मैं उसकी चूत चाटते हुए उसके पानी के निकलने का इंतज़ार करने लगा। काजल काफ़ी ज़ोर लगा रही थी। काफ़ी ज़ोर लगाने के बाद उस्का पेशाब निकल पड़ा। मैं उसका पूरा मूत पी गया और तब तक पीता रहा..
‘डान्स पे चान्स मार ले’ गाना आ रहा था। काजल को वो गाना बहुत पसंद था.. इसलिए वो डान्स करने लगी। वो अपने मस्त चूतड़ हिला-हिला कर डान्स कर रही थी। उसको देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया था..
काजल ने कहा- भैया मैंने बहुत कोशिश की.. लेकिन मैं डर जाती थी.. कि कहीं किसी को पता चल गया और मैं प्रेगनेंट हो गई तो क्या होगा.. ये सब सोच कर मैं डर जाती थी।
मैं कुर्सी पर बैठा और काजल मेरी गोद में बैठ कर गेम खेलने लगी। अब मुझे और ज्यादा मज़ा आ रहा था क्योंकि इस बार काजल की गाण्ड और मेरे लंड के बीच सिर्फ़ काजल की ब्लैक जीन्स और मेरा हाफ पैंट था।
एक दिन डैड ऑफिस गए हुए थे और मॉम बाजार गई थीं.. मेरी बहन दूसरे कमरे में सोई हुई थी.. मैं ऐसे ही काजल को देखने के लिए किसी बहाने उसके कमरे में गया.. उस वक्त वो अपनी पीठ के बल सोई हुई थी.. जिससे उसकी गाण्ड पूरी उघड़ी हुई दिख रही थी।
मुंबई में मुझे एक 20 साल की बहुत सेक्सी लड़की मिली थी अंजलि, उससे मेरी अच्छी दोस्ती हो गई थी। जब भी मैं उसको जीन्स में देखता.. तो मेरा लौड़ा खड़ा हो जाता। मैं अंजलि को चोदना चाहता था।
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