एक राजकुमारी की दूसरी बार चूत चुदाई की सेक्सी कहानी-2

(Ek Rajkumari Ki Dusri Bar Chudai Ki Sexy Kahani- Part 2)

दोस्तो, मैं तनु चौधरी एक बार फिर से हाजिर हूँ अपनी कहानी को आगे ले जाने के लिए!
मुझे आप लोगों के ढेर सारे ईमेल लगातार मिल रहे हैं, आप लोगों द्वारा मेरी कहानी को इतना पसंद किया जा रहा है कि मुझे विवश होकर अपनी कहानी को आगे बताने के लिए फिर से आना पड़ा!
जैसा कि आपने अब तक मेरी दोनों कहानी
पहली बार चुदाई एक राजकुमारी की
और
एक राजकुमारी की दूसरी बार चूत चुदाई की सेक्सी कहानी
को पसंद किया, उसी से उत्साहित होकर मैं फिर से अपनी कहानी को आगे बढ़ाना चाहती हूँ!
अब आगे !

हम दोनों बिस्तर पर थोड़ी देर तक ऐसे ही लेटे रहे, अक्षय की सांसें काफी तेज तेज़ चल रही थी और उसका पूरा शरीर पसीने से तरबतर हो गया था!
मैं अपने दाहिने हाथ को उसके सर के बालों में घुमाने लगी। शायद उसको अच्छा लग रहा था और वो अपनी आंखें बंद करके थोड़ी देर ऐसे ही लेटा रहा!

थोड़ी देर बाद उसने मेरे माथे पर चुम्बन किया जो मुझे अच्छा लगा… और फिर उसने अपनी दोनों बांहों में लेकर मुझे अपने सीने से लगा लिया… मैं उससे लिपट गई।
थोड़ी देर बाद मैंने कहा- जानू, चलो नहा लेते हैं!
उसने कहा- ठीक है, चलो।

हम दोनों नंगे थे, नंगी होने की वजह से मुझे शर्म आ रही थी और मैं अक्षय से नजरें नहीं मिला पा रही थी! और वो एकटक मेरी बदन को निहार रहा था!

तो मैं कपड़ों की तरफ बढ़ी तो अक्षय बोला- बाथरूम में कपड़े पहन कर नहाओगी क्या?
मैं बोली- तुम मुझे घूरना बंद करो… मुझे शर्म आ रही है।
और मैं सीधी बाथरूम में चली गई और अंदर से बाथरूम की कुण्डी लगा ली।
अक्षय बोला- अब मैं बाहर ही खड़ा रहूंगा क्या?
मैं बोली- तुम पहले मुझे घूरना बंद करो, तब खोलूंगी!
उसने कहा- ठीक है, मैं आँखें बंद करके नहा लूंगा!
मैंने कहा- हाँ, यह ठीक रहेगा!

और बाथरूम की कुण्डी खोलकर अक्षय की तरफ पीठ करके खड़ी हो गई!
उसने मोटर ऑन की, फिर शॉवर को ऑन कर दिया।
शॉवर को ऑन करते ही उसका पहले गर्म पानी की बौछार फिर ठन्डे पानी की बौछार मेरे नंगे शरीर पर पड़ी, मैं थोड़ा सा पीछे हटी।

अक्षय- क्या हुआ?
मैं बोली- कुछ नहीं।
और अक्षय ने हाथ पकड़ कर मुझे अपनी तरफ खींच लिया!

मैं सीधा जाकर अक्षय के सीने से लग गई और मैं थोड़ी देर ऐसे ही खड़ी रही! ऊपर शॉवर से पानी हम दोनों के नंगे बदन पर गिर रहा था और नीचे हम दोनों नंगे एक दूसरे से लिपट कर बांहों में बांहे डाल कर खड़े थे!
बड़ा ही रोमांटिक सीन था कि तभी एकाएक मुझे अपने पेट पर कुछ चुभन महसूस हुई। वो अक्षय का लंड था जो मेरे पेट पर चुभ रहा था!

