चूत एक पहेली -68

(Chut Ek Paheli- Part 68)

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अब तक आपने पढ़ा..

वो सभी पीने के मज़े लेने लगे और पायल के बारे में गंदी बातें करने लगे उधर रॉनी और पुनीत भी एक जगह बीयर पी रहे थे।
रॉनी- भाई कल पार्टी है.. पायल भी साथ होगी वहाँ का माहौल आपसे छुपा नहीं है.. मैं तो सोच कर टेंशन में आ रहा हूँ.. कल क्या होगा?
पुनीत- अरे कुछ नहीं होगा.. पायल को मैं सब समझा दूँगा। वैसे भी फार्म के गेम से तो ज़्यादा कुछ नहीं होगा ना.. वहाँ जब वो उसके लिए मान गई.. तो ये पार्टी क्या चीज़ है..

अब आगे..

रॉनी- अपने पायल को बता दिया कि वहाँ क्या होगा?
पुनीत- पूरी बात नहीं बताई.. बस आधी-अधूरी बताई है। तुम फिकर मत करो.. वहाँ कुछ नहीं होगा.. जीतना तो मुझे ही है.. तो पहले से क्यों पायल को बता कर गेम को ख़तरे में डालूँ.. हाँ सही है ना?

रॉनी- हाँ सही है भाई.. मगर वहाँ ग़लती से आप हार गए तो क्या होगा.. यह आपने सोचा है?
पुनीत- उस टोनी की माँ की चूत.. वो क्या हराएगा मुझे साला कुत्ता..
रॉनी- हाँ आप जीतोगे.. मगर हार के भी चान्स है. मैं बोल नहीं सकता.. गेम है कुछ भी हो सकता है। अगर हार गए तो क्या होगा.. ये अपने सोचा है क्या?

पुनीत ने बोतल को मुँह से लगाया और बाकी की बीयर एक सांस में पीकर बोला- देख यार.. हारने का तो सवाल ही नहीं उठता.. फिर भी तेरी बात मान ली जाए.. तो साले उस कुत्ते के मुँह पर पैसा फेंक दूँगा.. लेकिन पायल को कुछ नहीं होने दूँगा।
रॉनी- वो मानेगा क्या? कहीं ऐसा ना हो.. जिस ज़ुबान के लिए ये सब हो रहा है.. वही ना रहे?
पुनीत- बस यार मूड खराब मत करो.. जो होगा देखा जाएगा.. चलो अब घर जाकर खाना भी खाना है.. पायल वेट कर रही होगी।

दोनों वहाँ से निकले.. रास्ते में पुनीत ने सर दर्द का बहाना करके गाड़ी मेडिकल स्टोर पर रोकी और उतार कर दवा लेने चला गया। वहाँ से उसने अपने मतलब की कामोत्तेजक दवा ले ली और वापस गाड़ी में आ गया।

इधर पायल को जोरों की भूख लगी हुई थी। वो दोनों का वेट कर रही थी.. तभी वो दोनों आ गए।
पायल- क्या भाई.. कहाँ चले गए थे.. मैं कब से भूखी बैठी हूँ।

पुनीत ने ‘सॉरी’ कहा और बिना कपड़े चेंज किए.. वो खाने के लिए बैठ गए।
काका ने खाने के साथ ‘जूस’ भी दे दिया।
अब वो खाने के साथ बातें करने लगे, जब खाना फिनिश हो गया तो सोने के लिए सब अपने कमरों में चले गए।

पायल को पता था.. पुनीत कभी भी आ जाएगा.. तो उसने जल्दी से एक सेक्सी नाईटी पहन ली और बिस्तर पर चादर डालकर सो गई।

कुछ देर बाद पुनीत ने देखा कि रॉनी बीयर के नशे में मस्त होकर सो गया है.. तो वो भी अपने लौड़े की आग मिटाने पायल के पास चला गया।

पायल को पता लगा कि पुनीत आ गया तो उसने सोने का नाटक शुरू कर दिया पुनीत उसके पास आकर बैठ गया।
पुनीत- पायल.. अरे यार क्या है यह.. मैंने कहा था ना.. फिर भी सो गई.. उठो ना यार.. प्लीज़..
पायल नींद से जागने का नाटक करती हुई बोली- क्या भाई सोने दो ना.. बहुत अच्छी नींद आ रही है.. मेरा पूरा जिस्म अकड़ा हुआ है.. प्लीज़ सोने दो..
पुनीत- अरे मेरी जान.. सोने में क्या रखा है.. तेरा बदन अकड़ रहा है.. यहाँ देख मेरा लौड़ा अकड़ा हुआ है.. प्लीज़ यार उठ ना..

