प्रशंसिका ने दिल खोल कर चूत चुदवाई -1
(Prashansika Ne Dil Khol Kar Chut Chudwayi- Part 1)
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दोस्तो, एक बार फिर आप सबके सामने आपका प्यारा शरद एक नई कहानी के साथ हाजिर है लेकिन कहानी लिखने से पहले आपसे एक बात शेयर करना चाहता हूँ।
मैं अन्तर्वासना की साईट पर भी मेरे द्वारा लिखी गई कहानी में कमेन्ट पढ़ता हूँ और उन कमेन्टस के आधार पर यह कह रहा हूँ कि सभी को मालूम है कि सेक्स कितनी देर का होता है और कितनी देर तक चलता है। पर यह आपके पार्टनर पर भी निर्भर करता है कि वो सम्भोग की समय-सीमा कितना लम्बा खींच सकता है। और कहानी को भी रोचक बनाने के लिये कुछ मसाला डालना पड़ता है ताकि कहानी की रोचकता बनी रहे।
दोस्तो, मैं कहानी समय न मिल पाने के कारण नहीं लिख पा रहा था। लेकिन आप पाठकों का इतना प्यार और इतने मेल मुझे मिल रहे थे कि मैंने कहानी फिर से लिखने का मन बना लिया, लेकिन यह कहानी थोड़ी सच्ची है और थोड़ी सी काल्पिनक भी है क्योंकि मुझे ऐसे कई मेल मिल रहे हैं कि मैं एक लम्बी कहानी लिखूँ और कहानी सेक्स और गन्दगी से भरपूर हो।
इसलिये मैं इस कहानी को लिख रहा हूँ और इत्तेफाक से मुझे ऐसा पार्टनर भी मिल गया जिसने सेक्स की सारी सीमायें पार कर दी और मुझे इस कहानी को लिखने के लिये बाध्य कर दिया।
दोस्तो, मैं आप लोगों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ कि आप लोग मेरी कहानी को पसंद करते हैं और मुझे मेल करके अपने विचारों से अवगत कराते हैं। कई महिला फैन के भी मेल आते रहते हैं, बड़े ही मनोरंजक विचार भी लिखती रहती हैं।
मैं आप लोगों से बड़े दिल से माफी मांगता हूँ कि ऐसे मेरे कई मित्र (चाहे वो महिला हो या पुरूष) हैं जिनके मेल का जवाब मैं नहीं दे पाता, जिसका साफ कारण समयाभाव है।
मेल मैं जरूर सबके पढ़ता हूँ और आपके विचारों से अवगत होता रहता हूँ।
इसी तरह मेरे पास मेरी एक महिला प्रशंसक का मेल कई बार आ चुका था, लेकिन मैं उसको जवाब नहीं दे पा रहा था।
पर पिछले महीने मुझे ऑफिस के काम से दिल्ली जाना था। ट्रेन में मेरी साईड बर्थ थी और मेरे ऊपर वाली बर्थ किसी रचना के नाम थी।
इतना तो तय था कि मुझे अपनी नीचे वाली सीट छोड़नी ही होगी।
इस सब बातों को सोचते हुए मैं अपनी सीट पर बैठ गया और उस लड़की जिसका नाम रचना था उसके आने का इंतजार करने लगा। तभी एक मोटी लड़की एक्सक्यूज मी करके मेरे बगल में बैठ गई।
थी तो वो काफी गोरी चिट्टी और उसका फेस कटिंग भी ठीक-ठाक था, लेकिन कुछ ज्यादा मोटी थी और जैसा मेरा अनुमान था कि मुझे ही शिफ्ट होना था एक तो वो लड़की और दूसरा वो थी मोटी, तो मैं ही उसके बिना कुछ बोले शिफ्ट हो गया।
उसने मुझे थैंक्स कहा और अपना सामान सेट करने के बाद उसने अपना लैपटॉप निकाला और ऑन कर दिया। उसको देख कर मुझे भी लगा कि ट्रेन में मुझे नींद तो आनी नहीं थी, तो मैंने भी अपना लैपटॉप ऑन कर लिया और मेल चेक करने लगा।
तो उसी लड़की का मेल फिर आया।
जब मैंने वो मेल चेक की तो उसमें केवल इतना ही लिखा था कि प्लीज मेरे मेल का जवाब जरूर दीजिए। मुझे आपकी कहानी बहुत पसंद आती है और मैं आपसे बात करना चाहती हूँ।
मैंने उसके मेल का जवाब ‘हाय’ करके दिया तो तुरन्त ही मेल की रिप्लाई भी आ गई।
मैं सफर में था ही तो सोचा क्यों न इस लड़की से मैसेंजर के थ्रू बात किया जाये… तो मैंने मैसेंजर रिक्वेस्ट उसको भेज दी और उसने उसको एक्सेप्ट भी कर लिया।
साधारणतया मैंने उसकी ऐज, सेक्स और लोकेशन पूछा तो वो भी इलाहाबाद की थी और इत्तेफाक से उसने अपना नाम रचना बताया। उसके बाद उससे फार्मल बातें और सेक्स के बारे में होती रही।
करीब 1 बज गया था और हम दोनों चैट करते रहे।
जब मुझे समय का ध्यान आया तो मैंने उससे पूछा- रात का एक बज रहा है और तुम मुझसे चैट कर रही हो? घर वाले ऐतराज नहीं कर रहे हैं क्या?
