चाची की चुदाई होली के रंगों के बीच में

(Chachi Ki Chudai Holi Ke Rangon Ke Beech mein)

इस बार होली पर मुझे अपनी चाची की चुदाई की कहानी याद आ गई जो मेरे साथ पिछले साल हुई थी.
मैं अर्पित देहरादून उत्तराखंड से अन्तर्वासना पर आपका स्वागत करता हूँ. मैं 24 साल का हूँ, लंबाई 6 फीट, लिंग साइज़ 5.5″, मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ.

मैं रूड़की में जॉब करता हूँ, पहले पढ़ाई करता था तो घर कम ही आता था, तो आस पास के लोग कहते थे कि कम आता है घर तो अच्छी इज़्ज़त करते थे!
हमारे घर के पास ही मेरे एक हमउम्र चाचा रहते हैं जिनकी शादी 2 साल पहले हुई थी. उनकी पत्नी यानि मेरी चाची 22 साल की है लेकिन दिखने में बस पटाका गोरी चिट्टी दूध जैसी और चुची 34″ कमर 28″ और चूतड़ 32″ के होंगे. बस यूँ कहो कि देखते ही लंड खड़ा होने लगता है.

तो ऐसा हुआ कि होली की दिन मैं उनके घर होली खेलने के लिए गया तो घर पर चाचा नहीं थे, मैंने चाची से पूछा- चाचा कहाँ हैं?
चाची ने बताया- तेरे चाचा एक दोस्त के यहाँ गये हैं, एक घण्टे में आएँगे, तब होली खेल लेना!
मैंने कहा- आप तो यहाँ हो चाची… आपके साथ खेल लेंगे!
तो चाची ने कहा- हाँ क्यों नहीं!

चाची गुलाल लेने अंदर गई तो मैंने जेब से पक्का रंग निकाल कर अपने हाथ में लगा लिया.
इतने में चाची गुलाल लेकर आ गई और मेरे लगाने लगी.

उनका हाथ मेरे गाल पर लगते ही मेरे शरीर में हलचल सी होने लगी. उसके बाद मैंने उनको पकड़ कर उनके गाल पर पक्का रंग मल दिया जिससे चाची का चेहरा पूरा लाल हो गया और वो मना करने लगी- ये क्या किया…
उसके बाद वो मुँह धोने के लिए गई तो मैंने पानी की बाल्टी उठा कर उनको पूरा भिगो दिया जिससे चाची की चुची और निप्पल दिखने लगे.
उनको थोड़ा गुस्सा आया तो मैंने कहा- बुरा ना मानो होली है!
उसके बाद वो मेरे को गीला करने के लिए कहने लगी तो मैंने कहा- ठीक है, डाल लो पानी!

चाची बाल्टी लेकर आई तो मैंने बाल्टी पकड़ कर उनके ऊपर ही सारा पानी डाल दिया.
इस छीना झपटी में मेरे हाथ चाची की चुची पर लग गया वो सिहर सी गई.

मैंने उनके दोनों हाथ पकड़ लिए और उनसे चिपक गया. उनकी साँसें तेज होने लगी, वो कहने लगी- अर्पित, क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- चाची, पता नहीं क्या हो रहा है!

अपने दोनों होंठ मैंने चाची की गर्दन पर रख दिए और उनको किस करने लगा. उन्होंने थोड़ा छूटने की कोशिश की लेकिन एक तो गीला बदन और ऊपर से किस का मजा तो मैंने उनको घुमा कर उनके होंठ पर होंठ रख दिए.
थोड़ी देर बाद वो साथ देने लगी तो मुझको ज्यादा मजा आने लगा, मैं उनको गोदी में उठा कर, वहीं फोल्डिंग पड़ा था, उस पर लिटा दिया और दरवाज़ा बंद करके आकर ब्लाऊज खोल कर ब्रा ऊपर सरका कर उनके निप्पल को चूसने लगा था, बीच बीछ में उनके होंठों का रस पीने लगा.

चाची को ये सब अच्छा लगा तो वो अपने हाथ को मेरे लंड पर ले आई और बाहर निकालने के कोशिश करने लगी.
मैं उठा और उनके कपड़े उतारने शुरू कर दिए और उनको पूरे शरीर पर किस करते हुए चाची की चूत पर आ गया और अपने होंठ रख दिए.
चाची सिहर गई और मैंने अपने होंठों से चाची की चूत के बाल खींच दिए… मैं उनको तड़पा रहा था.

मैं चाची की चूत की फांकों की फैला कर अंदर से चूत का गुलाबी भाग चूसने लगा.

थोड़ी देर बाद चाची ने खुद को मुझसे छुड़ाया और मेरे को सीधा करके अपने आप ऊपर आकर मेरे लंड को बाहर निकाल कर अपने मुँह में लोलीपोप की तरह ले लिया और चूदने लगी.
क्या लंड चूस रही थी चाची.. मैं तो पागल ही हो गया!
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कुछ देर बाद मैं उनको लिटाकर उनकी चूत के मुहाने पर अपना लंड रख कर उनको तड़पाने लगा, चाची मेरे को अपने ऊपर दबाने की कोशिश कर रही थी कि मेरा लंड चाची की चूत में चला जाए.
उसके बाद मैंने अपना सुपारा चाची की चूत में घुसा दिया, वो चिहुंक गई और बाहर निकालने के लिए बोलने लगी, उनको दर्द हो रहा था क्योंकि अभी उनके कोई बच्चा नहीं था.

मैंने उनको होंठों पर होंठ रखकर नॉर्मल करने की कोशिश की, वो कुछ नॉर्मल हुई तो मैंने हल्का हल्का धक्का लगाना शुरू किया और पूरा लंड ज़ोर के धक्के के साथ चाची की चूत में घुसा कर चाची की चुदाई शुरू कर दी.
वो गूँ गूं गु की आवाज़ कर रही थी जो मेरे होंठों में दबकर रह गई.

अब हल्के हल्के धक्के से उनका दर्द कुछ कम हो रहा था और वो मज़े की और अग्रसर हो रही थी और मेरा साथ दे रही थी. अब मैंने उनके होंठ छोड़ दिए तो उनकी आवाज़ निकलने लगी- ओह ओह… यस अर्पित… फास्ट उम्म्ह… अहह… हय… याह… कम फास्ट… आआहहा याअ ओह माह आआहा याआहा…

चाची नीचे से अपनी गांड उछाल रही थी और हर धक्के का जवाब धक्के से दे रही थी.
थोड़ी देर बाद चाची झड़ गई और धक्के देने बंद कर दिए लेकिन मेरा अभी नहीं हुआ था, मैंने अपने धक्के जारी रखी, कुछ देर बाद मैंने दो चार धक्के मार कर उनके पेट पर अपना माल गिरा दिया और कपड़े से साफ कर दिया और उनको किस करके वहाँ से बिना कुछ कहे चला आया.

फिर मैं कई दिन तक चाची से नहीं मिला और ना नज़र मिला पाया.

चाची की चुदाई की यह हिंदी सेक्स स्टोरी मेरी ज़िंदगी की सच्ची घटना है. आपको कैसी लगी, मुझे मेल करें!
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