पायल मन ही मन हँस कर मज़ा ले रही थी, उसने दोबारा मना कर दिया और सो गई।

पुनीत- यार पायल.. प्लीज़ ऐसा मत करो.. आज तो मैंने कामोत्तेजक दवा भी ले ली है.. अब चुदाई के बिना पूरी रात मेरी हालत खराब हो जाएगी.. प्लीज़ मान जाओ ना..
गोली का नाम सुनते ही पायल झट से बैठ गई और पुनीत को घूरने लगी।

पायल- ओह्ह.. अच्छा ये बात है.. बिना चुदाई के आपकी हालत खराब हो जाएगी.. और अगर मैंने ‘हाँ’ कर दी तो मेरा क्या होगा.. आपको किसने कहा था दवा लेने के लिए.. जाओ मैं नहीं चुदवाती.. पता नहीं कितनी बार चोदोगे मुझे..
पुनीत- यार प्लीज़.. कुछ हालत खराब नहीं होगी.. तुम मना करोगी तो नहीं करूँगा.. प्लीज़ मान जाओ यार..

वैसे तो पायल पर भी जूस का नशा चढ़ गया था.. मगर वो बस पुनीत के साथ मस्ती कर रही थी।
पायल- हा हा हा.. देखा कैसे उल्लू बनाया हा हा हा मैं तो मजाक कर रही थी भाई.. आपके लौड़े को प्यासा रख कर मैं सो सकती हूँ क्या?

इतना सुनते ही पुनीत खुश हो गया और बिस्तर पर पायल को पटक कर किस करने लगा.. उसके मम्मों दबाने लगा।
पायल- आह्ह.. ऑउच.. भाई.. आराम से आइ.. धीरे दबाओ ना.. दु:खता है।
पुनीत- बस मेरी जान.. आज की बात है.. फिर कुछ नहीं दु:खेगा.. आज तेरी गाण्ड मार लूँ आराम से.. उसके बाद तू चुदाई के लिए एकदम पक्की हो जाएगी… फिर चाहे आगे डालो या पीछे.. तुझे मज़ा ही आएगा।

पायल- मुझे पक्की होकर कौन सा चुदते रहना है।
पुनीत- क्या पता कभी एक से ज़्यादा लोगों से चुदना पड़ जाए.. पक्की रहोगी तो तकलीफ़ कम होगी।
पायल- ये क्या बकवास बात कर रहे हो आप? मैं क्यों चुदूँगी.. किसी से.. आपका मुझे क्या रंडी बनाने का इरादा है क्या?

पुनीत समझ गया अभी इसको बताने से काम बिगड़ जाएगा.. तो उसने बात को टाल दिया।
पुनीत- अरे मजाक कर रहा हूँ मेरी जान.. चल अब बातें बन्द कर.. जल्दी से अपनी मस्त गाण्ड का दीदार करवा दे।
पायल- डायरेक्ट गाण्ड ही मारोगे क्या.. पहले थोड़ी मस्ती तो कर लो..

पुनीत ने कुछ कहा नहीं.. सीधा बिस्तर पर पायल को पटक दिया और उसके होंठ चूसने लगा।
पायल भी मस्ती में आ गई और उसका साथ देने लगी, कुछ ही देर में दोनों चूमते-चूमते एक-दूसरे के कपड़ों को निकालने लगे।
अब दोनों एकदम नंगे हो गए थे।

पुनीत का लण्ड तो लोहे जैसा सख़्त हो गया था, एक तो गोली का असर और दूसरा ऐसी क़ातिल जवानी पास में हो.. तो लौड़ा अपने आप ही अकड़ जाएगा।

पायल- अरे भाई, ये आपके लौड़े को क्या हो गया.. कैसे झटके खा रहा है.. लगता है इसको घुसने की बड़ी जल्दी है।
पुनीत- अरे इसको पता है.. आज मुलायम गाण्ड का मज़ा मिलने वाला है।
पायल- हाँ मिलेगा.. लेकिन उसके पहले मेरे प्यारे होंठ इसको मज़ा देंगे.. फिर ये मेरी चूत की आग मिटाएगा.. उसके बाद लास्ट में गाण्ड का मज़ा मिलेगा.. समझे इतनी आसानी से नहीं..