एकाएक अक्षय अब अपने हाथों को मेरी पीठ पर घुमाने लगा, उसके हाथ मेरी पीठ से होते हुए मेरी कमर तक आने लगे।
अब रोमांटिक सीन वासना का रूप लेने लगा… अब मुझे भी कुछ कुछ होने लगा और मैंने एकाएक उसके सीने पर चुम्बन कर दिया!

मेरे ऐसा करने से जैसे उसे कोई अनुमति मिल गई हो… वो अपने हाथों को मेरी कमर पर चलाने लगा। जिंदगी में पहली बार किसी के हाथ मेरी कमर पर चल रहे थे।
अब वो अपने हाथों को मेरी कमर सर नीचे मेरे नितम्बों पर सहलाने लगा।
हाय… उसके ऐसा करने से मुझे कितना मजा आ रहा था, मैं बता नहीं सकती हूँ!

कि तभी उसने मेरे नितम्बों को जोर से दबा दिया और मेरी मुँह से एक आह की सी आवाज निकल गई।
अक्षय ने पूछा- क्या हुआ?
मैंने अपना सर उठाकर उसके चेहरे की तरफ देखा तो वो मुस्करा रहा था।
मैंने उसको कुछ कहे बगैर अपनी नजर पीछे कर ली।

अक्षय बोला- चलो, मैं तुम्हें साबुन लगाकर नहला देता हूँ।
मैंने उसे हाँ में स्वीकृति दे दी और मैं अक्षय की तरफ पीठ करके खड़ी हो गई, वो साबुन उठाकर मेरी पीठ पर लगाने लगा, अपने हाथ को मेरी पीठ से कमर पर लाने लगा। फिर कमर से नीचे मेरे नितम्बों पर साबुन लगाने लगा।
उसका ऐसा करना मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।

अब नितम्बों से नीचे मेरी जांघों पर साबुन लगाने लगा, जैसे ही उसके हाथ मेरी जांघों पर आये, वैसे ही मेरे पूरे शरीर में एक सिहरन सी दौड़ गई।
जांघों से साबुन लगाते हुए नीचे पैरों तक आ गया और फिर खड़ा होकर मुझे अपनी तरफ घुमा लिया और वो साबुन को मेरी गर्दन पर लगाने लगा।

जैसे ही उसने साबुन को मेरी गर्दन पर लगाना शुरू किया, वैसे ही मैंने अपनी आँखें बंद कर ली और अब मैं उसके हाथ को अपनी गर्दन पर महसूस करने लगी।

अब उसका हाथ गर्दन से नीचे मेरी छाती पर था, वो मेरी दोनों चुची पर साबुन लगा रहा था। मैं आँखें बंद करके उसके हाथ को अपने सीने पर महसूस कर रही थी।
वो अपने दोनों हाथों से मेरी दोनों चुची पर साबुन लगाते लगाते उन्हें दबाने लगा।

उसके ऐसा करने से मेरी मुँह से आह उम्म… की सी आवाजें निकलने लगी. मेरी सिसकारियों की आवाज सुनने से उसको जोश सा आ गया और वो उन्हें और जोर से दबाने लगा, मेरी निप्पल की घुंडियों को मसलने लगा।
उसके ऐसा करने से जैसे मैं तो पागल सी हो गई.

और फिर वो अपने हाथ को मेरी छाती से नीचे मेरे पेट की तरफ ले आया और अब उसके हाथ मेरे पेट पर साबुन लगाने लगे। इससे मुझे अपने पेट पर गुदगुदी सी महसूस होने लगी और फिर उसके बाद वो अपने हाथ को नीचे मेरी चूत की तरफ बढ़ाने लगा और फिर साबुन को मेरी चूत पर रगड़ने लगा।
उसके ऐसा करने से जैसे पागलों की तरह मेरे मुँह से आह हहम आआ सस्सस की सी आवाजें आने लगी. उसने साबुन नीचे रख दिया और अपने हाथों को मेरी चूत पर, कमर पर, मेरी जांघों पर, पैरों पर रगड़ने लगा।

