वह अपने इन मस्त और रसीले होंठों को फेरते हुए मेरी जांघों पर आ पहुंची. मेरी जांघों को चूमने चाटने के बाद वो मेरे दोनों टांगों के बीच आ गयी. मेरी पैंटी गीली हो चुकी थी.
सेक्स दो जिस्मों का मिलन है, ये मिलन मेल-मेल के बीच हो, मेल-फीमेल के बीच या फिर फीमेल-फीमेल के बीच. अपनी जरूरत अनुसार मौका मिले तो इसका आनन्द लिया जा सकता है.
मैं एक सेक्सी फिगर की मालकिन हूं. मैं अपने भाई की सेक्स गुलाम हूं. मैं उसकी पर्सनल रखैल बन चुकी थी. उसकी चुदाई का अंदाज ही अलग था. मैं उसके लंड की दीवानी थी.
मैंने दरवाजा खोला. अधेड़ उम्र का आदमी था, मैंने बस टॉवल लपेटा हुआ था जो मेरे मम्मों के निपल्स को छुपा पा रहा था. मेरे चूतड़ भी आधे नंगे थे, बाकी पूरा जिस्म नंगा था.
आजकल मैं बहुत जल्दी उत्तेजित हो जाती थी. भाई के जिक्र मात्र से मेरी चुत पानी छोड़ने लगती. मैं बस दिन रात उससे चुदना चाहती थी. वो चाहता तो मुझे अभी भी चोद सकता था.
मेरी हालात तो जैसे किसी रंडी जैसी हो गयी थी. मैंने भाई को पूरी तरह से खुद को समर्पित कर दिया था. उसे जो मन करे, वो मेरे साथ कर रहा था. मैं उसकी गुलाम थी.
अपने भाई की ये अदा मुझे बड़ी पसंद थी. वो धीरे धीरे प्यार करते करते अचानक से जंगली हो जाता था, जब मैं इसकी कामना भी नहीं कर रही होती थी. यह बात मुझे और उत्तेजित करती थी.
मेरा भाई मुझे कई तरीकों से गर्म कर रहा था. पहले हॉल में, फिर सड़क पर, फिर यहां अपनी ही बिल्डिंग में मुझे नंगी घुमा रहा था. मैं अब इतनी गर्म हो चुकी थी कि मुझे जिस मर्द का भी लंड मिले, मैं उससे चूत खोल कर चुद जाऊं.
मैं अपनी बहन की सारी सेक्स फेंटेसी पूरी करना चाहता था और साथ ही अपनी भी. घर से बाहर अपनी बहन को मैंने बिना पेंटी के घुमाया. मैंने और क्या क्या किया अपनी बड़ी बहन के साथ?
बहन की चूत चोदने के बाद मैं उसको मूवी दिखाने ले गया. वहाँ पर हम दोनों पहले भी मजे ले चुके थे. मगर अब की बार का अहसास कुछ अलग था. वहां पर जाकर क्या हुआ?
मेरी बड़ी बहन की जवानी बहुत प्यासी है. वो मुझसे चुदाई करवाती है. एक दिन उसने मुझे एक इच्छा बतायी. उसकी इच्छा मैंने कैसे पूरी की. पढ़ें भाई-बहन की कामुक कहानी.
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