बॉयफ्रेंड ने मेरे जिस्म की अन्तर्वासना जगाई -2

(Boyfriend Ne Mere Jism Ki Antarvasna Jagai- Part 2)

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अब हम रोज़ बाथरूम में जाकर किस करने लगे, हमारी नज़दीकियाँ बढ़ने लगी, वो मेरी चूचियों को भी कभी कभी छूने लगा।
फिर एक दिन उसने मुझे कहा कि वो मेरी चूचियाँ देखना चाहता है।
यह सुन कर मैं असहज हो गई और वहाँ से चली गई।
तब उसने अपनी इस बात के लिए माफ़ी माँग ली और मैंने उसे माफ़ कर दिया।

मेरे जिस्म की प्यास बढ़ने लगी थी, उसके साथ मैं अपने आप को भूल जाती थी, कभी जिम के बाथरूम में, कभी सबके जाने के बाद, कभी उसके घर पर चुम्बन रोज़ रोज़ होने लगा।
धीरे धीरे मैं उसके जाल में फंसती गई और वो मेरे जिस्म की वासना की आग में जल रहा था।

ऐसे ही एक दिन जब मैं उसके घर गई तब उसने मुझे अपनी बाँहों में भर कर चुम्बन करना शुरू कर दिया।
मैं किस करते समय कमज़ोर पड़ जाती थी।
ऐसे ही उस दिन मेरे कमज़ोर पल का फायदा उठा कर उसने मेरी चूचीयों के साथ खेलना शुरू कर दिया। वह मेरी चूचियों को दबाने लगा और मसलने लगा, मुझे भी मज़ा आने लगा।

मैं अब उसके जाल में फँस गई थी, उसके हाथ मेरी शर्ट के अंदर जाने लगे, उसने मेरी शर्ट को उतारना शुरू कर दिया पर मैं राज़ी नहीं हुई- रोहित, यह क्या कर रहे हो?
रोहित- जान कुछ नहीं, मैं तुम्हें देखना चाहता हूँ।
यह कह कर फिर से उसने मुझे किस करना शुरू कर दिया, मैं अपना होश खोने लगी।

उस पल का उसने फायदा उठाया और धीरे से उसने मेरी शर्ट को मेरे जिस्म से अलग कर दिया। मैं अब अपनी काली ब्रा में उसके सामने थी, मेरी आँखें शर्म से झुक गई और बंद हो गई।
उसने धीरे से मेरी चूची को छुआ तो मेरे मुँह से आह्ह्ह्ह निकल गई। फिर अचानक उसने फिर से मेरे होंठों पर किस किया और करता ही गया।

उसके हाथ मेरी चूचियों को मसल रहे थे और मैं होश खो रही थी और वो मेरे खोते हुए होश का फायदा उठा रहा था।
अचानक उसने नीचे झुक कर मेरी चूची को मुँह में भर लिया ब्रा के ऊपर से और चूसने लगा।
चाहत- आआआह्ह्ह रोहित!

रोहित कभी मेरी गर्दन पर किस करता, कभी चूची को चूसता।
मैं होश खो चुकी थी और मेरी चूत में सनसनी सी हो रही थी, कीड़ा सा रेंग रहा था, हर पल मैं और कमज़ोर पड़ रही थी, होश खो रही थी कि अचानक उसने मेरी ब्रा का हुक खोल कर मेरी ब्रा निकाल दी..
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मैं अब मना करने की स्थिति में नहीं थी।
मेरे ऊपर का जिस्म नंगा था तो उसने भी अपनी बनियान उतार दी। उसके 8 पैक एबस और गठीला जिस्म देख कर मेरी चूत में पानी आ गया, मैं उसकी बाहों में समाती चली गई।
वो मेरे निप्पल को मसलने लगा, मैं भी उसका साथ दे रही थी। मेरा जिस्म अनोखे सुख को पाने के लिए तैयार था, मेरी पैंटी के अंदर चूत में अजीब सी सुरसुराहट हो रही थी, चूत अपना रस छोड़ने लगी थी और मेरी बेचैनी बढ़ रही थी।

मैं भरपूर मज़ा ले रही थी, मैं भी उसके बलिष्ठ जिस्म को चूसने लगी, कभी निप्पल तो कभी उसकी गर्दन और कभी उसके जिस्म को चूसती थी।
उसके हाथ भी लगातार मेरी चूचियों को जोर से मसल रहे थे।
मेरी चूचियाँ कठोर हो रही थीं, मेरे निप्पल भी हार्ड होकर बड़े हो गए।

वो अब मेरे पूरे जिस्म को चूसने और चूमने लगा था। मेरी नाभि पर जब उसने जीभ लगाई और उस पर गोल गोल घुमाने लगा तो मैं बेकाबू हो कर आअह्ह करने लगी और मेरी कराहट आअह्ह की आवाज़ बढ़ गई।

मैं आनन्द के स्वर्ग में थी कि तभी उसके घर पर किसी के आने की घंटी बज गई।
मैं डर गई और उसके घर से मैं लौट आई।
कहानी जारी रहेगी।
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