रगड़ते रगड़ते अचानक अपनी बीच की बड़ी वाली एक उंगली मेरी चूत में घुसा दी, उसके इस अचानक हुए हमले से मैं कराह उठी और मेरे मुँह से उम्म्ह… अहह… हय… याह… निकल गई और वो धकाधक उंगली मेरी चूत में करने लगा.
मैंने उसे ऐसा करने से उसे रोका और अपनी चूत से उसकी उंगली निकाल कर थोड़ा सा पीछे हट गई।

मैंने उसको कहा- अब मैं तुमको साबुन लगाऊँगी, तुम खड़े रहना चुपचाप!
फिर मैंने उसकी पीठ पर साबुन लगाया, पीठ से कमर, जांघ, पैरों तक साबुन लगाया, फिर उसका चेहरा अपनी तरफ करके उसके सीने पर साबुन लगाया. उसके सीने पर मुझे साबुन लगाना अच्छा लगा, मैं इससे उत्तेजित हो गई।

सीने से नीचे पेट पर साबुन लगाया, फिर पेट से नीचे सीधे उसकी कमर, जांघों और पैरों पर साबुन लगाया।
अब मेरे लिए सिर्फ उसका लंड बचता है साबुन लगाने के लिए!
मैंने उसके लंड को अपने हाथ में लिया तो वो मेरे हाथ में आकर फुंफकारने लगा, उसका लंड बहुत ही कड़क और गर्म था। लेकिन मैंने उस पर साबुन लगाया, उसका लंड मेरे हाथ में लेने और साबुन लगाने से और कड़क हो गया.

मैंने लंड की खाल को आगे पीछे किया तो अक्षय ने मुझे ऐसा करने से रोक दिया.

फिर हम शॉवर में एक दूसरे को नहलाने लगे और बाथरूम से नंगे ही बाहर आ गए.

बाथरूम से निकलते ही अक्षय मेरे कंधों पर पीछे से हाथ रख कर मुझे बिस्तर की तरफ ले गया और पीछे से मेरे कान में धीरे से पूछा- तनु, किस पोज़िशन में?
तो मैंने मना किया- किसी पोज़िशन में नहीं!
वो एकदम चौंक गया, पूछने लगा- तो फिर?
‘तो फिर क्या… हम 69 की पोज़िशन में एक दूसरे का चाट कर और चूसकर निकालेंगे!’
अक्षय ने पूछा- ऐसा क्यों?
मैं बोली- क्यूँकि मेरा मन है इस पोज़िशन में एक बार अपना पानी निकलवाने का… इसलिए! क्यूंकि मुझे हर पोज़िशन में एक बार तुम्हारे साथ सेक्स करना है!
अक्षय बोला- जो हुक्म राजकुमारी साहिबा! कम ऑन…

मैं बोली- अक्षय, बाथरूम में नहाने से मेरे सारे बाल गीले हो रहे हैं, बिस्तर गीला हो जायेगा।
‘अरे बिस्तर को मारो गोली… और जो मेरे लंड में आग लग रही है न… पहले उसे ठंडी करो!
और फिर हम 69 की पोज़िशन में आ गए, मैं उसका लंड चूसने लगी, वो मेरी चूत चाटने लगा।

उसके द्वारा मेरी चूत चाटने से एक अलग ही मजा मुझे आ रहा था और कितनी मस्त तरीके से मेरी चूत चाट रहा था और मुझे कितना मजा आ रहा था। शायद उसका यहां वर्णन करना संभव नहीं है।
चूत चाटते चाटते जब अपनी जीभ मेरी चूत के अंदर डाल देता था तो मुझे कितना मजा आता था। वो वर्णन अकल्पनीय है।
उसके द्वारा मेरी इस तरह चूत चाटने से में उसके मुँह में झड़ गई और मेरे द्वारा लंड चूसने से उसके लंड का पानी मेरे मुँह में निकल गया जिसे मैंने थूक दिया। उसके वीर्य का स्वाद अजीब सा कसेला सा नमकीन खारा सा था।

