वीर्य से भर गया, अर्जुन झड़ने के बाद भी एनी का सर पकड़ कर झटके दिए जा रहा था।

एनी ने सारा माल गटक लिया और होंठों को दबा कर अर्जुन के लौड़े से एक-एक बूँद निचोड़ डाली। अंत में अपनी जीभ से लौड़े को चाट-चाट कर अच्छी तरह से साफ कर दिया।
अर्जुन बिस्तर पर एक तरफ़ लेट गया और ‘आहें..’ भरने लगा।

अब आगे..

अर्जुन- हाय क्या मज़ा आ गया.. आज तो सच में किसी ने सच ही कहा था चुदाई का मज़ा तो अंग्रेजन के साथ ही आता है.. साली क्या गर्म माल है तू.. पहली बार में इतना मज़ा आया.. अब दूसरी बार चुदाई करूँगा.. तो और मज़ा आएगा।
एनी- तुम पागल है.. एक बार में ही 4 बार जितना चोदा.. मेरे को अब दूसरी बार चोदने की भी सोचने लग गया।

अर्जुन- अरे एक बार में थक गई तू.. कहाँ की फिरंगिन है.. तुझसे अच्छी तो मेरी देसी लड़की है.. वो भी बहुत छोटी सी.. जो मुझसे 4 बार चुदवा लेती है और ‘उफ़’ तक नहीं करती।
सन्नी- बेचारी डरती होगी तेरे से.. नहीं एनी जो पक्की है इस काम में.. उसकी तूने हालत बिगाड़ दी.. उसका तो पता नहीं क्या होता होगा।
सन्नी की बात सुनकर अर्जुन बस मुस्कुरा रहा था।

एनी- तेरे को तो जानवर होना माँगता था.. तुम किधर से आदमी बन के आ गया।
अर्जुन- अरे ऐसी कोई बात नहीं है.. उसको तो बड़े प्यार से पेलता हूँ.. असल में मेरा पानी निकालना मेरे काबू में है.. तू बहुत नाटक कर रही थी न.. इसलिए तुझे ऐसे तड़पा कर चोदा.. वरना इतना बुरा भी नहीं हूँ मैं..

सन्नी- मान गया उस्ताद तुमको.. मैं आज तक समझता था कि मैं ही चोदूँ हूँ.. मगर यार तू तो बहुत बड़ा खिलाड़ी है.. अब आएगा खेल का असली मज़ा। जब पायल तेरे नीचे होगी.. और उसकी चीखें उस कुत्ते के कान में जाएंगी.. और वो तड़पेगा.. तब मेरा इंतक़ाम पूरा होगा।
अर्जुन- अरे यार कहाँ तुमने पायल का नाम ले लिया.. उसका फिगर मेरी आँखों के सामने घूमने लगा.. अब तो इस फिरंगिन की खैर नहीं.. अबकी बार पायल के नाम से इसकी ठुकाई करूँगा।

एनी- नो वे.. अब दोबारा नहीं.. मैं अपनी लाइफ में एक बार की चुदाई में इतनी परेशान नहीं हुई।
सन्नी- अरे एनी.. क्या यार.. जस्ट चिल.. तुमने तो मुझे भी नंगा करवा दिया कि इससे कुछ नहीं होगा.. तुम मुझे शान्त करना.. अब ‘ना.. ना..’ कर रही हो इट्स नॉट फेयर यार..

एनी- नो सन्नी.. मैं नहीं जानती थी.. ये लड़का ऐसा होगा.. वैसे एक बात है मज़ा आ गया.. ऐसे दमदार लण्ड से चुदाई करके..
अर्जुन- ऐसी बात है.. तो एक बार और हो जाए.. यकीन करो अबकी बार प्यार से करूँगा.. तुझे ज़रा भी नहीं तड़पाऊँगा.. बस ‘हाँ’ कह दे तू..
सन्नी- हाँ यार.. मान जा ना.. तुझे डबल में मज़ा आता है ना.. आज दोनों बड़े लण्ड से डबल खेल कर देख मज़ा आ जाएगा।