पुनीत- अरे यार ये क्या बात हुई.. पहले गाण्ड मारने दो ना प्लीज़..
पायल- नो वे.. आपने तो गोली खा रखी है… शुरू में गाण्ड मारोगे तो पता नहीं कितना दर्द होगा.. पहले मुझे ठंडी कर दो.. फिर आराम से मारते रहना।

पुनीत ने ज़्यादा ज़िद नहीं की और मान गया। उसके बाद दोनों चूमा-चाटी में लग गए। दोनों 69 के पोज़ में आ गए और एक-दूसरे के चूत और लण्ड को चूसकर मज़ा लेने लगे।

कुछ देर बाद पायल ने कहा- अब बस बर्दाश्त नहीं होता.. घुसा दो लौड़ा चूत में.. और बुझा दो इसकी प्यास!

पुनीत ने पायल के पैर कंधे पर डाले और लौड़े को चूत पर सैट करके जोरदार झटका मारा.. पूरा लौड़ा एक ही बार में अन्दर चला गया।
सपायल- आआह्ह.. आईईइ.. मर गई रे.. आह्ह.. भाई क्या हो गया है आपको आह्ह..
पुनीत- ये तेरी साली चूत बहुत प्यासी है ना.. इसकी वजह से मैं गाण्ड बाद में मारूँगा। अब देख इसका क्या हाल करता हूँ.. आह्ह.. ले उहह उहह उहह..

पायल- आ आह्ह.. चोदो आह्ह.. मेरे भाई.. मज़ा आ गया.. फक मी फास्ट.. आह्ह.. भाई फाड़ दो मेरी चूत को.. आह्ह.. यू फास्ट ब्रो फास्ट.. आह्ह.. आइ..

पुनीत स्पीड से झटके देने लगा.. पायल से ऐसे तगड़े झटके बर्दास्त नहीं हुए वो झड़ने के करीब आ गई।
पायल- आह्ह.. भाई फास्ट.. मेरी चूत आह्ह.. गई.. गई.. आह्ह.. आइ आइ..
पायल कमर हिलाकर झड़ने लगी उसकी साँसें तेज हो गईं.. मगर पुनीत का अभी बाकी था.. वो ‘घपा-घाप’ लौड़ा पेल रहा था।

पायल- आ आह्ह.. भाई आह्ह.. अब निकाल लो.. आह्ह.. मेरी चूत में आह्ह.. जलन हो रही है.. आह्ह.. उफ्फ.. उफ़फ्फ़..
पुनीत ने झटके से लौड़ा बाहर निकाल लिया.. तो पायल तड़प सी गई..- आह्ह.. आज तो बड़े जोश में हो भाई.. लगता है आज मेरी खैर नहीं..
पुनीत- तेरा तो पता नहीं.. मगर आज तेरी गाण्ड की खैर नहीं है.. बहुत तड़पाती है मुझे.. आज उसको फाड़ के रख दूँगा मैं..
पायल- भाई जोश में होश ना खो देना.. आज फाड़ दोगे.. तो दोबारा नहीं करना क्या आपको?

पुनीत ने पायल के मुँह पर लौड़ा लगा दिया और हाथ से उसके बाल पकड़ कर लौड़ा उसके गालों पर घुमाने लगा।
पायल- उफ्फ.. भाई क्या कर रहे हो.. बाल क्यों पकड़े हो मेरे.. दु:खता है ना..
पुनीत- अरे अभी कहाँ दु:खा है.. जब तेरी गाण्ड मारूँगा.. तब होगा असली दर्द तो.. मेरी जान ले चूस..

पायल- भाई आपके इरादे ठीक नहीं लग रहे.. मुझे तो डर लग रहा है आपसे.. पता नहीं आज मेरी गाण्ड का क्या हाल करोगे..
पुनीत- डर मत मेरी जान.. तेरी गाण्ड इतनी प्यारी है.. इसको तो बड़े प्यार से खोलूँगा.. चल अब देर मत कर बन जा मेरी घोड़ी.. ताकि मेरे लौड़े को भी सुकून आ जाए..
पायल- थैंक्स भाई.. प्लीज़ दर्द मत करना.. आराम से डालना और प्लीज़ ऐसे सूखा मत डालो.. कोई आयिल लगा लो.. ताकि दर्द कम हो.. वो सामने देखो वहाँ से ले लो..

दोस्तो, उम्मीद है कि आपको कहानी पसंद आ रही होगी.. तो आप तो बस जल्दी से मुझे अपनी प्यारी-प्यारी ईमेल लिखो और मुझे बताओ कि आपको मेरी कहानी कैसी लग रही है।

कहानी जारी है।
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