मैंने कहा- अब इस दर्द को जाने में समय लगेगा.. क्योंकि जब तक मेरा लण्ड तेरी चूत को 8-10 बार चोद नहीं देगा.. और जब तक तुम्हारी चूत मेरे लण्ड के साइज़ की नहीं हो जाएगी.. तब तक दर्द होगा…
इस बार मैंने फ़ैसला कर लिया कि मौसी की गाण्ड मारनी है.. तो उनकी चीखों की परवाह ना करते हुए उनकी गाण्ड मारनी होगी.. चाहे वो कितना भी चीखें या चिल्लाएं..
मोटा लण्ड जब मौसी की चूत की नाज़ुक मगर आती संवेदनशील त्वचा पर रगड़ता.. तो लाली मौसी सिसक उठतीं और अब वो वास्तव में अपने आपको आसमान में उड़ती हुई परी महसूस करने लगी थीं..
औरत की चूत के साथ ज़िंदगी में सिर्फ़ एक ही बार रहम किया जाता है और वो भी अगर चूत कुँवारी हो.. उसके बाद अगर रहम किया तो फिर चूत दूसरा लण्ड ढूँढने लगती है.. औरत की चूत तो बेरहमी से ही चोदी जाती है।
मैंने जब उनकी गाण्ड की दो फलकों को अलग करने वाली लकीर पर नज़र जमाई.. तो मेरी मति भ्रमित हो गई.. रिश्ते-नाते सब हवा हो गए.. याद था तो बस लंड और चूत की प्यास।
मौसा के आने के पहले मौसी नहाने चली गईं.. क्योंकि आज रात को चूत लंड की लड़ाई होने वाली थी। उसके बाद वो पूरी शिद्दत से चुदने के हिसाब से तैयार हुईं और नेट की हल्की और पारदर्शी साड़ी पहनकर मौसा का लंड लेने के लिए तैयार हो गईं।
मैंने लंड को उसकी गाण्ड पर सैट करके ज़ोर लगा कर धक्का दिया जिससे लंड गाण्ड के अन्दर दाखिल हो गया ‘अहह मैं मरीईई ईईई.. फट गई.. बहनचोद.. साले कुत्ते.. हरामी.. रुक ज़ाआअ.. भाई.. तुझे मेरी गाण्ड से क्या दुश्मनी है.. तू छोड़ मुझे..’
मैंने दरवाजे की साइड अनु का सिर करके नीचे लिटा दिया और मैं उसके ऊपर आ गया। तभी मैंने देखा कि मौसी दरवाजे पर खड़ी हैं। मैं उन्हें दिखा कर अनु की चूत में ज़ोर से झटके मारने लगा। मौसी हैरान रह गईं और नहाने चली गईं, मैं चुदाई करने लगा।
अनु अपना मुँह मेरे लंड के पास ले आई और लंड सूंघने लगी और 2 मिनट के बाद अपनी जीभ से मेरे सुपारे को छुआ.. फिर कुछ देर अलग रही.. कुछ सोचती रही.. फिर मेरे लंड पर अपनी जीभ रख दी और धीरे-धीरे चाटने लगी
मैंने उसकी स्कर्ट को उसकी कमर तक चढ़ा कर उसकी पैन्टी धीरे-धीरे उतारने लगा.. उसकी चूत मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी। मैंने सीधा उसकी चूत पर मुँह लगा दिया और चाटने लगा..
सेक्स की बातें खुल कर कर सकते हैं क्योंकि ना तुम मुझे जानती हो.. ना मैं तुम्हें.. हम केवल नेट पर दोस्त हैं इसलिए सेफ भी हैं और जिस्म सेक्स चाहता है.. एंजाय भी पूरा हो जाता है!
मौसी की इकलौती बेटी अनु स्लिम फिगर की है.. उसके चूतड़ और गाण्ड को देखकर आदमी तो क्या कुत्ते की भी लार टपक जाएगी.. मैं मौसी को चोद रहा था और अनु की चुदाई की बात कर रहा था.
मैं मौसी के घर रह रहा था.. एक रात मौसी मुझे मौसा जी समझ कर मुझसे चुद गई, मैंने मौसी को अपनी दुलहन बना कर सुहागरात मनाई… मैंने मौसी को लंड चुसवा के अपना पेशाब भी पिलाया और मौसी का पेशाब मुझे पिलाने को कहा… एक बार मौसी मौसा जी से चुद कर आई और मुझसे चुदने को कहने लगी क्योन्कि मौसाजी उनको सन्तुष्ट नहीं कर पाए थे… कहानी में पढ़िए कि क्या हुआ…
मैं मौसी के घर रह रहा था.. एक रात मौसी मुझे मौसा जी समझ कर मुझसे चुद गई, एक रात मैंने मौसी को अपनी दुलहन बना कर सुहागरात मनाई… पहले उनकी चूत चोदी फ़िर उनकी गाण्ड की सील तोड़ी… उसके बाद मैंने मौसी को लंड चुसवा के अपना पेशाब भी पिलाया और मौसी का पेशाब मुझे पिलाने को कहा … कहानी में पढ़िए कि क्या हुआ…
मैं मौसी के घर रह रहा था.. एक रात मौसी मुझे मौसा जी समझ कर मुझसे चुद गई, अब वो पूरी तरह से तैयार थीं मुझसे चुदाने को… एक दिन मौसाजी और उनकी बेटी को बाहर जाना था, तो घर में मैं और मौसी दोनों अकेले थे… उस रात मैंने मौसी को अपनी दुलहन बना कर सुहागरात मनाई… पहले उनकी चूत चोदी फ़िर उनकी गाण्ड की सील तोड़ी… कहानी में पढ़िए कि क्या हुआ…
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