मुझे पूछा तक नहीं

प्रेषिका : श्रेया आहूजा

शेफाली मेरी दोस्त और जूनियर थी। हम दोनों एक ही गर्ल्स हॉस्टल में रहते थे। उसने कभी सेक्स नहीं किया था और हम दोनों देर रात तक सेक्स की बातें किया करते थे।

उसे बस एक ही डर था कि पहली रात में उसे कितना दर्द होगा ?

उसके इस डर को दूर करने के लिए मेरा एक दोस्त उसकी पहली चुदाई के लिए तैयार हो गया।

वो तुंरत मान गई और कहा- दीदी, आप मेरे साथ रहना उस वक़्त, जब लंड अन्दर जायेगा।

वो दोस्त और कोई नहीं मेरा बॉयफ्रेंड था।

पहले तो मेरा मन नहीं माना फिर उसकी चूत के लिए मान गया।

काश ! मेरे साथ भी कोई रहता, जब देव ने पहले बार मेरे अन्दर घुसाया था।

मैं रो रही थी और उसने एक न सुनी थी, उसका लंड मेरे चूत के खून को चख रहा था।

देव बिल्कुल मान गया और मन ही मन खुश था जो आज नथ उतारेगा।

हम सब उस काली रात उसके फ्लैट में चले गए। मैंने शेफाली के कपड़े खोले और उसे बिस्तर पर लेटा दिया।

देव नंगा खड़ा था और उसका लण्ड तना हुआ था।

शेफाली डरी हुई थी और मैं उसकी चूत सहला रही थी।

उसका पानी निकलना शुरू हो गया था।

देव ने अपना लण्ड मेरे मुँह में डाला लेकिन शेफाली ने तुंरत अपने मुँह में ले लिया।

मैं अपनी चूत को रगड़ने लगी लेकिन देव ने मुझे हटा कर उसकी जांघों को फैला दिया। उसने शेफ़ाली की चूत पर अपना लौड़ा रखा और धक्के मारने लगा।

दीदीऽऽ दीदी रोको इसे प्लीज़ऽऽ !!

देव ने शेफाली के नितंब को अपने हाथों में लिया और उसको चोदने लगा।

बस बस !! मैंने कहा- उसकी हालत बुरी हो रही थी !

मैं ब्रा पैंटी पहने हुए देव को शेफाली को चोदते हुए देख रही थी।

शेफाली के हाथ मेरे हाथों में थे और वो चुद रही थी।

मुझे भी चुदवाने का मन कर रहा था, मैंने देव से कहा- बस देव हो गया !

लेकिन दोनों अब सेक्स के चरमोत्कर्ष पर पहुँच रहे थे। लंड घुसता और निकलता जा रहा था और शेफाली की जांघ देव के बदन पर कसती जा रही थी।

मैंने देव को रोका और कहा- अब मेरी भी भूख मिटा दो !

देव ने कहा- डार्लिंग, शेफाली की चूत में जो मज़ा है, तुम्हारी में नहीं ! इसके मम्मे और नितंब की बात ही कुछ और है। अपनी गांड और मम्मे देखो ! झूल गए हैं !

मैंने कहा- मेरे झूल गए तो तुम भूल गए !!

दोनों रखलित हो रहे थे।

शेफाली बोल पड़ी- ओऽऽऊऽ ओऽऽऊ ! देव आई लव यू ! देव !

और देव बोला- आई लव यू टू ! शेफाली !

शेफाली की चूत काली निकली। दोनों ने कई बार सेक्स किया और मुझे पूछा तक नहीं था।

मैं चुपचाप वहाँ से कपड़े पहन कर निकल पड़ी।

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