सन्तोष कुमार

किराएदारनी की चुदाई उसी के कमरे में

मुझे उसकी गाण्ड बहुत ही मस्त लगती थी और मेरे मन में उसकी उठी हुई गाण्ड मारने के और भी अरमान जाग गए। वो ऊपरी मंजिल पर रहती थी.. अब मैं बस उसे ही पटाने में लग गया।

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