खैर, मैंने अपनी जिंदगी में पहली बार किसी का लंड अपने मुँह में लिया था और उसके लंड के पानी को भी पहली बार चख रही थी।
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इसके बाद फिर हम दोनों काफी देर तक बिस्तर पर लेट कर रोमांटिक और इधर और उधर की बातें करने लगे। इसी दौरान एक दूसरे से चुम्मा चाटी कर रहे थे और एक दूसरे के शरीर को सहला रहे थे!
काफी देर बाद एक बार फिर से उसका लंड खड़ा होने लगा, मेरा एक हाथ धीरे धीरे उसको सहलाने लगा।

अक्षय बोला- अब किस पोज़िशन में?
मैं बोली- अब मैं घुटनों के बल जमीन पर बैठ कर तुम्हारे लंड का सारा माल पानी निकाल दूंगी, तुम खड़े रहना। और तुम बाद में मुझे बिस्तर पर लिटा कर मेरी दोनों टाँगों के बीच में बैठ कर मेरी चूत को चाट चाट कर अपनी राजकुमारी को मजा देना।
अक्षय बोला- ठीक है, तो फिर शुरू करें?
मैं बोली- बिल्कुल!

मैं और अक्षय बिस्तर से खड़े हो गए, खड़ी होकर मैंने अपने पर्स से रूमाल निकाला और उस रूमाल को पानी से भिगोकर फिर उस रूमाल से अक्षय के लंड को अच्छे से साफ़ किया। फिर उस लंड को अपने मुँह में लेकर अच्छे से चाटने और चूसने लगी।
अक्षय अपने लंड को मेरे मुँह में देकर आगे पीछे करके मुख मैथुन करने लगा।

इस तरह ये क्रिया काफी देर तक चलती रही, कुछ देर बाद अक्षय का शरीर अकड़ने लगा और वो ‘आअह… उउउ… हह…’ करके मेरे मुँह में झड़ गया।
लेकिन इस बार उसके लंड का प्रेशर इतना तेज था कि उसका वीर्य सीधे मेरे गले में गिरा और मैं न चाहते हुए भी उसे गटक गई और इस बार मैंने उसके लंड को चाट चाट कर साफ कर दिया।
अब अक्षय की बारी थी, वो मुझसे बोला- तुम बिस्तर पर लेट जाओ।
मैं बिस्तर पर लेट गई, फिर अक्षय मेरी दोनों टाँगों के बीच में आकर बैठ गया तो मैंने उसे अपना गीला वाला रुमाल दिया, रुमाल से अक्षय ने मेरी चूत को अच्छे से पोंछा और फिर अपना मुँह लगाकर मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया।

मेरी चूत से अक्षय के मुँह लगाते ही मेरे शरीर में एक सिहरन सी दौड़ गई।
दोस्तो… चुदाई का अपना अलग मजा है तो चटाई का भी अपना एक अलग मजा है।

अक्षय इतनी बढ़िया तरीके से मेरी चूत चाट रहा था कि मेरी चूत लगातार पानी छोड़े जा रही थी। अक्षय चारों तरफ से अच्छे से मेरी चूत चाट रहा था और जब मेरे भगनास पर अपनी जीभ फिराता तो मैं सिसकारी ले उठती और जब उसे अपने दाँतों से हल्का सा दबा देता तो मैं चिहुँक उठती।
कितना मजा आ रहा था मुझे अपनी चूत चटवाने में मुझे… इसका मैं वर्णन नहीं कर सकती हूँ।

अक्षय के द्वारा इसी तरह लगातार मेरी चूत चाटने से अब मेरी चूत का झड़ने का समय नजदीक आने लगा, मेरा बदन अकड़ने लगा और मेरी कमर स्वतः ही अपने आप उठने लगी। मेरी कमर के बार बार हिलने और उठने से अक्षय ने मेरी कमर को अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया और मेरी चूत पर अपने दाँत गड़ा दिए।
मैं उसके इस वार को नहीं सह पाई और अअअ ह्ह्हह ममममम उउउउउ करते हुए बुरी तरह से झड़ गई।

झड़ते ही मैं निढाल हो बिस्तर पर गिर पड़ी और अक्षय थोड़ी देर तक मेरी चूत को ऐसे ही चाटता रहा, मेरा हाथ अनायास ही उसके सर के बालों पर घूमने लगा।
अब मेरे मना करते ही उसने अपना चेहरा मेरी चूत से हटा लिया.

