जिस्म की जरूरत-7 17 October 2014 उफ्फ… वो मखमली एहसास उन चूचियों का… मानो रेशम की दो गेंदों पर हाथ रख दिया हो। मैंने धीरे से उनकी दोनों चूचियों को सहलाने पूरी कहानी पढ़ें »
जिस्म की जरूरत-6 16 October 2014 ‘ठीक है समीर जी, अब तो रोज़ ही मिलना मिलाना लगा रहेगा…’ रेणुका ने मेरे पीछे से एक मादक आवाज़ में कहा, जिसे सुनकर मैंने पूरी कहानी पढ़ें »
जिस्म की जरूरत-5 15 October 2014 ‘जी नहीं… यह हमारी मम्मी का हुक्म है और उनकी बात कोई नहीं टाल सकता… तो जल्दी से दूध का बर्तन अन्दर रख दीजिये और पूरी कहानी पढ़ें »
जिस्म की जरूरत-4 14 October 2014 रेणुका तेज़ क़दमों के साथ दरवाज़े से बाहर चली गईं… मैं उनके पीछे पीछे दरवाज़े तक आया और उन्हें अपने खुद के घर में घुसने पूरी कहानी पढ़ें »
जिस्म की जरूरत-3 13 October 2014 रैक के ऊपर के सारे बर्तन गंदे पड़े थे इसलिए वो झुक गईं और नीचे की तरफ ढूंढने लगीं। ‘उफ्फ्फ्फ़…’ बस इसी की कमी थी। पूरी कहानी पढ़ें »
जिस्म की जरूरत-2 12 October 2014 उनके मुड़ते ही मेरी आँखें अब सीधे वहाँ चली गईं जहाँ लड़कों की निगाहें अपने आप चली जाती हैं… जी हाँ, मेरी आँखें अचानक ही पूरी कहानी पढ़ें »
जिस्म की जरूरत-1 11 October 2014 दोस्तो, मैं समीर चौधरी.. सत्ताईस साल का एक सामान्य युवा लड़का जो आप सबकी तरह ऊपर वाले की बनाई इस दुनिया में मौजूद हर खूबसूरत पूरी कहानी पढ़ें »