तमिल काम वाली ने चूत चोदना सिखाया-1

(Tamil Kaam wali Ne choot Chodna Sikhaya- Part 1)

फ्रेंड्स.. मेरा नाम महेश है, मुझे सभी माही बुलाते हैं। मैं पुणे में रहता हूँ। मेरी उम्र 27 साल है और मैं 5 फीट 9 इंच लंबा सांवला सा लड़का हूँ। मेरा लंड 7 इंच लंबा और 2.5 इंच मोटा है।
मैं पहली बार अपनी रियल सेक्स स्टोरी आप सभी को सुना रहा हूँ।

यह कहानी 2 साल पहले की है, जब मैं काम के सिलसिले में मेरे कजिन भाई के पास गया, वे अर्नी (तमिलनाडु) में रिफाइनरी चलाते हैं।उनसे बिजनेस की ट्रेनिंग लेने जब मैं अर्नी पहुँचा, तब मैं सेक्स की भूख से बेहाल एक गबरू नौजवान लौंडा था।

मेरे भाई को अक्सर तमिलनाडु से महाराष्ट्र यात्रा करनी पड़ती थी।

उनका घर और वर्कशॉप एक ही मकान में ही था। उनके यहाँ एक आंटी काम करने आती थी, जो उम्र में मुझसे 10 साल बड़ी थी पर सच में दोस्तो, वो बहुत माल किस्म की आंटी थी। उसका साइज़ 36-30-36 का था और वो मद्रासी साड़ी में कमाल दिखती थी।

उसको देख कर हर बार मेरा लौड़ा तन जाता था और उसके मटकते चूतड़ों को देख कर सिपाही की तरह सलामी देने लगता था। वो गोरी और भरे बदन की एक मदमस्त जलजला थी।

मेरी भाभी को 3 बच्चे ऑपरेशन से हुए थे.. इसलिए वो आराम करती और कामवाली पूरे घर का काम करती। मैं उसकी बड़ी-बड़ी चुचीको देखने के लिए बार-बार उसकी मदद के लिए आ जाता।

वो हर बार साड़ी को घुटनों तक उठा कर काम करती.. तो मेरा लंड बेकाबू हो कर फनफनाने लगता। वो मुझे कामुक निगाहों से देखती तो थी.. पर कोई इशारा भी नहीं देती थी।
मैं हर बार उसके बड़े चूतड़ों को देख कर बाथरूम में जाकर मुठ मार लेता था।

एक दिन भाभी ने हम दोनों को किसी तमिल फेस्टिवल की तैयारी के लिए पूरे घर को धोने को कहा।
मैं तो ऐसी ही क़िसी तैयारी में था। मैंने पानी से भीगने के डर से सिर्फ़ निक्कर पहन ली और कामवाली को भी साड़ी को ऊपर बाँधने को कहा।

उसने वैसा ही किया.. उसने अपनी साड़ी का पल्लू कमर पर बाँध दिया, जिससे उसकी चुची उसके ब्लाउज से बाहर लटकती हुई दिख रही थी।
साथ ही उसने अपनी साड़ी उठा कर घुटनों के ऊपर तक उठा ली, जिससे उसकी गोरी-गोरी जांघें दिखने लगीं।

मैं जानबूझ कर उसकी टांगों पर पानी गिरा रहा था। वो झुक कर फ्लोर धोती.. तो उसकी 36 साइज़ की चुची उछल-उछल कर बाहर आने की कोशिश करने लगते।

मैं बेकाबू हो रहा था.. मेरा लंड एकदम टाइट हो गया था। मैंने एक बार पानी से भरी बाल्टी गिराते समय फ्लोर पर फिसलने का बहाना किया और जब वो चूतड़ हिलाते हुए मुझे उठाने आई तो मैंने उसे अपने ऊपर गिरा लिया। वो इसके लिए तैयार नहीं थी.. इससे हुआ ये कि हड़बड़ी में उसका एक हाथ मेरे निक्कर पर फूले हुए टाइट लंड से छू गया.. और इसी के साथ उसकी चुची की लकीर में मेरा मुँह चला गया।

मैंने मौका देखता ही उसकी चुची की लकीर में मुँह डाल कर चुची को किस कर दिया। चुची चूसी ही.. साथ में दूसरे हाथ से उसके चूतड़ दबा दिए।

वो एकदम हिल गई।

वो भी पानी में भीग चुकी थी.. मैं भी गीला था। मेरे लंड के स्पर्श से उसके बड़े साइज़ के अहसास से वो डर गई और जल्दी से उठने लगी, पर मैं समझ गया था कि उसे मेरे लंड को पकड़ना अच्छा लगा था।

वो तमिल में कुछ बोली, पर मैं नया था इसलिए मैं समझ नहीं पाया।
वो सिर्फ़ मुस्कुरा दी और मुझे धक्का देकर काम करने लगी, मैं लंड मसल कर रह गया।