मैंने उसके चेहरे को अपने दोनों हाथों में लेकर उसके होंठों पर चुम्बन किया और उसे अपने बदन के ऊपर लिटा लिया. मैं अक्षय को ज्यादा देर तक अपने ऊपर नहीं लिटा सकी और उसको हटने के लिए बोला।
अक्षय मेरी बगल में लेट गया और पूछने लगा- कैसा लगा?
मैंने जवाब दिया- मुझे बहुत मजा आया।
फिर मैंने पूछा- और तुम्हें कैसा लगा?
तो उसने कहा- मुझे भी बहुत मजा आया।

फिर हम थोड़ी देर तक ऐसे ही लेटे रहे, थोड़ी देर बाद अक्षय ने पूछा- कुछ खाओगी?
मैंने कहा- मुझे भूख नहीं है!
तो अक्षय बोला- मैं तुम्हारे लिए जूस लेकर आता हूँ।
मैं बोली- जूस बाद में लाना, पहले मेरे लिए ब्रश लेकर आओ जिससे मैं अपना मुँह साफ कर लूँ, तभी तो कुछ खाऊँगी पियूँगी।

बिस्तर से खड़ी होकर अपनी ब्रा और पेंटी पहनने के लिए जैसे ही मैंने अपना हाथ कपड़ों की तरफ बढ़ाया कि अक्षय ने मना किया- कपड़े पहन कर क्या करोगी? अभी थोड़ी देर बाद फिर उतारने पड़ेंगे, मत पहनो! और इस रूम हम दोनों के सिवाय है कौन? ऐसे ही रहो… मुझे अच्छी लग रही हो।
मैं मान गई.

अक्षय बोला- मैं जा रहा हूँ, थोड़ी देर में सामान लेकर आता हूँ।
थोड़ी देर बाद अक्षय सामान लेकर आया और रूम को अंदर से लॉक कर दिया।

मैंने और अक्षय ने दोनों ने ब्रश करके अच्छे से अपने अपने मुँह करके एक एक गिलास जूस पीया और जो वो खाने के लिए लाया था उसको दोनों मिल बाँट कर खाया।
फिर हम दोनों बिस्तर पर लेट गए आराम करने के लिए।

कुछ देर बाद हम दोनों ने फिर से मस्ती करनी शुरू की, मैंने अक्षय के एक एक करके सारे कपड़े उतार दिए, उसको पूरा नंगा कर दिया। उसके लंड में हल्का सा तनाव था, मैं उसके लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी तो मेरे थोड़ा देर ऐसा करने से उसका लंड खड़ा हो गया।

अब अक्षय ने पूछा- अब किस पोज़िशन में?
मैं बोली- अब लंड और चूत चाटने का काम पूरा हुआ। मुझे अपनी दोनों तरीके से चूत चटवानी थी… वो तुमने चाट दी, मेरा काम पूरा हुआ।
‘तो फिर अब कैसे करना है?’
‘अब तुम नीचे लेट जाना… मैं तुम्हारे लंड पर ऊपर से बैठ कर खुद अपनी चूत को अपने आप चोदूंगी!
अक्षय बोला- ठीक है।
मैं बोली- उससे पहले तुम्हें मेरी चुची चूस चूस कर मुझे मजा देना है।

अक्षय मुझे नीचे लिटाकर मेरी दोनों चुची हाथ में पकड़ कर मसलने लगा, मेरी दोनों निप्पलों को दोनों हाथों की अगूंठे और तर्जनी उंगली से मसलने लगा।
उसके ऐसा करने से मुझे दर्द हुआ और ‘आए हहह…’ की आवाज निकली।

