मौसी की चूत की चुदाई खुली छत पर

(Mausi Ki Choot Ki Chudai Khuli Chhat Par)

मेरा नाम संजू है, मैं वाराणसी से हूँ, मेरी उम्र 24 साल है हाइट 5’6″ है।
मैं जितनी भी कहानियाँ लिखूंगा, सभी शतप्रतिशत सत्य होंगी जैसा कि यह भी है।

यह कहानी आज से चार साल पहले की है जब मैं मेरी मौसी के यहाँ रहता था। मेरी मौसी के घर में मौसी, मौसा और उनके दो बेटे हैं। उनके अलावा एक और मौसी भी रहती थी जो मेरी सगी नहीं थी, दूर के रिश्ते में थी, उसकी उम्र 18 साल थी, वो बिल्कुल गोरी थी, उसकी चूचियाँ 36 कमर 28 और गांड 34 थी, वह बहुत ही सेक्सी थी।

मैंने कभी भी उसे गलत नजर से नहीं देखा था लेकिन वो मुझसे अक्सर मजाक किया करती थी, यूं ही बातों-2 में मुझसे चिपकती रहती थी। लेकिन वो क्या चाहती थी, मैं कभी समझ नहीं पाता था!

ऐसे ही दिन कट रहे थे, गर्मियों का मौसम था, लाइट नहीं थी, घर में सभी लोग शादी में इलाहाबाद गये थे, हमें भी कहा लेकिन मैं नहीं गया इसलिये मैं और मेरी दूर के रिश्ते की मौसी जिसका नाम ममता हम दोनों घर पर ही रह गये।

रात खाना खाने के बाद हम दोनों छत पर चटाई लेकर सोने चले गये, मैंने चटाई लगाई और लेट गया और ममता मेरे पैरों की तरफ़ लेट गई।
मैंने कहा- तुम अलग चटाई लगाकर लेट जाओ, नहीं रात में मेरे पैरों से तुम्हें चोट लग जायेगी।
तब वो बोली- नहीं लगेगी, तुम सो जाओ।
मैंने कहा- ठीक है।
और हम सो गये।

रात को करीब 11 बजे मेरी नींद खुली गई तो मैंने देखा कि लाइट आ गई है और उसकी ऱोशनी आंगन से होकर हल्की सी ऊपर आ रही है! ममता सीधे लेटी है और उसकी दोनों बड़ी-बड़ी चूचियाँ ऊपर को तनी हुई हैं, उनके निप्पल भी दिख रहे हैं।

यह देखते ही मेरा लंड तन कर टाइट हो गया, मेरी नियत खराब हो गई, मैंने मन बना लिया कि किसी भी तरह आज ममता को चोदना है लेकिन डर भी लग रहा था।

फिर मेरी उत्तेजना डर को भूल गई और मैंने लेटे-2 ही धीरे से अपने दायें पैर की एक उंगली ममता की कमर से लगाई तो ममता ने कोई विरोध नहीं किया, फिर मैंने पैर का अंगूठा उसकी दाईं चुची पर रखा, ममता कुछ नहीं बोली तो मेरी हिम्मत बढ़ गई।

मैं पैर से ही उसकी चुची को दबाने लगा। जब वो कुछ न बोली तो मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैं उसकी तरफ मुँह करके लेट गया।
फिर दायां हाथ पहले तो उसकी कमर पर रखा, जब उसने विरोध नहीं किया तो मैंने हाथ उसकी चुची पर रख दिया और दबाने लगा।
उसके बाद हाथ उसके कपड़ों में अन्दर डाल कर जोर-2 से दोनों चुची मसलने लगा। अब वो जाग गई और मेरे सीने से लिपट गई।

तब छत पर ही हम दोनों ने पूरे कपड़े उतार दिये और बिल्कुल नंगे हो गये, उसने मेरा सिर पकड़ कर अपनी चुची पर रख दिया और मैं उम्म्ह… अहह… हय… याह… बारी-2 दोनों को चूसने लगा।

उसके बाद वो मेरे लंड को पकड़कर सहलाने लगी और चूसने लगी, फिर मैंने उसे सीधे लेटाकर उसके पैर थोड़े उठा दिये और उसकी चुत के दाने को चाटने लगा। मैंने दस मिनट तक चाटा जिससे वो झड़ गई और पानी छोड़ दिया!

कुछ देर तक मैं उसके होठों को, जीभ को मुंह में लेकर चूसता रहा, जब वो फिर से गर्म हो गई तो मैंने उसे सीधा लेटाकर उसके पैर ऊपर उठा दिए और मेरा लंबा लंड उसकी चुत के छेद पर रखा और अंदर डालने लगा।

चूंकि उसने पानी छोड़ दिया था इसलिये उसकी चुत पूरी गीली हो गई था और मेरा लंड पूरा का पूरा उसकी चुत में एक ही बार में घुस गया।

ममता की तो हालत खराब हो गई, वो चिल्लाने लगी- प्लीज लंड बाहर निकाल, मुझे बहुत दर्द हो रहा है!
लेकिन मैं इतना उत्तेजित हो गया था कि रुका नहीं और पूरा का पूरा लंड उसकी चुत में डाल कर चोदता रहा।
मैंने लगातार काफ़ी देर तक उसकी चुत में लंड डाल कर चोदता रहा, इस दौरान वह फ़िर झड़ गई।

अब मेरा वीर्य भी निकलने वाला था जो मैंने उसकी चुत में अंदर गिरा दिया। जब मेरा वीर्य गिर गया तो भी मैं कुछ देर तक उसके ऊपर लेट कर उसके मुलायम होठों और चुची को चूसता रहा और जब उसके ऊपर से हटा तो देखा कि उसकी चुत से खून निकल रहा है और मेरा भी लंड खून से लाल है।

ममता ने अपनी चुत और मेरा लंड दोनों को कपड़े से साफ किया, फिर हम दोनों वहीं एक चटाई पर एक दूसरे से लिपट कर सो गये। उसके बाद मैंने उसे कई बार चोदा।

कुछ दिनों बाद वो मेरे मौसी के छोटे लड़के से चुदने लगी!

मौसी की चुदाई की यह कहानी आपको कैसी लगी, मुझे ईमेल करें!
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