प्रिया की नथ-2
(Priya Ki Nath- Part 2)
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दोस्तो, यह मेरी पिछली कहानी ‘प्रिया की नथ’ का दूसरा भाग है, मैंने पहले भाग में बताया था कि मैं प्रिया की नथ उतार चुका था और वो मुझसे प्यार करने लगी थी।
मगर मेरी गर्लफ्रेंड कोई और ही थी और वो यह बात जानते हुए भी मुझ से चुदी थी, अब प्रिया का मन पक्का हो गया था। हम क्लास में एक साथ बैठते थे, मैं उसके मुम्मे सहलाता था, जैसे ही मौका मिलता उसे चूम लेता, और वो इन सब चीजों से बहुत खुश रहती, मुझे भी एक अच्छा टाइम पास मिल गया था।
एक बार मुझे और मेरे दोस्त को एक दिन के लिए परीक्षा के लिए देहरादून जाना था, तो मैंने प्रिया से भी पूछ लिया कि वो चलेगी क्या?
उसने हाँ कर दी।
मेरे दोस्त ने भी अपनी गर्लफ्रेंड को साथ ले लिया, हम लोग पहले रात को देहरादून पहुंचे और अगले दिन सुबह हमारी परीक्षा थी।
हमने दो कमरे अलग अलग लिए, एक दोनों लड़कियों के नाम से और एक हम दोस्तों के नाम से! इससे हमें कमरे आराम से मिल गए।
हम दोनों लड़के एक कमरे में सो गए और दोनों लड़कियाँ एक कमरे में सो गई।
अगले दिन हम दोपहर तक परीक्षा देकर आये और हमने सोचा कि एक दिन मसूरी भी घूम लें।
हम मसूरी के लिए निकल गए, ठण्ड का मौसम था, वहाँ अच्छी ठण्ड थी। हमने शाम को होटल में खाना खाया और जाकर अपने कमरों में सो गए। हमारी आपस में पहले ही बात हो गई थी कि हम रात में अपने कमरे बदल लेंगे।
रात में मैं प्रिया वाले कमरे में चला गया और प्रीति (जो मेरे दोस्त रमन्प्रीत की गर्लफ्रेंड थी) उसके कमरे में चली गई।
प्रिया मेरा इंतज़ार कर रही थी, उसने दरवाज़ा खुला छोड़ रखा था मैं कमरे के अन्दर घुसा तो देखा कि वो अपने कम्बल में लेटी थी। मैंने दरवाज़ा बंद किया और प्रिया के साथ कम्बल में घुस गया। देखा कि प्रिया ने कुछ नहीं पहना था।
मैंने फ़्रिज़ में से एक बीयर निकाली और प्रिया से पूछा तो उसने हाँ बोल दिया। उसने तब तक कभी बीयर पी नहीं थी। वो आधी बीयर पीकर ही बहक गई और मुझसे लिपट कर मुझे कहने लगी- राज तुम मुझ से ही शादी करना! अपनी वाली गर्लफ्रेंड को भूल जाओ, मैं तुम्हारे लिए कुछ भी करुँगी!
मैंने कहा- ठीक है, मगर मुझे बीयर तो ख़त्म करने दो!
मैंने बीयर ख़त्म की और प्रिया से कहा- आज से हम पति-पत्नी हैं, और मैं तुमसे ही शादी करूँगा!
कह कर मैंने उसके होंठों को चूमना चालू किया, उसने भी बड़ी नरमी से अपने होंठों को मेरे होंठों से लड़ाना चालू किया, मैं बार बार उससे ‘ आई लव यू’ कहता और उसे बेतहाशा चूमता रहता, उसके बाद मैंने उसे लिटाया और उसकी चूत पर अपनी जीभ को फिरना चालू किया, वो मदहोश होकर पड़ी रही और मैं उसकी चूत को बहुत देर तक चाटता ही रहा, वो आहें भरती रही।
मैं उसे देख देख कर और पागल सा होता जा रहा था, मैंने अपना लंड उसकी चूत के छेद पर रखा और हल्के-हल्के से अन्दर की ओर घुसाना चालू किया।
प्रिया धीरे धीरे तड़पने लगी और मुझे यह सब देखने में बड़ा मज़ा आता था कि कोई लड़की तड़पे मेरे चोदने से!
मैंने अपनी गति बढानी चालू की, पर मैं प्रिया की सहनशीलता का पूरा ध्यान रख रहा था, जब मुझे लगता कि वो नहीं झेल पाएगी तो मैं थोड़ा धीरे हो जाता और जब मुझे लगता कि वो सह रही है, तब मैं अपनी स्पीड बढ़ा लेता।
मैंने प्रिया के साथ कई बार सहवास किया, मगर आखिर में मुझसे गलती हो ही गई और अनजाने में मैंने अपनी स्पीड का ध्यान नहीं रखा और प्रिया की तड़प को उसका मज़ा समझते हुए अपनी स्पीड इतनी बढ़ा दी कि उसकी चूत ही फ़ट गई और और वो बहुत जोर से चिल्लाई और कस के मेरे छाती पर नोच लिया जिससे मेरी छाती के कुछ बाल उखड़ कर उसके हाथ में आ गए।
मुझे गुस्सा आया और मैंने उसे कस के एक तमाचा मार दिया, वो रोने लगी।
मगर जल्दी ही मुझे अपनी गलती का एहसास हो गया और मैंने झट से उसकी चूत उसकी पैंटी से पौंछी और उसकी चूत के नीचे की तरफ अपनी टी-शर्ट रख दी, क्योंकि वो नशे में थी तो खून कुछ ज्यादा ही निकल रहा था।
मैंने जल्दी से फ़्रिज़ में से बर्फ निकाली और उसकी चूत पर लगा दी, वो थोड़ा चीखी मगर मैंने अपने होंठों से उसके होंठ सील कर दिए।
फिर प्रिया को मैंने कहा कि अब वो सोने की कोशिश करे। मैं उसकी बगल में ही लेट गया और सुबह उठते ही उसे बोल कर मैं वापस अपने कमरे में जाने लगा।
अपने कमरे का दरवाजा खटकाया तो प्रीति ने दरवाजा खोला, वो नंगी थी और एक एक चादर लपेटी हुई थी।
मैंने प्रीति को उसके कमरे में जाने को कहा और बोला- प्रिया का ध्यान रखना! उसे रात को काफ़ी तकलीफ़ हुई!
प्रीति मुस्कुरा कर चली गई।
कहानी अभी बाकी है।
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