पर-पुरुष की चाहत में एक दीवानी
(Gair Mard Ki Chahat Me Ek Deewani- Part 1)
हैलो दोस्तो, मैं आपका दोस्त राज गर्ग!
मेरी कहानी वाइफ़ स्वैपिंग की चाहत में दो दीवाने के तीन भाग अन्तर्वासना के चहेते लेखक वरिन्द्र सिंह द्वारा भेजे गए थे।
अब एक और सच्ची कहानी आपको बताना चाहता हूँ। आशा है आपको पसंद आएगी।
अन्तर्वासना डाट कॉम पर मेरी कहानी पढ़ने के बाद मुझे एक दिन मेरे ई मेल आईडी पर एक ई मेल मिला, किसी रिया नाम की लड़की का था, उसने मुझसे मेरे क्लब के बारे में जानकारी और मुझसे बात करने की इच्छा ज़ाहिर की। वो दिल्ली में ही रहती है।
पहले हमने ई मेल्स के जरिये और फिर गूगल हैंगआउट पर चैटिंग की और मेरे फेसबुक पेज gargseemaraj पर बहुत बहुत बार मेसेज के जरिये बात की।
जब दोनों का विश्वास बन गया तो फोन नम्बर ले दे कर कॉलिंग के जरिये आपस में बहुत खुल कर बात हुई।
इस दौरान यह बात तो साफ हो गई कि उसका पति वाइफ़ स्वेपिंग में रुचि नहीं रखता था।
मैंने उसे यह भी कहा कि हमारे क्लब में तो सिर्फ़ युगलों को ही प्रवेश मिलता है, अकेले क्लब जॉइन नहीं कर सकते।
मगर उसने बताया कि सेक्स के बारे में उसके पति और उसके विचार अलग अलग हैं। पति सिर्फ एक से ही सेक्स करना पसंद करते हैं, मगर उसे सेक्स में नित नई चीज़ें चाहिए, सेक्स को लेकर वो अपनी ज़िंदगी का भरपूर मज़ा लेना चाहती है, मगर यह नहीं चाहती कि लोग उसको रंडी ही समझे मगर जीवन का लुत्फ लेना तो सबका हक़ है।
मुझे वो लड़की बहुत बिंदास लगी, मैंने उससे मिलने का सोचा और उससे मिलने की इच्छा ज़ाहिर की।
हम दोनों एक रेस्तरां में मिले, एक खूबसूरत, स्लिम और सेक्सी औरत… मुझे तो देखते ही वो भा गई और मन ही मन मैं उसे चोदने के सपने सँजोने लगा।
थोड़ा ज़्यादा बेतकल्लुफ होते हुये मैंने उससे हाथ मिला कर उसका अभिवादन किया, उसने भी बड़ी गर्मजोशी से मुझसे हाथ मिलाया। हम दोनों बैठ कर कुछ देर बातें करते रहे एक दूसरे के बारे में, क्लब के बारे में।
मुझे उसकी बातों से ऐसा लगा कि जैसे वो मन बना कर ही आई है कि आज ही क्लब जॉइन करके आज ही एंजॉय करके जाएगी।
मैंने उससे यह बात की तो उसने कहा- बिल्कुल… मैं तो यह सोच कर ही घर से निकली थी कि अगर आज ही एंजॉय करने को मिला, तो मैं तो मज़ा करके ही आऊँगी।
तभी मेरे दिमाग में एक आइडिया आया, मैंने कहा- देखो रिया, आज तो क्लब की कोई मीटिंग नहीं है, हाँ… अगर तुम चाहो तो हम मेरे घर चलते हैं, मेरी पत्नी घर पर ही है, हम तीनों मिल कर एंजॉय कर सकते हैं, अगर तुम्हें कोई ऐतराज न हो तो!
