भाई बहन ननदोई सलहज का याराना-5

(Bhai Behan Nandoi Salhaj Ka Yarana- Part 5)

राज वीर 69 2018-09-10 Comments

This story is part of a series:

श्लोक के बिजनेस सफल हो जाने पर श्लोक के माता-पिता का फोन पर आदेश आया कि वह हिमाचल जाकर अनंत बाबा से आशीर्वाद ले ले जिसके कहने पर श्लोक ने अपना बिजनेस शुरू किया था। अनंत बाबा का श्लोक और रीना के परिवार पर बड़ा आशीर्वाद था।
अनंत बाबा ने मेरे ससुराल अर्थात श्लोक के परिवार को लेकर जो भी भविष्यवाणी की थी वह हमेशा से ही सच साबित हुई थी। जैसे रीना की शादी एक समृद्ध परिवार में होना उसका हमेशा से खुश रहना।
श्लोक किसी की नौकरी ना कर कर खुद एक बड़ी कंपनी का मालिक बन जाने की भविष्यवाणी अनंत बाबा ने पहले ही कर दी थी। श्लोक ने उसी विश्वास से अपनी इतनी बड़ी नौकरी छोड़कर मेरे बिजनेस में हाथ डाला था और इसी विश्वास के कारण हमारा बिज़नेस इतना ऊपर पहुंचा।

श्लोक अपने बिजनेस के सफल हो जाने पर अनंत बाबा के आश्रम को कुछ धन गुप्तदान करना चाहता था, यह बात केवल उसने मुझे ही बताई थी, अतः घरवालों की आज्ञा के कारण हमने चारों ने हिमाचल जाने की योजना बनाई और हम चारों 15 दिन बाद अनंत बाबा से मिलने हिमाचल प्रदेश चले गए।

हम बाबा के आश्रम पहुंचे, जहां लंबे इंतजार के बाद बाबा हम से मिलने के लिए अपने मठ से बाहर आए। वास्तव में आनंद बाबा एक अलग ही हस्ती थी, वह आजकल के बाबाओं की तरह ढोंगी, पाखंडी नहीं थे, जितना बोलते थे वह सच बन जाता था, अन्यथा वे कुछ बोलते ही नहीं थे, अगर कोई आशीर्वाद मांगता था तो केवल अपना हाथ उठा देते थे.

समृद्ध परिवार से पहले भी गुप्त दान देने की वजह से श्लोक को वे जानते थे अतः उन्होंने अपनी मुस्कान के साथ हम चारों का स्वागत किया।
हाथ उठाने के बाद सीमा ने आखिर बाबा से पूछ लिया- बाबा, अब तो हमारे जीवन में सब कुछ सही चलेगा ना?

इस पर बाबा थोड़ी देर चुप रह कर बोले- बेटी, आगे का जीवन बेहद सुखद मय है तुम सबका… किंतु एक संकट तो आना है, आप दोनों चली जाओ, हम श्लोक को यह बात बताएंगे।
रीना और सीमा दोनों को बाबा ने जाने को कहा.

श्लोक- बाबा, कैसे संकट के बात कर रहे हो आप?
बाबा- बेटा, मैंने सीमा के मस्तक की रेखाओं को पढ़ा है और मुझे ज्ञात हुआ है कि 2 साल बाद उसके पिता पर बहुत बड़ा आर्थिक संकट आने वाला है. किंतु यह बात तुम उसे मत बताना, वरना वह परेशान हो जाएगी. हां, जितना हो सकता है उसे अपने पिता के साथ समय बिताने का समय दे देना. मैं ऐसी बातें कभी किसी को नहीं बोलता, केवल सुखद बातें बोलता हूं लेकिन तुम्हारा परिवार मेरे लिए बहुत खास है इसलिए मैंने तुम्हें इसके लिए सचेत किया है. और आगे कोई संकट नहीं।
बाबा यह बात बोल कर उठ कर चले गए.

मैंने और श्लोक ने आश्रम से गुप्त दान की औपचारिकताओं को पूर्ण किया और दोनों अपने अपने होटल में लौट आए. सीमा और रीना ने बहुत पूछने की कोशिश की कि बाबा किस संकट के बारे में बात कर रहे थे किंतु हमने उनको कुछ नहीं बताया।

यहां सब हमने अपनी अपनी बीवियों के साथ हनीमून की तरह समय बिताया किंतु एक दूसरे की बीवी पर कोई बुरी नजर नहीं डाली अर्थात यह एक साधारण टूर था।
अपनी अपनी बीवियों के साथ जिसमें चुदाई और उत्तेजना का समावेश था।
हां श्लोक और मैं, हम दोनों एक दूसरे की बीवियों को देख कर आंखें तो सेक ही लेते थे.

हम अगले दिन वापस जयपुर के लिए रवाना हो गए और जयपुर पहुंच गए.