घर में सभी थे इसलिए मैं ज्यादा कुछ नहीं कर पाया.. पर साफ सफाई करते-करते उसने इशारा करके मुझे पास के कमरे में बुलाया और मुझे निक्कर उतार कर पेंट पहनने को बोला।

मैं समझ गया कि मेरी भीगी हुई निक्कर में उसे लंड का पता चल रहा था और वो खुद काबू में रहने के लिए मुझे पेंट पहनाना चाहती थी।

पर मेरे पास यही मौका था.. तो मैंने उससे दूसरे कमरे में आराम कर रही भाभी को नहीं बताने को बोला।

मैंने एक झटके के साथ अपनी निक्कर उसके सामने उतार दी, जिससे मेरा खड़ा लंड मेरी अंडरवियर में खड़ा दिखाई देने लगा।

अभी वो संभल पाती, इससे पहले ही मैं दरवाजे के रास्ते में आकर पेंट पहनने का नाटज़ करने लगा और उसे मेरा खड़ा लंड दिखाने लगा। वो भी शरमाते हुए बार-बार मेरे लंड को निहार रही थी।

मैंने पेंट पहनते समय मेरी कमर के नीचे रोक दी और उसे ये दिखाने लगा कि मेरे खड़े लंड की वजह से मैं पेंट नहीं पहन पा रहा हूँ।

वो मुझे देखती रही.. पर कुछ नहीं बोली।

उसने पास ही पड़ी दूसरी जीन्स मेरी तरफ बढ़ा दी। इस वक़्त भी वो सफाई करने के लिए साड़ी ऊपर किए हुई थी और उसके ब्लाउज से झाँकते उसकी चुची उसकी हर सांस के साथ बाहर आने को बेताब लग रही थी।

मैंने इस बार भी जीन्स पहने की नाकाम कोशिश की और खड़ा हुआ लंड अंडरवियर से ही उसे दिखाता रहा।

जब मैं पेंट नहीं पहन पाया तो उसने मुझे एक मासूम सी स्माइल दी और मुझे एक साइड में धक्का देकर बाहर निकल गई।

मैं समझ गया कि लाइन क्लियर है और मैं उसी के सामने जाकर अपना लंड मसलने लगा। वो मुझे ‘बदमाश’ बोल कर काम खत्म करने लगी।
मैं भी मन मार कर बस उसकी थिरकती चुची को देखता रहा।

सफाई के बाद वो सारा समय स्माइल करती रही और मुझे पागल कर गई। उस दिन मैंने उसकी चुची और चूतड़ों को याद करके 2 बार मुठ मारी।

इसके अलावा मैं और क्या करता.. बेडरूम में भाभी सो रही थीं और बाहर वर्कशॉप में भाई थे।

अब तो मुझे बस एक मौका चाहिए था, जो दूसरे दिन ही मुझे मिल गया।

तमिल फेस्टिवल के दूसरे दिन मेरे भैया भाभी बच्चों के साथ दूसरे शहर के शिवमंदिर में जाने के लिए निकलने वाले थे.. उन्होने मुझे बताया कि वर्कशॉप बंद रहेगी, पर कुछ ग्राहक पेमेंट देने के लिए आएँगे तो मुझे रुकना पड़ेगा।

मैं बहुत खुश हुआ, भैया पहली बार मुझे घर पर अकेला छोड़ कर जा रहे थे। मैं उनके जाने का इन्तजार करने लगा।

उनके जाने के बाद जैसे ही कामवाली आई, आज तो मैं उसे देखकर हिल गया..

वो एक नई रेड साड़ी में बॉम्ब लग रही थी। उसकी चुची उसके टाइट ब्लाउज में से बाहर आने को मचलती हुई दिख रही थी। उसने मोगरे का बड़ा सा गजरा लगाया हुआ था, लाल रंग की लिपस्टिक लगाई हुई थी और उसके पूरे बदन से चंदन की खुशबू आ रही थी। उसने चंदन और हल्दी से स्नान किया था.. वो बहुत ही खूबसूरत लग रही थी।

मेरा लंड फिर से बेकाबू होने लगा।

मैंने उससे इशारों में बताया कि घर पर कोई नहीं है.. मैं अकेला हूँ।
उसने भी मुझे इशारे में बता दिया कि उसे मालूम था.. कल ही भाभी ने उससे बाहर जाने को कह दिया था।

उसने अन्दर आते ही मुझे पीछे की तरफ करके खुद दरवाजा बंद कर दिया, मैं हैरान रह गया।

अभी मैं पीछे से उसके बड़े चूतड़ों को हिलते देख कर पागल हो रहा था, तभी उसने मेरे हाथ को पकड़ा और अन्दर ले गई। उसने मुझे धक्का देकर सोफे पर गिरा दिया और मादक मुस्कान के साथ तमिल में कुछ मीठी-मीठी बातें करने लगी थी। पर मैं नया था.. अभी इतनी तमिल नहीं जानता था, पर मैं समझ गया था कि ये कामवाली आज मुझसे अपना काम लगवाएगी।