उसने तो एकदम से हाँ कह दी।
मैंने फोन करके घर पे अपनी बीवी से बात की। मेरी पत्नी भी क्लब की मेम्बर है इसलिए क्लब से संबन्धित सभी बातें हम आपस में एक दूसरे को बता देते हैं, तो रिया के साथ हुई मेरी सारी चैट, ई मेल्स के बारे में वो सब जानती थी।
हम दोनों घर को चल पड़े।
वैसे तो मेरा मन रास्ते में ही खूबसूरत रिया के बदन को सहलाने को कर रहा था कि अब जब यह चुदने को ही तैयार है, तो क्यों न इसके बूब्स दबा के या होंठ चूस के देख लूँ, मगर मैंने खुद पर काबू रखना ही ठीक समझा।
जब हम घर पहुंचे तो मेरी पत्नी सीमा ने रिया को देखा तो बड़ी हैरानी से दोनों ने एक दूसरे को खूब ज़ोर से गले लगा कर स्वागत किया।
‘अरे रिया तू?’ सीमा बोली।
‘अरे साली सीमा, तू यहाँ?’ रिया भी लगभग चीखी।
बड़ी गर्मजोशी से दोनों ने एक दूसरे का स्वागत किया।
‘अरे तुम दोनों एक दूसरे को जानती हो?’ मैंने पूछा।
सीमा बोली- अरे यह तो मेरी स्कूल की सहेली है, हम एक साथ पढ़ती थी।
सीमा ने रिया को साथ लिया और ड्राइंग रूम में चली गई और मैं पीछे से दोनों सहेलियों के चूतड़ देख कर सोच रहा था कि किसकी गांड ज़्यादा सेक्सी है, सीमा की या रिया की।
खैर वैसे तो मेरी बीवी भी बहुत सेक्सी है, मगर इस वक़्त तो मुझे रिया ही हॉट लग रही थी। काली साड़ी में उसका गोरा बदन बहुत ही गजब लग रहा था।
पहले तो हमने चाय वगैरह पी, उसके बाद मुद्दे पे आए, मैंने अपनी पत्नी सीमा को बताया कि रिया के पति तो नहीं पर रिया अपना क्लब जॉइन करना चाहती है और यह तो बल्कि आज ही मूड बना कर आई है एंजॉय करने का, तो मैं इसे अपने घर ले आया कि पहले थ्रीसम करके देखते हैं, अगर रिया को अच्छा लगा तो अगली बार क्लब की मीटिंग में भी इसे बुला लेंगे।
‘मगर राज क्लब में हम अकेले मेम्बर को तो आने नहीं देते?’ सीमा ने कहा।
‘हाँ मगर वो शर्त इसलिए है कि बहुत से मर्द अकेले ही आ जाते हैं, अपनी पत्नी तो घर पे रखते हैं और दूसरे की पत्नी के साथ एंजॉय करना चाहते हैं, हाँ, अगर कोई अकेली औरत आती है, तो वो आ सकती है, क्योंकि पहले तो ऐसी औरतें बहुत कम होती हैं, जो एंजॉयमेंट के लिए स्वैपर्स क्लब जॉइन करती हों, और वैसे भी हमारे क्लब में सभी कपल्स आते है, तो रिया उन सबके लिए बोनस होगी, चाहे किसी औरत के साथ लेस्बीयन सेक्स करे या किसी मर्द के साथ, या फिर थ्रीसम किसी कपल के साथ, इसे तो हर हाल में एंजॉयमेंट ही मिलेगी।
मेरी बात सीमा कोभी ठीक लगी- तो फिर आज क्या हम थ्रीसम करेंगे?
