विज्ञान से चूत चुदाई ज्ञान तक-30

(Vigyan se Choot Chudai Gyan Tak-30)

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दीपक एकदम चौंक गया क्योंकि बात करने दीपाली ने उसे बुलाया था.. अब उसको क्या पूछ रही है?

दीपक- त..तुम ये क्या कह रही हो त.. तुमने मुझे यहाँ ब्ब..बुलाया है.. बात तुम बताओ…

दीपाली- अरे इतना घबरा क्यों रहे हो.. कूल यार.. मेरे कहने का मतलब है कि तुम तीनों मेरे करीब आने की कोशिश कर रहे हो.. खास मेरे लिए मैडी होटल में पार्टी दे रहा है.. इन सब के पीछे तुम लोगों का कुछ तो मकसद होगा.. बस वोही जानना चाहती हूँ?

दीपक के पसीने निकल गए.. हमेशा चुपचाप रहने वाली लड़की आज इतनी सेक्सी ड्रेस पहन कर आई है.. वो भी एक ऐसी जगह.. जहाँ कोई नहीं है और बातें इतनी गहराई की कर रही है। वो चौंक सा गया कि अब क्या जबाव दे..

दीपक- यार ये तुम क्या कह रही हो होटल की बात तो मुझे पता भी नहीं और मेरा क्या मकसद होगा..? ऐसा कुछ नहीं है जो तुम सोच रही हो।

दीपाली- मैं कुछ नहीं सोच रही हूँ सीधी सी बात पूछ रही हूँ लड़की को इतना इम्प्रेस करने का कोई तो कारण होता होगा ना.. अब बात को घुमाओ मत सीधे-सीधे पॉइंट पर आ जाओ।

दीपक को लगा.. अब सही मौका है ये खुद इतना बोल रही है तो क्यों ना अपने दिल की बात बोल दी जाए।

दीपाली- उफ़फ्फ़ गर्मी ज़्यादा है आज.. तुम बोलते क्यों नहीं बोलो ना यार…

दीपाली ने जैकेट के बटन खोल दिए उसकी जालीदार टी-शर्ट में से उसकी ब्रा की झलक दिखने लगी थी.. गोरा पेट भी साफ नज़र आ रहा था।

यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

दीपक का लौड़ा पहले ही एकदम तना हुआ था और उसकी उत्तेजना बढ़ती ही जा रही थी।
उसके लौड़े से पानी की कुछ बूँदें टपक आई थीं और आएं भी क्यों ना.. जिसने आज तक जिस लड़की के सपने देखे..
उसके नाम की मुठ मारता रहा हो..
आज वही लड़की अधनंगी हालत में उसके सामने बैठी उसको अपनी जवानी के जलवे दिखा रही है।

दोस्तो, आप सोच रहे होंगे सीधी-साधी दीपाली को ये क्या हो गया..
तो आप शायद भूल गए अनुजा ने जो सब आइडिया बताया था..
वो सब यही है आगे और भी कुछ ऐसे सीन आएँगे जो अनुजा ने बताए कि कैसे सब करना है।

दीपक अपने आप से कहने लगा- साले बोल दे.. लड़की खुद नंगी होना चाहती है.. तू क्या सोच रहा है?

दीपक- द..दीपाली उई आई लव यू।

दीपक ने जल्दी से बोल दिया।

दीपाली- हा हा हा झूठ.. मैं जानती हूँ तुम मुझसे नहीं मेरे जिस्म से प्यार करते हो.. तुम तीनों की बात किसी ने सुन ली थी और मुझे बता दी कि तुम मेरे लिए क्या सोचते हो।

दीपक खड़ा हो गया और दीपाली के एकदम पास आकर उसके कंधे पकड़ लिए।

दीपक- हाँ मानता हूँ.. मैं तुम्हारे जिस्म का दीवाना हूँ.. जब से तुम्हें देखा है.. रात-दिन तुम्हारे ही बारे में सोचता हूँ.. आज मौका मिला है तेरे इतने करीब आने का.. आज कुछ भी हो जाए.. मैं तुम्हें अपना बना कर रहूँगा।

दीपाली- खुल कर बोलो क्या करोगे आज मेरे साथ…

दीपाली ने ये बात बड़े सेक्सी अंदाज से अपने मम्मे को खुजाते हुए कही.. अब दीपक का हौसला बहुत बढ़ गया था।

दीपक- हाँ मैं डरता हूँ क्या खुल कर सुनना है.. तुझे तो सुन मैं तेरी चूत का दीवाना हूँ आज मैं तुझे चोद कर ही दम लूँगा.. तेरे इन रसीले चूचों का सारा रस पी जाऊँगा..