एनी- ओके.. लेकिन जल्दी करना हाँ.. मुझमें ज़्यादा हिम्मत नहीं है.. कहीं ये फिर से ‘वन’ आवर तक लगा रहेगा चोदने में?
अर्जुन- अरे नहीं.. मैंने कहा ना.. अबकी बार जल्दी निकाल दूँगा.. चल अब ये बता.. मेरा चूत में लेगी या गाण्ड में लेगी?
एनी- अभी तो इतना पानी निकाल कर रुके हो.. पहले इसको खड़ा होने का टाइम तो दो।

अर्जुन- जानेमन.. तुम बस एक बार चुम्बन कर दो.. ये खड़ा हो जाएगा।
वैसे भी अबकी बार पायल के नाम से तेरी चुदाई करूँगा। इसको खड़ा करने के लिए उस कच्ची कली का तो नाम ही काफ़ी है..
अर्जुन ने ये कहा और ज़ोर की ‘आह’ भरी।

धीरे-धीरे उसके लौड़े में जान आने लगी.. जिसे देख कर एनी मुस्कुरा दी और अपने होंठ उस पर टिका दिए।
वो बड़े प्यार से सुपारे को किस करने लग गई.. एक ही मिनट में अर्जुन का लौड़ा फनफना उठा।
एनी- ओह्ह.. वाउ.. ये तो बहुत जल्दी खड़ा हो गया है।
अर्जुन- जानेजाना.. तूने जबाव नहीं दिया.. कौन से छेद में लौड़ा लेगी बोल?

एनी सोच में पड़ गई.. एक तरफ़ सन्नी का 8″ का लौड़ा था तो दूसरी तरफ़ अर्जुन का 9″ का.. आख़िर उसने तय किया कि अर्जुन गाण्ड का आशिक है.. तो गाण्ड में डालेगा.. और सन्नी उसकी चूत में मजा देगा।

फिर क्या था.. एनी ने पहले दोनों के लौड़े बड़े प्यार से चूस कर गीले किए उसके बाद सन्नी सीधा लेट गया और एनी उसके लौड़े पर बैठ कर चुदने लगी।
जब लौड़ा चूत में सैट हो गया तो वो सन्नी पर लेट गई, पीछे से अर्जुन ने अपना मूसल उसकी गाण्ड में घुसा दिया।

एनी- आऐईइ.. स्लोली.. माय डार्लिंग.. स्लोली.. योर पेनिस इज सो बिग.. आह्ह..
अर्जुन- अरे अभी तो तेरी गाण्ड को खोला है.. अब कैसा दर्द.. चल सन्नी शुरू हो जा नीचे से.. मैं ऊपर से इसकी ठुकाई करता हूँ।

सन्नी नीचे से ‘दे..दनादन..’ झटके देने लगा और ऊपर से अर्जुन उसकी गाण्ड का बैंड बजा रहा था।
एनी- आह्ह.. फक मी.. आह्ह.. फक मी हार्ड आह्ह आह्ह.. आह्ह.. आउच आह्ह..
अर्जुन तो एक ही स्पीड से लौड़े को अन्दर-बाहर कर रहा था और बस पायल का नाम लेकर गंदी-गंदी गालियां दे रहा था।

इधर सन्नी को झटके देने की जरूरत ही नहीं पड़ रही थी.. एनी अपने आप ही उसके लौड़े पर हिल रही थी।
करीब 20 मिनट तक यह ठुकाई चलती रही। एनी को डबल लण्ड का मज़ा आ रहा था। उसकी चूत अब किसी भी पल पिघल सकती थी।

एनी- आह्ह.. आह्ह.. फास्ट सन्नी.. आई एम कमिंग.. आह्ह.. फास्ट आह्ह..।

एनी की बातों ने दोनों को जोश में ला दिया। अब सन्नी नीचे से स्पीड से धक्के देने लगा और अर्जुन एनी की कमर पकड़ कर गाण्ड की रेल बनाने में लग गया।

एनी की चूत का रस बहने लगा.. वो लंबी साँसें लेने लगी और झड़ने का मज़ा लेने लग गई। कुछ देर बाद सन्नी का रस भी निकलने को तैयार था। उसने एनी को बताया तो एनी ने कहा- चूत में मत निकालना.. उसको लौड़े का रस पीना है।

अर्जुन ने जब ये सुना.. एनी को झटके से ऊपर उठा लिया और उसी स्पीड से सन्नी बैठ गया.. और उसने एनी के मुँह में लौड़ा घुसा दिया। एक सेकंड में उसका लावा फूट पड़ा और रस की धारा एनी के हलक में उतर गई।