फिर वो एक एक करके मेरी दोनों चुची चूसने लगा, कभी एक तो कभी दूसरी!
उसके द्वारा ऐसा करने से मेरा शरीर गर्म होने लगा और मेरी चूत रस छोड़ने लगी, अब मेरी सांसें तेज चलने लगी, उसने अपना मुँह मेरी चूत पर लाकर रख दिया तो मेरे मुँह से एक अजीब सी सीत्कार फूट पड़ी, लगातार चूत चाटने से मेरी चूत पूरी गीली हो गई।

अब मैंने उसको बिस्तर पर लेटने का इशारा किया, वो बिस्तर पर लेट गया, मैं उसको अपनी दोनों टाँगों के बीच में लेकर उसके ऊपर खड़ी हुई, उसके ऊपर से नीचे बैठने लगी। मैंने उसके लंड को अपने हाथ से पकड़ा और अपनी चूत के नीचे रख कर उस पर धीरे धीरे बैठने लगी तो वो धीरे धीरे मेरी चूत में समाने लगा.

मुझे शुरू में उसके अंदर जाने पर दर्द महसूस हुआ, धीरे धीरे दर्द कम हुआ तो मुझे मजा आने लगा।

उसका लंड सीधे मेरी बच्चेदानी तक ठोकर मार रहा था जो मुझे और भी ज्यादा उत्तेजित कर रहा था। दर्द और मजा दोनों का एक साथ मिश्रण मुझे रोमांचित कर रहा था। जिस आनन्द की मुझे अनुभूति हो रही थी, उसका मैं वर्णन नहीं कर सकती हूँ।

इस तरह यह क्रिया काफी देर तक चलती रही और कुछ देर बाद मेरी चूत में एक भूचाल सा आया, मैं आह हहहह उउउउउउ मम्मम करते हुए झड़ गई। कुछ देर बाद अक्षय भी झड़ गया और फिर मैं अक्षय के ऊपर ऐसे ही लेट गई।
अक्षय ने मुझे अपनी बाहों में कस लिया और हम थोड़ी देर तक बिस्तर पर ऐसे ही लेटे रहे।

थोड़ी देर बाद:
मैं- अक्षय!
‘हाँ?’
‘मुझे अब घर जाना है!’
‘घर जाना है?’
मैं बोली- हाँ।
‘थोड़ी देर और रुक जाओ।’
मैं बोली- नहीं बाबा… बहुत देर हो गई, अब घर तो जाना ही होगा।

अक्षय पूछने लगा- अब कब आओगी?
मैं बोली- पता नहीं।
मैं फिर बोली- और वैसे भी हमने तीन चार दिन का काम आज एक ही दिन में ही कर लिया। अभी ये तीन या चार दिन तो संभव नहीं है।
‘ऐसा मत बोलो यार!’
‘नहीं बाबा, तुम लड़कों की तरह हम लड़कियों की लाइफ नहीं होती है यार… घर भी जबाब देना होता है।’

फिर मैं अपने कपड़े पहनने लगी, अक्षय ने भी अपने कपड़े पहन लिए।
हम दोनों में कुछ देर बातचीत हुई फिर अक्षय बोला- चलो, मैं तुम्हें घर तक छोड़ देता हूँ।
हम दोनों ने एक दूसरे को अच्छे से हग किया, मैंने अक्षय को ‘आई लव यू…’ बोला.
अक्षय- लव यू टू… मेरी जान!

अक्षय काफी भावुक हो रहा था। सच कहूँ तो मेरा मन भी उदास हो रहा था पर अब मेरे पास कोई और विकल्प नहीं बचा था, घर तो मुझे जाना ही था।
चलते वक़्त उसने मुझसे आने का वायदा लिया- पहले वायदा करके जाओ कि तुम आओगी, तब ही मैं तुम्हें जाने दूंगा।
और मैंने उससे आने का वायदा किया।
‘चलें?’
‘हाँ..’

उसने अपनी बाइक पर मुझे मेरे घर के पास छोड़ दिया और मैं पैदल अपने घर चली गई.

तो दोस्तो, यह मेरी हिंदी सेक्सी कहानी कैसी लगी?
बताना जरूर!
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