दीपाली- हा हा हा तो रोका किसने है.. पी जाओ और बना लो मुझे अपना..

दीपक को अपने कानों पर विश्वास ही नहीं हुआ कि दीपाली खुद ‘हाँ’ बोल रही है.. ये सुनकर उसको झटका सा लगा.. उसने दीपाली को छोड़ दिया और पीछे हट गया।

दीपाली- अरे क्या हुआ मेरे आशिक.. मैं सच कह रही हूँ आ जाओ आज अपनी तमन्ना पूरी कर लो.. चोद दो मुझे.. आ मैं भी बहुत प्यासी हूँ अब देर ना करो.. आ जाओ ना…

दीपक की तो जैसे लॉटरी निकल आई थी.. अब उसमें सोचने-समझने की ताक़त नहीं थी.. वो जल्दी से दीपाली के करीब गया और उसे अपनी बाँहों में ले लिया।

उसके सुलगते होंठों पर अपने होंठ रख दिए और ज़बरदस्त चुसाई चालू हो गई।

दीपक दीपाली के होंठ चूसने के साथ-साथ उसकी गाण्ड पर भी हाथ फिरा रहा था।

वहीं दीपाली को अपनी चूत पर उसका लौड़ा चुभता हुआ महसूस हुआ तो उसने नीचे हाथ ले जाकर उसको पकड़ लिया।

उसका दिल खुश हो गया लौड़ा काफ़ी भारी-भरकम लग रहा था.. जैसा प्रिया ने बताया था।

काफ़ी देर तक एक-दूसरे को चूमने के बाद वो दोनों अलग हुए।

दीपक- मैं सोच भी नहीं सकता था कि ऐसे अचानक तुम मुझे मिल जाओगी.. वो साला मैडी तो प्लान बनाता ही रह गया और तुम मेरी बाँहों में आ गईं। मुझे क्या पता था.. तेरी चूत में भी चुदने का तूफान उठ रहा है। नहीं तो कब का तुझे चोद चुका होता.. आह्ह… आ जाओ मेरी जानेमन अब बर्दास्त नहीं होता। मेरा लौड़ा कब से पैन्ट फड़कर बाहर आने को बेताब हो रहा है।

दीपाली- मेरे राजा यहाँ नहीं.. कमरे में चलो वहाँ दिखाओ कि कैसा लौड़ा है तुम्हारे पास.. जो इतने दिनों से मेरे पीछे पड़े हो।

दीपाली उसको कमरे में ले गई और खुद बिस्तर पर बैठ गई..

दीपक- जान तुम खुद अपने हाथों से लौड़े को बाहर निकालो.. ये बहुत बेताब है तुम्हारे लिए।

दीपाली ने झट से पैन्ट का हुक खोल दिया और अंडरवियर के साथ नीचे कर दी।

दीपक का लौड़ा फुंफकारता हुआ आज़ाद हो गया।

दीपाली- वाउ क्या मस्त लौड़ा है.. एकदम वैसा ही जैसा उसने बताया था।

दीपक को आज झटके पे झटके लग रहे थे.. वो चौंक गया…

दीपक- क..किसने बताया था?

दीपाली- है कोई तुम्हारी दीवानी.. जैसे तुम मेरे सपने देखते हो.. वो भी तुम्हारे नाम से अपनी चूत ठंडी करती है।

दीपक- ओह..ह.. क्या कोई लड़की ने बताया.. मगर मैंने तो आज तक किसी लड़की को नहीं चोदा.. तो उसने मेरे लौड़े की तारीफ कैसे कर दी.. कौन है वो?