सीमा ने पूछा।
मैंने कहा- हाँ, और इस तरह रिया की भी अपनी क्लब में एंट्री हो जाएगी, मैं फ्रेश हो कर आता हूँ, तुम लोग भी फ्रेश होकर बेडरूम में आ जाओ।
मैं बाथरूम में गया, सबसे पहले तो सेफ़्टी रेज़र से अपने लंड के आस पास के जो थोड़े बहुत बाल थे वो सब हटाये, फिर लंड को अच्छी तरह से धो पोंछ कर बेडरूम में आ गया।
रिया और सीमा दोनों बाथरूम में थी।
करीब 2 मिनट बाद दोनों बाहर आई।
मैं उठ कर खड़ा हो गया।
सबसे पहले मैंने उन दोनों को अपने अगल बगल खड़ा किया। एक तरफ सीमा थी तो दूसरी तरफ रिया, मैंने दोनों की कमर में हाथ डाला, दोनों की कमर को सहलाया और अपनी तरफ खींचा।
दोनों सुंदरियाँ मेरे अगल बगल चिपक गई, सीमा के बड़े बड़े बूब्स मेरे एक तरफ सटे तो रिया के थोड़े छोटे मगर थोड़े से कड़क बूब्स मेरी दूसरी तरफ महसूस हुये।
मैंने उन दोनों की कमर को सहलाते हुये, सबसे पहले अपनी पत्नी सीमा के होंठों को चूमा, सीमा ने भी मेरे चेहरे को पकड़ कर मेरे चुम्बन का जवाब बड़े प्यार से मेरे होंठों को चूम कर दिया।
उसके छोटे से चुम्बन के बाद मैं रिया की तरफ घूमा, मैंने अपने होंठ आगे बढ़ाए तो रिया भी आगे आई, और हम दोनों के होंठ आपस में मिले, मैंने उसका नीचे वाला होंठ अपने होंठों में पकड़ा और चूसने लगा और अपनी जीभ से उसके होंठ को सहलाया और चाटा।
‘वेरी टेस्टी रिया…’ मैंने कहा, तो वो मुस्कुराई।
उसके बाद तो मैंने सीमा को छोड़ रिया को ही अपनी बाहों ने भर लिया और सीमा ने मुझे पीछे से जकड़ लिया।
रिया को अपनी बाहों में कस कर मैंने फिर से उसके होंठों को अपने होंठों में लिया, रिया ने भी अपनी बाहें मेरे गले में डाल दी और चुम्बन में भरपूर सहयोग दिया।
चूमते चूमते मैंने उसकी पीठ सहलाई, फिर अपने हाथ आगे लाकर उसके दोनों बूब्स पकड़ कर दबा कर देखे।
‘लाजवाब…’ मैंने कहा और रिया की साड़ी खोलने लगा तो सीमा ने रोक दिया- आप रुको, मैं खोलती हूँ।
कह कर सीमा ने पहले रिया की साड़ी का पल्लू उसके कंधे से उतारा, काले रंग के ब्लाउज़ में कसे हुये दो बूब्स मेरे सामने प्रकट हुये, उसके बाद सीमा ने रिया की साड़ी की सारी चुन्नटें खोल दी और पूरी साड़ी उतार दी।
उसके बाद यही काम रिया ने किया और सीमा के साड़ी भी खोल दी।
मुझे किसी ने कहा नहीं, मगर मैंने भी अपनी शर्ट उतार दी, पेंट और बानियान भी।
और सिर्फ चड्डी पहने मैं बेड पे जाकर बैठ गया।
दोनों सुंदरियाँ, पेटीकोट और ब्लाउज़ में बेड पे मेरे अगल बगल आकर बैठ गई।
मैंने कहा- कैसा रहेगा अगर तुम दोनों पुरानी सहेलियाँ आपस में लेस्बीयन से शुरुआत करो। मैं तुम्हें पहले देखूँगा और बाद में मैं भी बीच में आ जाऊँगा।
मैंने कहा तो दोनों सहेलियों ने एक दूसरे को आँखों आँखों में देखा और फिर धीरे से दोनों के होंठ आपस में जुड़ गए।
‘अरे वाह, क्या बात है!’ मैंने सोचा ‘ये तो दोनों सच में ही शुरू हो गई।’
मैं बैठा बैठा अपना लंड चड्डी के ऊपर से ही सहलाता रहा और दोनों सहेलियाँ बड़े प्यार से एक दूसरे को चूमने चाटने में व्यस्त थी। जब मेरा लंड भी तन गया तो मैं भी उनके बीच में शामिल हो गया, कभी किसी के चूतड़ सहलाता तो कभी किसी के बोबे दबाता।
मेरी बीवी थोड़ी भारी है रिया से, इसलिए रिया के कूल्हे और उरोज मेरी पत्नी से छोटे हैं। मगर इस बात का लुत्फ ज़्यादा था कि आज पहले बार एक औरत से आप मिले और पहली बार ही वो अपनी मर्ज़ी से आपके बिस्तर में है।
मैंने रिया का पेटीकोट ऊपर उठा कर कर उसकी टाँगें नंगी की… लंबी संगमरमरी टाँगें!
