अरुण से चूत और गान्ड मरवा कर अपने कमरे में आई तो पति को झूठ बोल कर सो गई। अगले दिन पति किसी काम से बाहर गए तो मेरी चूत फ़िर मचल उठी। अरुण को ढूँढने निकली तो…
थूक लगा कर गाण्ड मरवाने का मजा ही कुछ और था। अरुण जी मेरी गाण्ड मारते जा रहे थे- ले मादरचोदी चुद.. ले साली.. मेरे लौड़े की मार.. और मैं आँखें बन्द करके अपनी गाण्ड मरवाते हुए मजा ले रही थी।
मैं अपने पति के साथ मेरे पति के एक दोस्त की शादी में जबलपुर के एक होटल में रुकी हुई थी.. मेरे कमरे के सामने वाले कमरे में दूल्हे के जीजाजी भी रुके हुए थे.
हर सप्ताह अपने मेल बॉक्स में मुफ्त में कहानी प्राप्त करें! निम्न बॉक्स में अपना इमेल आईडी लिखें, सहमति बॉक्स को टिक करें, फिर ‘सदस्य बनें’ बटन पर क्लिक करें !
* आपके द्वारा दी गयी जानकारी गोपनीय रहेगी, किसी से कभी साझा नहीं की जायेगी।