राजा का फ़रमान-5
मैं मदमस्त हुई अपनी जवानी का रस लुटा रही थी.. अब मैं भी मज़े लेने लगी थी.. मेरे अंदर की छिपी राण्ड अब बाहर आकर अंगड़ाइयाँ लेने लगी थी… मेरी आहें दरबार में गूँज रही थी.. कि तभी अचानक राजा ने लण्ड निकाल कर मेरी गाण्ड में पेल दिया… राजा अब झड़ने वाला था… राजा […]