दोस्त की बीवी बनी माशूका-4

(Dost Ki Biwi Bani Mashuka- Part 4)

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विकास को इस बात का डर था कि कहीं नीता को मुझसे प्यार न हो जाए!

मेरी माशूका की चूत में बाथटब में नहाकर आग लगी हुई थी, जो शायद उसका पति नहाते समय न बुझा पाया हो, या फिर वो अपने आशिक के लंड की प्यासी हो रही हो!

तभी विकास भी तौलिया लपेट कर बाहर आ गया।

नीता ने बड़े स्टाइल से मुझसे आँख मारकर कहा- तुम प्लीज बाहर चले जाओ जिससे मैं कपड़े बदल सकूँ।

मैं दरवाजे से निकला ही था कि नीता ने अपना तौलिया हटा दिया और विकास का भी तौलिया खींच दिया।

नीता ने ये सब क्यों किया?

सनी के लंड के लिए में बहुत बैचैन हूँ, पर विकास से कह नहीं सकती।
और विकास डर रहा है कि कहीं मैं सनी के लंड की दीवानी न हो जाऊँ।
विकास को क्या मालूम कि मैं विकास से बहुत प्यार करती हूँ पर सनी की दीवानी हो गई हूँ, उसका बात करने का, कपड़े पहनने का, चोदने का, होठों पर चूसने का अंदाज़ अलग है।

मैंने सोचा कि कुछ ऐसा करूँ जिससे विकास को लगे कि मैं सिर्फ उससे नजदीकी चाहती हूँ और मैं उसे यह विश्वास दिला दूँ कि कावेरी की चूत उसे दिलाने के लिए मैं अपनी पूरी कोशिश कर रही हूँ।

मैं ऐसा करती हूँ कि सनी को बाहर भेज देती हूँ तो विकास को लगेगा कि मैं सनी की मौजूदगी में मजे नहीं ले पा रही हूँ, इसलिए मैंने सनी को आँख मारकर बाहर भेज दिया ताकि उसे बुरा न लगे।

और उसके जाते ही खुद भी नंगी हो गई और विकास को भी नंगा कर दिया।
जब दो बदन नंगे हों तो आग तो लग ही जानी है…

विकास ने मुझे अपने नंगे बदन से चिपटा लिया।

मैंने अब उससे एक झूठ बोला- तुम्हारे लिए एक खुशखबरी है, कावेरी अगले हफ्ते आ रही है और वो बजाये दो तीन दिन के चार पांच दिन रुकेगी और मैंने उससे कुछ सेक्सी नाईट ड्रेस लाने को कहा है। मेरा पूरा प्रयास होगा कि पहले या दूसरे दिन ही हम तीनों बिस्तर पर एक साथ हों!

विकास यह सुनते ही बेकाबू हो गया और मुझे बेतहाशा चूमने लगा।

अब मैंने अपना आखिरी तीर मारा, मैंने विकास से पूछा- विकास सच बतओ तुम सनी को लेकर मुझसे डर रहे हो न?
विकास चुप रहा।

मैंने उसके होठों पर एक जोरदार चुम्मी लेकर कहा- इसमें कोई शक नहीं कि मुझे सनी के साथ बहुत मजा आया, पर वो सब कुछ विकास और मेरे संबंधों की कीमत पर नहीं!

मैंने विकास को यह विश्वास दिलाया कि मेरे लिए जो विकास है वो कोई दूसरा हो ही नहीं सकता।
और अगर विकास को पसंद नहीं तो मैं सनी से कोई नजदीकी नहीं चाहती!

बस इतना सुनते ही विकास ने मुझे कस के भींच लिया और बोला- जानू, बस मुझे यही सुनना था! अब मुझे कोई डर नहीं… मेरी जान को कोई चीज ख़ुशी दे रही है तो अब मुझे इसमें कोई एतराज नहीं होगा!

विकास बोला- अब मुझे यकीन है कि सनी की वजह से उसके और नीता के सबंधों पर कोई दिक्कत नहीं आएगी।
विकास ने मुझसे यह भी कहा कि अब वो मुझ और सनी पर कोई शक नहीं करेगा, मैं जब चाहे सनी को घर बुला सकती हूँ या फोन पर बात कर सकती हूँ।

विकास बहुत खुश था और उससे ज्यादा मैं खुश थी।
मैंने विकास से कहा- अब कपड़े पहन लो, बेचारा सनी बाहर खड़ा है।

विकास ने तौलिया लपेटा और मैंने भी केवल तौलिया ही लपेट लिया।

विकास ने इण्टरकॉम पर पनीर पकोड़े और चिल्ड बियर का आर्डर दिया और सनी को बुलाने बाहर गया।

अब सनी बताएगा कि क्या हुआ आगे!