मैंने उसकी टाँगों को यहाँ वहाँ चूमा तो वो तड़प उठी- नहीं, ऐसा मत करो मुझसे सहा नहीं जाता!
‘ओके…’ कह कर मैंने उसके ब्लाउज़ के हुक खोले तो सीमा ने खुद ही अपना ब्लाउज़ उतार दिया।
फिर दोनों सुन्दरुयों की ब्रा भी मैंने खुद उतार दी और दोनों के चूचे आज़ाद हो गए।
सीमा के बूब्स भारी होने के कारण थोड़े लटके से हैं और सॉफ्ट हैं, मगर रिया के छोटे होने के कारण टाइट और तने हुये से हैं।
उत्तेजना के कारण निप्पल दोनों के तन चुके थे।
पहले तो मैंने रिया के दोनों बूब्स दबा कर चूस कर देखे उसके बाद सीमा से कहा- तुम भी तो अपनी सहेली की चूची चूस कर देखो!
और बारी बारी से दोनों सहेलियों को एक दूसरे के चूचे चुसवाए।
क्योंकि दोनों औरतें पूरी गर्म थी तो दोनों बड़े चाव से एक दूसरे के चूचे चूसे। जब वो दोनों एक दूसरे के चूचे चूस रहीं थी तो मैंने रिया के पेटीकोट का नाड़ा खोला, फिर सीमा का भी पेटीकोट खोला, दोनों के पेटीकोट उतार दिये।
रिया ने नीचे से पेंटी पहनी थी, मगर सीमा ने नहीं।
अब दोनों औरतें मेरे सामने पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी।
‘रिया, क्या तुम सीमा की चूत चाट सकती हो?’ मैंने पूछा तो रिया बोली- क्यों नहीं, मुझे कोई ऐतराज नहीं, अगर सीमा भी चाटे तो!
सीमा ने भी कोई ऐतराज नहीं जताया।
मैंने सीमा को बेड पे लेटाया और रिया को उसके ऊपर 69 की पोजीशन में लेटने को कहा।
जब दोनों सहेलियाँ लेट गई तो दोनों ने एक दूसरे की चूत पे पहले चूमा फिर हौले हौले अपनी अपनी जीभ से शुरू किया।
मैं कभी एक तो कभी दूसरी के पास जाता और कभी इसकी कभी उसकी चूत चाटता, पर ज़्यादा तो मैं चूत चाटने वाली के मुंह को उसकी जीभ को चाट रहा था।
रिया की चूत से टपकने वाले पानी से सीमा कर सारा मुंह भीगा पड़ा था।
मगर चूत का पानी मुझे बहुत टेस्टी लगता है। और यहाँ तो मुझे दो दो चूतें चाटने को मिल रही थी।
अब मैं चाहता था कि दोनों सहेलियाँ एक दूसरी को छोड़ कर मुझसे लिपटें और मुझे चूमे चाटें।
मैंने उन दोनों को अलग किया मगर वो तो जैसे एक दूसरे की चूत छोड़ना ही नहीं चाहती थी, या शायद चूत चटवा कर झड़ने के करीब थी।
खैर दोनों को अलग करके मैंने अपने अगल बगल लेटाया- सालियो, खुद ही लगी हो, मुझे भी तो मज़ा दो।
मैंने कहा तो सीमा ने मेरा तना हुआ लंड पकड़ा और मुंह में लेकर चूसने लगी, और रिया बेड पे खड़ी हो गई और अपनी चूत के दोनों होंठ खोल कर अपनी चूत का दाना बाहर को निकाल कर बोली- राज, इसे चाट!