तो उसने जवाब दिया कि वो इस समय ट्रेवेल कर रही है इसलिये चिन्ता की कोई बात नहीं है। हाँ यदि आपके घर में किसी को परेशानी हो तो आप चैटिंग बन्द कर सकते हैं।
मैंने भी जवाब दिया कि मुझे भी टोकने वाला कोई नहीं है, क्योंकि मैं भी ट्रेवेल ही कर रहा हूँ।
सुनकर वो भी खुश हुई और बोली- इसका मतलब हम लोग पूरी रात सफर में बात कर सकते हैं। लेकिन… आप जा कहाँ रहे हो, मैं दिल्ली जा रहा हूँ और आप?
‘इतेफ़ाकन मैं भी दिल्ली जा रही हूँ। तो हम लोग दिल्ली में मिल भी सकते हैं।’
‘हाँ, बिल्कुल अगर तुम चाहो?’ मैंने उससे कहा।
‘मैं भी तैयार हूँ… तो मेरे साथ सेक्स भी करोगे?’
मुझे सामने से खुला ऑफर मिला।
‘लेकिन जैसा तुमने मेरी कहानी में पढ़ा होगा कि मैं सेक्स करते समय अपने पार्टनर से शर्म और नखरे की कोई उम्मीद नहीं करता, कहने का मतलब है कि सेक्स के समय मैं खुल कर, वाइल्ड और बहुत ही मजे लेकर करता हूँ। अगर तुम इस बात से सहमत हो तो फिर मुझे तो कोई ऐतराज नहीं है।’ मैंने कहा।
तब सामने से एक प्रश्न आया जिसको सुन कर मेरा माथा ठनका।
उसने मुझसे कहा कि मैं तुम्हारी कहानियाँ पढ़ती हूँ और मुझे तुम्हारी कहानी बहुत अच्छी लगती है और जैसा आप कहोगे वैसा ही मैं करूंगी, मैं बिल्कुल भी शर्म नहीं करूंगी, लेकिन क्या आप एक मोटी लड़की के साथ सेक्स करेंगे?
जब उसने ऐसा कहा तो मेरा माथा ठनका।
फिर भी मैंने उसे हाँ कहा और नीचे झांककर देखा तो वो मोटी लड़की अपने लैपटॉप में व्यस्त थी। मुझे शक होने लगा कि हो न हो ये वही लड़की है जो मुझसे चैटिंग कर रही है।
तो मैंने उससे बोगी नम्बर पूछा तो एस 7 बोली।
मेरा शक पक्का हो गया कि हो न हो ये वही लड़की है।
फिर और कन्फर्म करने के लिये बोला कि तुम अगर अपना सीट नम्बर बता दो तो मैं तुम्हारे पास ही आ जाता हूँ।
तो उसने वही सीट नम्बर बता दिया और पास आने के लिये बोली।
उसके पास आने वाली बात पर मैंने रिप्लाई किया- यदि मैं तुम्हारे पास आता हूँ तो क्या तुम मुझे अपनी चूत दिखाओगी?
‘लेकिन मैं ट्रेन में अपनी चूत तुम्हें कैसे दिखा सकती हूँ? कल तो हम मिल ही रहे हैं तो देख लेना।’
‘कल कहाँ हम लोग तो तुरन्त ही मिल रहे हैं।’
‘हाँ वो तो सब ठीक है…’ वो रिप्लाई की।
‘पर ट्रेन में?’
‘हाँ तुम टॉयलेट में जाना सब सो रहे हैं, वहीं दिखा देना, जब कोई आयेगा तो मैं हल्के से हट जाऊँगा और तुम दरवाजा बन्द कर लेना।’
तो कितनी देर में आ रहे हो? उसने पूछा।
बस तुरन्त मैंने कहा- केवल ऊपर देखो!
‘मतलब?’ वो पूछी।
मैंने कहा- जिसने तुम्हारे लिये अपनी सीट छोड़ी थी, वो ऊपर बैठा है।
‘अरे वाह… ये तो को-इन्सीडेन्ट है।’
मैंने अपना लैपटॉप बन्द किया और नीचे उतर कर उसकी जांघ पर हाथ रखा और उसके गाल को चूमते हुए बोला- क्या दिखाओगी?
उसने भी अपना लैपटॉप बन्द किया और मेरे साथ टॉयलेट की ओर चल दी।
आगे आगे मैं था और वो पीछे आ रही थी।
टॉयलेट पहुँचने पर वो थोड़ा झिझकी, मैंने उसके कंधे पर हाथ रखा और बोला- सोचो मत, जब कोई आयेगा तो मैं हट जाऊँगा और तुम तुरन्त ही दरवाजा बंद कर लेना।
उसने फिर एक बार मेरी तरफ देखा और फिर कुछ सोची और टॉयलेट के अन्दर चली गई।
कहानी जारी रहेगी।
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