हैंडसम पंजाबी मुंडे का सेक्सी लंड-3

(Handsome Punjabi Munde Ka Sexy Lund-3)

तो मेरी सेक्स कहानी के पिछले भाग
हैंडसम पंजाबी मुंडे का सेक्सी लंड-2
में आपने पढ़ा कि अर्जुन मेरे साथ सो रहा था और मैंने उसके लंड के साथ खेलना शुरू कर दिया.

मैं इसी तरह चुसाई कर रहा था कि अचानक से अर्जुन पूरा हिला और अपना लंड खुजलाने लगा.
मैं ये जानते हुए भी कि अर्जुन सब जानता है और मेरा साथ दे रहा है फिर भी मैं डर गया और एकदम ऊपर आकर सोने का नाटक करने लगा. मुझे बहुत डर लग रहा था और मैं उसी अवस्था में आँखें बंद करके लेटा रहा.

अर्जुन कुछ देर अपने खड़े लंड को सहलाता रहा और फिर जब उससे सहा नहीं गया तो वो बोला मेरा नाम लेकर- चूसेगा मेरा लंड?
मैं बहुत ही खुश था कि वो खुद से बोल रहा है लेकिन उस समय मेरा डर मुझ पर हावी हो गया और अर्जुन मेरे जवाब का इंतज़ार करते करते थक गया! कुछ देर बाद वो उठा और बाथरूम में जाकर मुठ मारकर वापिस आया और मेरे साथ ही पहले की तरह सो गया.

उस वक़्त जितना गुस्सा मुझे अपने आप पर आ रहा था उतना गुस्सा मुझे आज तक किसी पर नहीं आया होगा. मैं अपने आप को कोसता रह गया कि जिस सपनों के राजकुमार के बारे में मैं सपनों में भी नहीं सोच सकता था वो आज मुझे खुद हक़ीकत में अपना लंड चूसने का निमंत्रण दे रहा था!

लेकिन हिमाचल जैसी जगह मैं किसी जान पहचान वाले के साथ ये सब करना कितना मुश्किल होता है यह मैं ही जानता हूँ!
बस यही सब सोचते सोचते कब मुझे नींद आ गयी मुझे पता ही नहीं चला!

तो सुबह मेरे उठने से पहले ही अर्जुन के जाने की वजह से मैं थोड़ा खुश था क्योंकि मैं अब उससे बातें करना तो दूर बल्कि उससे नज़रें मिलने को भी डर रहा था! मैंने खुद को संभाला और फ्रेश होकर कमरे में टीवी देखने लगा पर मुझे यही डर खाए जा रहा था कि कहीं अर्जुन किसी को बता ना दे या फिर वो मुझसे बात करना और मिलना ना छोड़ दे! इसी उधेड़बुन में 2-3 घंटे यूँ ही बिट गये!

वो सुबह मुझे मेरे जीवन की सबसे मनहूस सुबह लग रही थी लेकिन कैसे

लफ़्ज़ों में मोहब्बत बयाँ नहीं होती,
हर अदा हुस्न के काबिल नहीं होती!
मिले हो इश्क़ कभी तो कदर करना मेरे यारों,
क्योंकि किस्मत हर किसी पे मेहरबाँ नहीं होती!

मैं बेसुध होकर अपने सोफा पर बैठा था कि अचानक दरवाज़े पर किसी की दस्तक ने मुझे होश में लाया! जैसे ही मैंने दरवाज़ा खोला मैं डर के मारे पसीना पसीना हो गया!

सामने था वही अर्जुन जिसका लंड पिछली रात को मैंने बिना कुछ सोचे अपने मुँह में ले लिया था! मैंने खुद को संभाला और उसे एक हल्की मुस्कान दी और उसके बर्ताव से भी मुझे बिल्कुल नहीं लग रहा था कि वो गुस्सा है या उसे ये पसंद नहीं आया!

उतने में अर्जुन ने मुझे कहा- अरे तू खाना खा लियो होटेल में, आज आंटी भी नहीं है, और हाँ रात को मैं दोबारा आ जाऊँगा सोने, तू अकेला हो जाएगा नहीं तो!
इतना कहते ही वो मुझे बाय बोलकर चला गया और मेरी खुशी का ठिकाना ना रहा!

अब मैं बिना कोई टेंशन के आराम से टीवी देखते देखते खाना खाने लगा! मेरे मन में फिर से हवस भर गयी थी और उसी हवस और पिछली रात की यादों का सहारा लेते हुए मैंने शाम होने तक 6 बार मुठ मार ली थी! और फिर वो समय आ ही गया जब अर्जुन ने दरवाज़े से मुझे आवाज़ लगाई और दरवाज़ा खोलने को कहा!

वो बिल्कुल नॉर्मल था इसीलिए मैं भी अब अपना डर भुला कर उसके साथ रोज़ की तरह बातें करने लगा! हमने साथ में खाना खाया और फिर हम ड्रॉयिंग रूम से बेडरूम में सोने के लिए आ गये!

आज फिर से सिर्फ़ एक रज़ाई में हम दोनों घुसे और थोड़ी देर बातें करने के बाद दोनों सो गये! दरअसल मैं सोया नहीं था सिर्फ़ उसके सोने का इंतज़ार कर रहा था क्योंकि मेरे अंदर हवस और वासना की वजह से फिर से लंड को लेने की प्यास जाग चुकी थी!