मेरे नासमझी को वो बहुत प्यार से ले रही थी। जब वो मुझ पर झुकी तो मैंने झटके से अपने दोनों पैरों को उसकी जाँघों से सटा दिया। तभी उसका पल्लू गिरा.. तो मैं उसकी चुची को देखने लगा।

मेरा लंड खड़ा था.. वो मुझे और गर्म करने लगी। जब मैं कुछ नहीं समझा तो उसने मेरे चेहरे पर हाथ रखते हुए मुझे ‘हीरो..’ कहा और मेरा गाल सहला दिया।
मैंने भी थोड़ी तमिल मारते हुए उसे सुपर सेक्सी बोल दिया।

उसने इशारा मिलते ही मुझे हाथ पकड़ कर सोफे से उठा दिया और एक आँख मारी। मैंने भी इशारा मिलते ही उसे अपनी बांहों में जकड़ लिया और अपने होंठों को उसके होंठों पर रख दिया। वो कसमसा गई और उसने भी मुझे कस कर पकड़ लिया।
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मैंने उसे दोनों बांहों में जकड़ लिया.. और उसके होंठों को 2 मिनट तक चूसता रहा। वो कभी मेरे ऊपर वाले होंठ को काटती, तो कभी नीचे वाले होंठ को चूसती। मैं भी उसकी जीभ को अपने मुँह में लेकर चूस रहा था। वो लम्बी-लम्बी साँसें लेने लगी.. जिससे उसके बड़े-बड़े चूचे मेरे सीने से टकराने लगे।

मैं बहुत गर्म हो गया था.. मेरा लंड तंबू फाड़ कर बाहर आना चाहता था, वो मेरी निक्कर में टाइट हो रहा था।

उधर कामवाली मेरे होंठों को चूस रही थी, तो मैं एक हाथ से उसके चूतड़ दबा रहा था और दूसरे हाथ से उसके ब्लाउज के ऊपर से ही उसकी चुची की मोटाई नाप रहा था। वो मुझे ऐसे चूस रही थी जैसे लॉलिपॉप चूस रही हो। मैं भी उसका साथ दे रहा था, उसके दोनों होंठों को संतरों की फांकों की तरह चबा रहा था।

हमारी साँसें तेज चल रही थीं, तभी उसने एक हाथ में मेरा लंड पकड़ लिया और मेरे तड़प रहे लंड को काबू में करने लगी।

दूसरे हाथ से उसने मुझे पीछे धकेल कर अपने होंठों को आज़ाद कर दिया। अब मुझसे अन्दर वाले रूम की तरफ इशारा करके अपने हाथ से मेरे लंड को हिला कर मुस्कुराने लगी।

मुझे और क्या चाहिए था। मैंने झुक कर उसके ब्लाउज के ऊपर से उसकी चुची को काटा.. तो उसके मुँह से सिसकारी निकल गई।
वो ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ करके रह गई।

वो चुदास के चलते मुझे हसरत की निगाह से देख कर बेडरूम में ले जाने की मिन्नत करने लगी। मैंने उसे कमर से पकड़ कर उठाया और उसे बेडरूम में ले गया।

कमरे में पहुँच कर उसने मुझे हल्का सा धक्का दिया और पीछे मुड़ कर दरवाजा बंद कर दिया।

मैंने पीछे से उसके मोटे-मोटे चूतड़ों पर धावा बोल दिया और साड़ी के ऊपर से ही अपना मुँह उसके चूतड़ों पर रगड़ने लगा। उसने अपने आपको घुमा कर अपनी जाँघों को सामने किया और मेरे चेहरे को अपने हाथों में पकड़ लिया।

मैं उसकी लाल साड़ी में उसके बदन को नाप रहा था कि उसने अपने ऊपर से साड़ी का पल्लू गिरा दिया। उसकी चुची ब्लाउज से बाहर आने को हो रही थी।

मैंने अपना हाथ बढ़ाया और उसके ब्लाउज के बटन खोलने लगा। उसकी टाइट ब्रा में चुची ऐसे लग रही थी, जैसे फ्रूट्स की दुकान में खरबूजे सज़ा कर रखे हों।

मैं दोनों हाथों से उसकी चुची को रगड़ रहा था और वो मादक सीत्कारें भरने लगी।

मैंने ज्यादा देर ना लगाते हुए उसकी ब्रा भी खोल दी।

ओए होए.. मेरे तो होश ही उड़ गए.. इतनी मस्त चुची मैंने पहली बार देखी थी। मैं उसकी चुची को आँखें फाड़ कर देख रहा था।

तभी उसने मुझसे कहा- राज्जा शीघ्रम वा..
मतलब वो जल्दी आने की बोल कर मेरे चेहरे को कस कर अपने मम्मों पर रगड़ने लगी।

दोस्तो, अगले भाग में इस तमिल कामवाली की मदमस्त चुदाई की कहानी को पूरा लिखूंगा, अभी आप मुझे मेल कीजिएगा।
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