अर्जुन तो अपना लौड़ा गाण्ड में ठोके जा रहा था.. उसका पानी कहाँ इतनी जल्दी निकलने वाला था।

एनी ने झटके खाते हुए ही सन्नी का लण्ड चाट कर साफ किया और घुटनों के बल घोड़ी बन गई।

अर्जुन- आह्ह.. ले मेरी फिरंगिन.. आह्ह.. उहह.. उहह.. ले पूरा ले.. आह्ह.. आह्ह..।
एनी- आह्ह.. मारो.. आह्ह.. हमारा गाण्ड फाड़ दो.. आज आह्ह.. तुम असली मर्द हो.. आह्ह.. आह्ह.. चोदो मेरी गाण्ड को आह्ह..।

थोड़ी देर तो अर्जुन झटके देता रहा। उसके बाद उसने लौड़ा निकाल कर एनी की चूत में घुसा दिया और उसकी कमर को पकड़ कर तेज़ी से धक्के देने लग गया.. जैसे आज चूत को फाड़ कर ही उसको सुकून मिलेगा।

एनी- आह्ह.. आह्ह.. जल्दी आह्ह.. निकाल दो उइ मेरी जान.. निकालने का इरादा है क्या.. आह्ह.. फास्ट आह्ह.. यईह.. यईह..आह्ह..।

अर्जुन तो ठहरा देसी बॉय.. वो तो बस ठुकाई करता रहा.. जल्दी करके भी उसने 20 मिनट और एनी की चूत को ठोका.. उसके बाद कहीं जाकर उसने लौड़ा चूत से बाहर निकाला.. तब तक एनी दोबारा झड़ चुकी थी।

अर्जुन- ले मेरी फिरंगिन रानी.. अब चूस कर इसका रस निकाल दे और पी जा सारा का सारा रस आज के बाद तू देसी बॉय को याद ही करेगी बस..।

एनी किसी भूखी बिल्ली की तरह लौड़े पर टूट पड़ी.. और पूरा मुँह में घुसा कर होंठों को दबा लिया।

अर्जुन को एनी का इशारा समझ आ गया तो उसने लौड़े को आगे-पीछे करना शुरू कर दिया। थोड़ी ही देर में अर्जुन के लौड़े से रस की धारा बह गई.. जिसे एनी ने गटक लिया और बड़े प्यार से लौड़े को चाट कर आख़िरी बूँद तक साफ कर दी।

अर्जुन- वाह.. जान.. मज़ा आ गया.. उस पायल का नाम लेकर चुदाई में इतना मज़ा आया.. तो खुद उसको चोदने में कितना मज़ा आएगा।
सन्नी- आएगा अर्जुन.. बहुत मज़ा आएगा.. मगर उसकी चीखें ऐसी होनी चाहिए कि पुनीत थरथरा जाए.. तब मुझे मज़ा आएगा..।
अर्जुन- तू बस देखना सन्नी.. उस रंडी को ऐसे चोदूँगा कि साली जिंदगी भर चुदाई के नाम से काँपती रहेगी।

थोड़ी देर तक तीनों बातें करते रहे। एनी ने कहा- तकलीफ़ तो हुई.. मगर ऐसे दमदार आदमी से चुदाई से मुझको मज़ा आ गया।

उसने दोबारा भी अर्जुन को आने की दावत दे दी। उसके बाद वो दोनों वहाँ से निकल गए।

उधर पायल और पुनीत ने भी शॉपिंग कर ली और घर चले गए। वैसे पायल ने रात के लिए क्या ड्रेस लिया.. ये पुनीत भी नहीं जानता था.. जब पुनीत ने जानना चाहा.. तो उसने कहा- रात को ही देख लेना.. जब मैं पहनूँगी।

दोस्तों अब सुबह से दोपहर हो गई और कुछ ऐसी बात भी नहीं हुई.. जो आपको बताऊँ.. तो ऐसा करते हैं सीधे शाम का सीन ही आपको बता देती हूँ।

आप तो बस जल्दी से मुझे अपनी प्यारी-प्यारी ईमेल लिखो और मुझे बताओ कि आपको मेरी कहानी कैसी लग रही है।

कहानी जारी है।
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