मुझे नीता ने बाहर भेज तो दिया पर मैं बाहर क्या करता, बाहर एक हट में स्नैक्स शॉप थी… मैं उस पर जाकर खड़ा हो गया और चिप्स और कोल्ड ड्रिंक ले ली।

मुझे नीता पर यकीन था कि वो कुछ भी करके मुझे अन्दर बुलाएगी और हम सब मस्ती करेंगे।

लगभग पंद्रह मिनट की बोरियत के बाद मुझे विकास अपनी ओर आता दिखाई दिया, मेरे दिल के धड़कन बढ़ गई… पता नहीं अन्दर क्या गुल खिला हो!

विकास ने मेरे पास आकर मेरा हाथ पकड़ा और मुझसे गले लगकर बोला- सॉरी… चल अन्दर चल!

मैं और विकास कॉटेज में गए।

विकास तो तौलिया लपेटे था, अन्दर नीता ने एक फ्रॉक डाल ली थी।

मैं विकास के पीछे था, नीता ने आगे बढ़कर मुझे अपने होठों से लगा लिया।

विकास के सामने मुझे उससे एसी उम्मीद नहीं थी पर अब मैंने भी बेशर्मी से उसे भींच लिया, उसके गोल गोल मम्मे उसके जलते होंठ और उसका मेरे बालों में हाथ फेरना… बता नहीं सकता… आग लग गई थी।

मैंने फ्रॉक के ऊपर से ही उसकी चूत का दाना मसल दिया।

पीछे से विकास हंसकर बोला- जरा सब्र कर, वेटर खाने का सामान लेकर आता ही होगा!

तभी गेट पर आहट हुई।

नीता अन्दर बाथरूम में चली गई, वेटर आया था सामान लेकर… उसके जाने के बाद विकास ने दरवाजा बंद कर दिया।

नीता बाहर आ गई।
उसने पकोड़े प्लेट में कर दिये, विकास ने बियर की बोतल खोल ली और मेरी ओर कर दी।

मुझे मालूम था कि नीता बियर ले लेती है, मैंने एक घूँट भर कर नीता को दोबारा होंठ से चिपका लिया और अपने मुँह की बियर उसके मुँह में डाल दी।

विकास ने बियर की बोतल उसकी चूत में घुसा कर थोड़ी सी लुढ़का दी और फिर नीचे लेटकर उसकी चूत चूसने लगा।

अब नीता की आग भड़क चुकी थी, उसने मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिये, मैंने भी उसका साथ दिया और अपने साथ ही उसे भी नंगी कर दिया।
विकास ने भी तौलिया पलंग पर फेंक दिया था।

मैंने नीता को कमर से उठाया, उसने अपनी टाँगें मेरी कमर पर लपेट ली और एक हाथ से मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत की ओर किया।

मैंने भी पूरा जोर लगा कर लंड को भाभी की चिकनी चूत में घुसा दिया।
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मैंने खड़े खड़े ही दो-चार धक्के मारे तो नीता मुझ पर और झूल गई। उसने अपनी बाहें ढीली की और खुद भी झटके देते हुए अपनी जीभ मेरे मुख में कर दी।

अब मुझ से बर्दाश्त नहीं हो रहा था, मैंने उसे पलंग पर लिटाया और चढ़ गया उसके ऊपर…

विकास भी जोश में था, उसने अपना लंड नीता के मुँह में घुसा दिया।

नीता एक हाथ से उसका लंड चूस रही थी और दूसरे हाथ से उसने मेरे बाल पकड़े हुए थे। दस मिनट की धक्का मुक्की के बाद उसकी चूत और मम्मे मेरे और विकास के वीर्य से भरे हुए थे।

विकास ने अपना लंड उसके मुख से निकाल कर अपना माल उसके मम्मों पर खाली कर दिया था।
एक ऐसा वासना का माहौल बना था जिसे हम तीनों ने एन्जॉय किया।

नीता बाथरूम चली गई और शावर लेकर तौलिया लपेट कर बाहर आई।

हम लोगों ने पकौड़े और बियर निबटाई।

शाम हो चुकी थी, हम लोग वापस आ गए।
कहानी जारी रहेगी।
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