अगले दिन ऑफिस में
श्लोक- यार पापा पर कैसा संकट आने वाला है?
मैं- अरे साले साहब, अगर पापा पर संकट आने वाला है तो उनका दामाद किस काम आएगा. है तो आपके ससुर ही, आप उनकी मदद कर देना और उन्हें इसके बारे में थोड़ा सचेत कर देना ताकि वे अपने कदम फूंक-फूंक कर रखें!

उनकी बातें करने के बाद हम थोड़ी देर बाद नार्मल बातों पर आने लगे.
श्लोक- लेकिन सीमा मुझसे बार-बार पूछती रहती है कि बाबा ने कौन से संकट के बारे में कहा. मैं उसे क्या जवाब दूं समझ नहीं आता।

तब मेरे दिमाग में एक विचार आया, मैंने कहा- उन्हें क्या जवाब देना है, मैं समझ गया हूं, आज रात को इकट्ठे होकर बात करेंगे और बाबा की कही हुई बातें उन्हें बताएंगे. बस तुम हां में हां मिलाते रहना, बाकी सब मुझ पर छोड़ दो।

शाम को खाने के बाद हम चारों बात करने के लिए छत पर इकट्ठे हुए। खुशगवार मौसम था, ठंडी हवा चल रही थी।

सीमा -अब बता भी दीजिए कि बाबा ने क्या कहा था हम दोनों सोच सोच कर बहुत परेशान हो रही हैं.
श्लोक- यह बात आपको जीजा जी बताएंगे! बताइए जीजाजी!

मैं- देखो यार, मैं इन बाबाओं को नहीं मानता था लेकिन उनकी सारी भविष्यवाणी आज तक तो सही साबित हुई है. यह अपने परिवार को लेकर ही नहीं, और भी कई लोगों के लिए बाबा ने सच्ची बातें बताई हैं। सोचने समझने की बात तो है अगर उन्होंने कोई संकट बताया है तो हम उसका इलाज करें क्योंकि उन्होंने कहा था कि अगर तुम सूझबूझ से काम लोगे तो उस संकट से बचा जा सकता है.
रीना- लेकिन संकट क्या है?
मैं बताने लगा:

सुनि, बाबा ने कहा कि श्लोक और राजवीर जिस बिजनेस को कर रहे हैं वह आगे जाकर बहुत ही बड़ा रूप लेने वाला है। आने वाले समय पर सीमा, श्लोक और रीना, राजवीर को पुत्र धन प्राप्त होगा। यहां तक सब खुशी से चलेगा किंतु उसके बाद पुत्रों की वजह से पारिवारिक कलह का जन्म होगा। पहले बच्चों की वजह से लड़ाइयां होगी और उसके बाद बिजनेस में उनके अधिकार के लिए। और यह लड़ाई इतना बड़ा रूप लेगी के कारोबार पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा।
तब श्लोक ने पूछा- तो बाबा इसका क्या उपाय है?
बाबा बोले- किसी पूजा-पाठ से यह समस्या समाप्त नहीं होने वाली है, इसका उपाय तो तुम चारों को खुद ही करना पड़ेगा। परिस्थितियों या अपने परिवार को ऐसा बनाना होगा कि कोई पराया ना लगे!
इतना कहकर बाबा ने हाथ उठाया और चले गए.

रीना- नहीं नहीं, ऐसा नहीं हो सकता। मैं और सीमा तो कभी पैसों के लिए लड़ नहीं सकते। हमारे बीच में ऐसी कोई लड़ाई नहीं होगी। सीमा का बेटा मेरा बेटा… मेरा बेटा सीमा का बेटा… दोनों को अगर किसी भी प्रकार की जिम्मेदारी अपने बिजनेस में मिले तो हमें इसका कोई दुख नहीं होगा। आप लोग भी समझदार हैं मुझे नहीं लगता साले और जीजा में इस प्रकार की लड़ाई होगी!

मैं- जी हां, हम बहुत ही समझदार हैं किंतु बाबा की भविष्यवाणियों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। आज की दुनिया में तो भाई भाई का सगा नहीं होता हम तो फिर भी जीजा साले हैं। और ननद भाभियों की तो कहां पटती है। यह तो बहुत कम देखने को मिलता है। क्या पता भविष्य में अभी के जैसा व्यवहार आप दोनों का हमेशा हमेशा रहे। क्योंकि किसी मां के लिए अपने बच्चे से बड़ा नहीं होता!
सीमा- जी हां जीजू, आनंद बाबा का कहा अभी तक तो झूठ नहीं निकला है.

मैं- लेकिन बाबा ने कहा था कि हम परिस्थितियां बदल सकते हैं और वो कैसे करेंगे यह आपके ऊपर निर्भर करता है। मैं 2 दिन से ऐसी परिस्थितियों को बदलने के बारे में सोच रहा था और मेरे मन में एक विचार आया है। यह बड़ा अजीब है। शायद आप तीनों को मुझ पर गुस्सा आए किंतु हमारे बिजनेस व पारिवारिक मेलजोल के लिए यह फैसला तो लेना ही होगा। करना ना करना अपने ऊपर निर्भर है। पर कृपया दोनों मुझे गलत ना समझना!