मैंने उसकी चूत के दाने को अपने होंठों में पकड़ा और चूसने लगा।
रिया ने मेरे सर के बाल अपने हाथों में पकड़ लिए और खुद अपनी चूत मेरे मुंह पे रगड़ने लगी।
उसकी चूत बहुत पानी छोड़ रही थी और थोड़ी ही देर में उसने मेरा मुंह भी अपनी चूत के पानी से भिगो दिया। वो ऐसे कर रही थी जैसे मेरा मुंह अपनी चूत के अंदर घुसेड़ लेना चाहती हो।
मैंने अपनी पूरी जीभ से उसकी चूत चटाई की।
रिया और ज़्यादा उत्तेजित होती जा रही थी- चाट राज चाट, और चाट साले, खा जा इसे, खा कमीने, काट के खा जा इसे!
उसकी इस हालत को देख का मैं और सीमा दोनों हैरान थे, वो तो अपनी चूत ला ला कर मेरे मुंह पर मार रही थी।
मैंने उसे नीचे लेटाया और उसकी दोनों टाँगों के बीच सर रख कर उसकी चूत चाटने लगा, मुझे लग रहा था कि ये बस झड़ने के करीब है। सीमा उसके बूब्स चूसने लगी और वो सीमा के।
वो नीचे से अपनी कमर उठा उठा कर मार रही थी, और फिर वो झड़ी, मेरे सर को उसने अपनी जांघों में भींच लिया, सीमा का जो बूब उसके मुंह में था, उसे दाँत से काट लिया और सीमा के मुंह से भी हल्की चीख निकाल दी।
उसकी चूत और जांघों में फंसा मैं सांस भी नहीं ले पा रहा था।
तड़प तड़प के कमर पटक पटक के रिया शांत हो गई।
मैं और सीमा भी रुक गए।
थोड़ा संभालने के बाद रिया बोली- राज तुमने तो सिर्फ जीभ से ही मेरी जान निकाल दी जब वो डालोगे तो क्या करोगे।
मैंने कहा- यह तो तुम अपनी सहेली से पूछ लो, जो रोज़ लेती है।
मैंने देखा कि सीमा के लेफ्ट बूब पर दाँत से काटने का निशान बन गया था।
थोड़ी देर हम लेटे रहे, क्योंकि असल मकसद तो रिया को चोदने का ही था, मैंने सीमा को नहीं छेड़ा।
उसके बाद रिया बाथरूम में चली गई और फ्रेश हो कर आ गई।
मैंने फ्रिज से जूस निकाला और हम सबने पिया।
मैंने रिया से पूछा- अब दूसरी इनिंग शुरू करें?
रिया बोली- क्यों नहीं, असली खुजली तो इससे ही मिटती है।
जूस का गिलास रख कर मैंने रिया को अपनी बाहों में भर लिया। वो भी बेड पे सीधी हो कर लेट गई और उसने भी अपनी टाँगें पूरी खोल दी ताकि मैं उसकी टाँगों के बीच में आ सकूँ। जब मैं उसके ऊपर आ गया तो रिया ने खुद मेरे दोनों हाथ पकड़ कर अपने बूब्स पे रखे और मेरे चेहरे को नीचे खींच कर अपने होंठ मेरे होंठों से लगा दिये।
उसके होंठ चूसते और उसके बूब्स दबाते हुये मैंने अपना लंड उसकी चूत पे रगड़ना शुरू किया। सीमा हमारे साथ लेटी मेरी पीठ सहला रही थी।
बीच बीच में हम सीमा को भी चूम लेते, कभी मैं सीमा को, कभी सीमा रिया को, तीनों एक दूसरे को चूम कर मज़ा ले रहे थे।
फिर मैं सीधा हुआ और सीमा से बोला- सीमा, क्या तुम मेरा लंड अपनी सहेली की चूत पर रखोगी?