दीपाली- बताऊँगी मेरे राजा.. सब्र करो पहले अपने लौड़े को मेरे हवाले तो करो.. आह्ह… कितना मस्त लग रहा है.. मान करता है खा जाऊँ इसको…

दीपक- उफ़फ्फ़ अब बर्दास्त नहीं होता खाले.. मेरी जान तेरे लिए ही तो इतना कड़क हुआ है ये.. आह्ह… वैसे वो लड़की है कौन.. प्लीज़ बता दे ना यार.. सोच-सोच कर दिमाग़ खराब हो रहा है.. अगर मैं ऐसे ही सोचता रहूँगा तो… चुदाई में मज़ा नहीं आएगा।

दीपाली- बता दूँगी.. अभी सोचना बन्द करो और एंजाय करो बस…

इतना बोलकर दीपाली ने लौड़े की टोपी को मुँह में ले लिया और मज़े से चूसने लगी।

दीपक- आह्ह… उफ़फ्फ़ आई लव यू दीपाली.. आह्ह… मज़ा आ गया.. आज पहली बार मेरे लौड़े ने आह.. नरम होंठों का अहसास किया है.. वरना आह्ह… आज तक तो बस हाथ से ही सहलाता रहा हूँ आह्ह… देखो कितना खुश है ये तेरे होंठों के स्पर्श से…

दीपाली ने लौड़ा मुँह से निकाल लिया और दीपक को देखने लगी।

दीपक- आह्ह… क्या हुआ मेरी जान निकाल क्यों दिया.. आह्ह… मज़ा आ रहा था।

दीपाली- तुम्हें बताने के लिए कि पहली बार नहीं दूसरी बार तुम्हारे लौड़े पर लड़की के होंठ टच हुए हैं. पहली बार तो ये उस बेचारी के मुँह में ही झड़ गया था।

दीपक- क्या बकवास कर रही हो.. मैंने बताया ना.. मैं किसी लड़की के पास नहीं गया.. कौन है वो.. जिसने तुम्हें ये झूठी बात बताई है.. प्लीज़ अब बता भी दो.. मत तड़पाओ.. सारा मज़ा खराब हो रहा है…

दीपाली- ये बात झूठी नहीं है… एकदम सच है.. वो तुम्हारी दीवानी है.. बस तुमसे डर रही है.. इसलिए सामने नहीं आई.. उसने मुझसे मदद माँगी.. इसी लिए तुमको मैंने यहाँ बुलाया है।

दीपक- आह्ह… कौन है वो.. नाम बताओ और मैं खुद चूत का प्यासा हूँ.. साली ऐसी कौन लड़की होगी.. जो मुझसे चुदना चाहती हो और मैं उसको चोद नहीं रहा.. बकवास बात है ये.. मैं नहीं मानता.. अगर तुम सच बोल रही हो तो नाम बताओ साली कुतिया का..

दीपाली मुस्कुराते हुए उसके लौड़े पर जीभ फेरती है और बड़े प्यार से बोलती है।

दीपाली- आह क्या लौड़ा है तुम्हारा.. वो लड़की प्रिया है मेरे राजा..

दीपक ने ज़ोर से धक्का मारा और गुस्सा हो गया।

दीपक- क्या बकवास कर रही हो.. प्रिया मेरी बहन है।

दीपाली- बकवास नहीं.. सच कह रही हूँ वो लड़की प्रिया ही है.. जिसने पहली बार तेरे लौड़े को चूसा है और अब तुझसे चुदने के लिए बेकरार हो रही है।

दीपक- चुप कर साली कुछ भी बोले जा रही है।

दीपाली- ओए हैलो.. जुबान को लगाम दो.. पहले शान्ति से मेरी बात सुन लो उसके बाद जो बोलना है.. बोल देना.. तुम्हें याद होगा कि तू एक बार ज़्यादा नशे में घर गया था और तेरे पापा ने मार कर तुझे घर से निकाल दिया था। उस वक़्त तुझे प्रिया के पापा अपने घर ले गए थे और उसी रात प्रिया ने तेरे लौड़े को चूसा था समझे…

दीपक एकदम हक्का-बक्का रह गया।

बस दोस्तों आज के लिए इतना काफ़ी है। अब आप जल्दी से मेल करके बताओ कि मज़ा आ रहा है या नहीं.! क्या आप जानना नहीं चाहते कि आगे क्या हुआ..?

तो पढ़ते रहिए और आनन्द लेते रहिए..

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