सीमा- आपने अगर कोई उपाय ही सोचा है तो हम आपको गलत क्यों समझेंगे आखिर कर तो आप हम सब के लिए ही रहे हैं!
मैं- तो सुनो… बाबा के अनुसार घर में कलेश सीमा और श्लोक के बच्चे और मेरे और रीना के बच्चे की वजह से होगा। क्योंकि बाबा ने कहा था की परिस्थितियां बदल कर हम इस संकट को टाल सकते हैं तो अगर हम ऐसा करें कि सीमा को मुझसे बच्चा हो और रीना को श्लोक से तो परिस्थितियां अपने आप ही बदल जायेंगी!

रीना- यह क्या बकवास कर रहे हैं आप? श्लोक मेरा भाई है.
सीमा- आप ऐसा सोच भी कैसे सकते हैं जीजा जी? यह गलत है।
श्लोक- गलत है लेकिन एक बार जीजाजी की बात तो सुन लीजिए। वे हमें करने को नहीं कह रहे हैं, वे एक समाधान बता रहे हैं.
सीमा- आप ऐसा सोच भी कैसे सकते हैं? रीना दीदी आपकी बहन है!

रीना- यह कभी नहीं हो सकता! आप अपनी बात भी पूरी मत कीजिए. जो होगा देखा जाएगा लेकिन ऐसा गलत काम में आप हमें सम्मिलित नहीं कर सकती.
मैं- देखो सीमा! अपनी पत्नी को उसके भाई के साथ सुलाने का दुख मुझे भी है और शायद श्लोक को भी दुख होगा। लेकिन यह हमारे भविष्य की बात है। अगर सीमा मेरे साथ बच्चा पैदा करती है तो उस बच्चे से मुझे भी अपनापन होगा, मैं कभी उसका अहित नहीं चाहूंगा. इसी प्रकार श्लोक को भी उसके बच्चे से अपनापन होगा, हम चारों के बच्चे हमारे बच्चे होंगे और कोई भेद नहीं होगा। अगर ऐसा होता है तो तेरा बच्चा मेरा बच्चा की भावना भविष्य में हमारे सामने नहीं आएगी. यह केवल शुरुआती एक बच्चे की बात है, उसके बाद संकट टल जाएगा। फिर हम अपने अपने पतियों से अपनी अपनी पत्नियों से बच्चे पैदा कर लेंगे।
श्लोक तुम कुछ कहते क्यों नहीं? तुम्हें क्या लगता है कि मैं गलत हूं?

श्लोक- समाधान तो आपने सही बताया है किंतु रीना दीदी मेरी बहन है, आपका और सीमा का तो फिर भी हो जाएगा क्योंकि साली आधी घरवाली होती है. तो है तो यह आपके साले की ही बीवी…
लेकिन मैं रीना दीदी के साथ…

मैं- देखो श्लोक, मैं मानता हूं कि हमारी सभ्यता और संस्कृति इसके विपरीत है किंतु तुम विदेश में जाकर पढ़ाई करके आए हो। भारत में भी अब ऐसा कल्चर है जहां पर लोग अपने मनोरंजन के लिए अपनी बीवियां बदल कर चुदाई करते हैं। हम ऐसा मजबूरी में कर रहे हैं। अदला बदली का खेल कौन सा सही है लेकिन लोग यह कर रहे हैं. तो तुम लोग भूल क्यों नहीं जाते कि तुम लोग भाई बहन हो। अगर आने वाले भविष्य में अपने सेक्स लाइफ को अच्छा बनाने के लिए हम दोनों कपल किसी और के साथ बदला बदली कर लेते हैं तो हम चारों के स्वैपिंग करने में क्या समस्या है? हम साथ रहते हैं एक ही फ्लैट में… यहां कोई डर नहीं है, कोई देखने वाला नहीं है, इज्जत बिगड़ने व किसी को पता चलने का कोई डर नहीं है। क्या समस्या है? यह बात हम चारों तक है यह हम चारों तक ही रहेगी। बच्चों के पेट में पड़ने के साथ हम अपनी अपनी बीवी अपने अपने पतियों के साथ रह सकते हैं। बच्चों को भी है सच पता नहीं होगा कि वह सीमा और श्लोक का बच्चा नहीं सीमा और मेरा तथा रीना और श्लोक का बच्चा है।

रीना और सीमा ने कहा- हमें सोचने के लिए कुछ वक्त चाहिए!
हम दोनों छत से नीचे चले आए, दोनों को सोचने के लिए समय दे दिया.

कहानी जारी रहेगी. मेरी सेक्सी स्टोरी पर आप अपने विचार मुझे मेरी मेल पर भेजें!
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