मैं 28 साल की एक बेहद स्मार्ट औरत हूँ, मेरे पति अक्सर बाहर रहते हैं, मेरे जेठ का गंवार सा लड़का हमारे साथ रहता था. वो मुझे घूरा करता था और मुझे बुरा लगता था.
पड़ोस की करियाने की दूकान एक माँ बेटी संभालती थी, मेरी और मेरे दोस्त की नजर बेटी पर थी, उसे कई बार इशारा भी कर चुके थे. पर वो ना मानी. एक दिन मेरे दोस्त ने उसकी माँ को चोद दिया.
अपनी क्लास में मैं पहला था, जिसने किसी को चोदा था, चाहे वो एक रंडी थी, पर चुदाई तो चुदाई ही होती है। ऐसे ही मेरी बीवी है, उसने भी शादी से पहले बहुत बार सुहागरात और सुहाग दिन मना रखे थे।
मेरी मौसी मुझे और ही निगाह से देखती थी, वो बड़े आराम से मेरे सामने ही कपड़े बदल लेती थी। मैंने उसे अक्सर पूरी नंगी देखा था। थोड़े दिन बाद मौसी शुरू हो गई- मेरी छातियों को घूर मत, दबा के देख!
‘जानती हो अदिति, जब भी मैं तुम्हें देखता हूँ, मेरे मन में बहुत ख्याल आता है, तुमसे प्यार करने का, तुम्हें चूमने का, तुम्हें चाटने का, सच कहूँ, तो तुमसे सेक्स करने का। ‘
मैं अपनी बड़ी साली के घर गया, उसकी बेटी भी मुझसे मिली, 20 साल की लड़की, उसने टाईट टी शर्ट और नीचे मिनी स्कर्ट पहन रखी थी, टाँगें ढकने के लिए उसने स्लेक्स पहन रखी थी।
वो बोली- मासड़ जी जब तक मैं प्रेगनेंट नहीं हो जाती, मैं हर रोज़ आपके साथ सेक्स कर सकती हूँ, पर जिस दिन मैं प्रेगनेंट हो गई, उस दिन के बाद आप मेरे बारे में ऐसा सोचना भी मत!
साली को चोदने की इच्छा लेकर मैं समय बिताता गया कि उसकी बेटियाँ चोदने लायक हो गई. बड़ी की शादी भी हो गई तो नज़र छोटी पर टिकी. लेकिन एक दिन मैं साली के घर गया तो …
घर में कामवाली लड़की देखने में तो कुछ ख़ास नहीं थी पर वो कुंवारी थी तो उसकी अनचुदी बुर की सील तोड़ने का लालच मैं छोड़ नहीं पाया और धीरे धीरे उसे सेट करके चोदा.
मैं पड़ोस की लड़की को पटाना चाह रहा था कि एक दिन मेरे दोस्त से पता लगा कि उस लड़की का भाई गांडू है. तो मेरे दोस्त ने उस गांडू को कहा कर उसकी बहन मुझसे चुदवाई…
मेरे पड़ोस में आंटी की मौत हुई तो मुझे बरसों पुरानी घटना याद आ गई. वो एक बार मेरे घर आई थी तो मैं सिर्फ चड्डी में था. तभी उनका दिन मेरे ऊपर आ गया था शायद…
मेरे मकान मालिक रात को पार्टी से लौटे तो उनकी 20 साल की बेटी बॉयफ्रेंड के साथ पकड़ी गई.. मैं गया और सबको समझा बुझा के बेटी को अपने साथ के आया. कहानी पढ़ें, मज़ा लें !
दोपहर को मैंने देखा, वो छत पे खड़ी थी, मैं तभी उठ कर बाहर आया, उसने इशारे से मुझे बुलाया।
मैं तो हवा में उड़ता हुआ उसके पीछे गया, पता भी नहीं चला कि मैं कब दीवार फांद कर उसके कमरे में पहुँच गया।
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