मेरा लंड पूरा टाइट होकर फूँकार मार रहा था! अब मैंने अर्जुन की छाती पर हाथ फेरना शुरू किया और धीरे धीरे उसकी टी शर्ट के अंदर उसकी बॉडी का मुआयना लेने लगा! मैंने उसके चेहरे की दाढ़ी को धीरे से अपने गालों से टच किया!

लग रहा था मानो मेरी रूह से बस आह्ह्ह्ह ह्ह्ह आह्ह ह्ह्ह्ह ह्ह्ह्ह की आवाज़ ही आ रही है! फिर मैंने बिना देर किए उसके अंडरवीयर में हाथ डालना शुरू किया और मेरे हाथों को स्पर्श हुई उसकी काली काली और मुलायम झाँट (लंड के बाल)! यदि अर्जुन मुझे जीवन भर भी यूँ ही अपने झाँट में मुँह रखने को बोलता मैं तो भी माना नहीं करता!

अब मैंने अर्जुन का पाजामा थोड़ा नीचे किया और फिर अर्जुन का मास्टरपीस लंड मेरे हाथ में जो पूरी तरह से तना हुआ था और यह प्रमाणित कर रहा था कि वो भी जागा हुआ है और मज़े ले रहा है!

आज मैंने अर्जुन का लंड चूसा नहीं बल्कि उसके साथ खेलता रहा क्योंकि मुझे डर था कि कहीं अर्जुन आज भी हिला और डर फिर से मेरे ऊपर हावी हो गया तो आज की रात भी मेरी गांड की प्यास पूरी नहीं होगी!

अब अर्जुन का लंड हवस की चरम सीमा पर था जोकि फूँकारें मार रहा था और उसकी नसें साफ देखी जा सकती थी! अब मैंने अर्जुन का पाजामा आहिस्ता से नीचे की ओर खिसकाना शुरू किया और उसका लंड बिल्कुल बाहर आ गया! अब मुझसे और इंतज़ार नहीं हो रहा था, मेरी सूखी सूखी गांड अर्जुन के लंड का वीर्य माँग रही थी!

देर ना करते हुए मैंने अपना लोवर और अंडरवीयर खोला और अपने लंड को अर्जुन के लंड से मिलाने लग गया! हम दोनों का यह लंड मिलाप लगभग 5 मिनट तक चलता रहा! पहले अर्जुन भी सीधा सोया हुआ था लेकिन हवस के मारे वो भी मेरी ओर घूम गया! अब हम दोनों के चेहरे आमने सामने थे और लंड से लंड मिल रहा था!

मैंने फिर झट से अर्जुन की ओर अपनी पीठ कर दी और अपनी नंगी गांड को अर्जुन के लंड से छूना शुरू किया! मेरी गांड के स्पर्श से ही अर्जुन हिला और और लंड ने फूँकार मारी! अब मैंने धीरे से अर्जुन के लंड को स्ट्रोक करते हुए उसकी उत्तेजना को बढ़ाया और अपनी गांड में थूक लगा लिया! मैंने अपनी चूत को उसके लंड के गुलाबी टोपे में लगाया और हल्का हल्का ज़ोर लगाने लगा जिससे मेरी प्यासी चूत में उसके बाढ़ जैसे लंड से सुनामी आ जाए!

जैसे ही मैं ज़ोर लगाता, वो ज़ोर की वजह से थोड़ा पीछे हो जाता क्योंकि अभी वो भी जानबूझकर खुद से मेरी गांड नहीं मारना चाहता था, शायद उसे भी डर होगा कि अगर वो खुद से मेरी गांड मारे तो कल की ही तरह मैं चुपचाप सो ना लूँ!

पर मेरी कोशिश ज़ारी थी लेकिन लंड गांड में नहीं जा रहा था!
मेरी बेबसी को देखते हुए अर्जुन ने खुद अपने लंड को पकड़ा और मेरी नाज़ुक गांड में घुसाने के लिए धक्का मारा! एक ओर मुझे यह खुशी थी कि अर्जुन मुझे अपनी मर्ज़ी से चोद रहा है लेकिन दूसरी ओर उसके धक्का मारते ही मेरी चीख निकल गयी और अर्जुन वहीं थम गया!

अब अर्जुन ने आराम से एक और धक्का मारा और उसका आधा लंड मेरी गांड में घुस गया! अब मुझे मज़ा आने लगा! धीरे धीरे हल्के हल्के झटकों में अर्जुन ने पूरा लंड मेरी गांड में उतार दिया और हम दोनों के बीच अगर कोई बात हुई तो सिर्फ़ यही कि अर्जुन ने पूछा- गया क्या गांड में?

बस फिर यूँ ही अर्जुन ने पूरी रात मुझे अलग अलग पोज़ में चोदा और अंत में अपनी गरम वीर्य की पिचकारी मेरी गांड में ही छोड़ दी! वो फीलिंग मेरी ज़िंदगी की सबसे अच्छी फीलिंग थी!
फिर हम दोनों बाथरूम गये और दोनों साथ नहा कर वापिस आए और बांहों में बाहें डाल कर सो गये!

तो इस तरह मुझे मेरे सपनों के राजकुमार के साथ वो हसीन रात गुज़ारने का मौका मिला!

आपको मेरी गांड की यह पहली एवं शत प्रतिशत सच्ची चुदाई की कहानी कैसी लगी यह मुझे मेल करके ज़रूर बतायें!
आपकी प्रतिक्रिया का इंतज़ार रहेगा! आपका प्यारा लंड का पुजारी!
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