तो सीमा ने मेरा लंड पकड़ा और सीमा की चूत पे रखा और उसके बाद मेरे पीछे से आकर मुझे अपनी बाहों में भरा और मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ कर अपनी कमर से मेरी कमर को आगे को धकेला, जिससे मेरा लंड रिया की चूत में घुस गया।
सीमा पीछे से अपना कमर चला रही थी और इस तरह से मैं रिया को चोद रहा था।
मगर रिया बहुत ही गरम औरत थी। थोड़ी से चुदाई के बाद ही उसकी चूत फिर से पानी से लबालब हो गई।
इतना ज़ोर मैं ऊपर से नहीं लगा रहा था, जितना ज़ोर वो नीचे से लगा रही थी।
मैंने पूछा- कोई जल्दी है क्या, जो इतना तेज़ कर रही हो?
तो वो बोली- मुझे तेज़ और जोरदार सेक्स पसंद है।
तो मैंने भी फिर अपनी स्पीड बढ़ा दी, और सीमा ने अपनी चूत रिया के मुंह पे रख दी।
हमारा त्रिकोण सा बन गया, मैं रिया की चूत चोद रहा था और सीमा के होंठ चूस रहा था, सीमा रिया से चूत चटवा रही थी और मेरे होंठ चूस रही थी और रिया मुझ से अपनी चूत चुदवा रही थी और सीमा की चूत को चाट भी रही थी।
मैंने सीमा को आगाह किया- ख्याल रखना, जोश में आकर ये काट लेती है, कहीं तुम्हारी चूत ही न खा जाए!
मगर सीमा सिर्फ मुस्कुरा दी।
थोड़ी देर बाद सीमा नीचे उतर गई।
मैं रिया को उसके ऊपर लेट कर चोदने लगा और सीमा मेरे सामने उंगली से हस्त मैथुन करने लगी।
मेरे नीचे एक औरत अपनी चूत की खुजली लंड ले कर मिटा रही थी और सामने एक और औरत उंगली से।
मगर सीमा जितना शांत हो कर सेक्स करती है, रिया उतना ही शोर मचाती है- चोद, चोद साले, ज़ोर से चोद, और ज़ोर से मार, आह, मार साले, दबा के फुद्दी मार मेरी, आह, और ज़ोर से ठोक!
रिया ने तो पूरा घर जैसे सर पे उठा लिया।
और करीब 12-13 मिनट की लगातार चुदाई, जिसमें मैं पसीना पसीना हो गया, रिया दुबारा से झड़ी, और इस बार तो उसने मुझे ही
नीचे पटक दिया और खुद ऊपर आकर बैठ गई, और खुद मुझे चोदने लगी।
सच में बहुत ही दमदार औरत है रिया तो… क्या ताबड़तोड़ चुदाई करी साली ने।
और फिर जब उसका पानी छूटा तो जैसे उसका सारा बदन ही काँपने लगा, बहुत ही जोशीले तरीके से झड़ी वो।
उसके झड़ते ही मैंने अपना लंड उसकी चूत से निकाल और सीमा की चूत में डाल दिया, मगर सिर्फ 2 मिनट में ही मैंने अपना लंड बाहर निकाला और सीमा के पेट पे ही अपने वीर्य की पिचकारियाँ मार दी और धड़ाम से एक तरफ गिर गया।
मेरी तो हालत बहुत ही खराब थी, बुरी तरह से मैं थक चुका था।
सीमा ने भी उंगली से अपनी आग शांत कर ली।
कितनी देर हम तीनों नंगे ही वैसे ही लेटे रहे।
फिर उठ कर तीनों बाथरूम में गए और एक साथ नहाये, बाहर आकर कपड़े पहने और फिर से तैयार होकर बैठ गए।
‘अब मुझे क्लब में कब शामिल कर रहे हो?’ रिया ने पूछा।
‘अरे तुम तो क्लब में आग लगा दोगी… बस अब जब भी मीटिंग की डेट फिक्स होती है, सबसे पहले तुमको बताऊंगा।’ मैंने कहा।
और इसके बाद ही हमारे क्लब के संविधान में यह बदलाव हुआ के अगर कोई अकेली औरत चाहे तो वो भी हमारा क्लब जॉइन कर सकती है।
आप हमारे फेसबुक पेज gargseemaraj पर भी हमसे सम्पर्क कर सकते हैं।
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