चाचा की माल की चाचा से बेहतर चुदाई
मैं रोशनी के घर पढ़ने के लिए जाने लगा, वो बड़ी कमाल की माल दिखती थी, उसका शरीर किसी भी कुंवारी लड़की को हरा दे.. ऐसा था। पहले ही दिन मैं वो मुझे भा गई और मेरे मन में उसे चोदने की इच्छा जागृत होने लगी।
ओरल सेक्स की हिंदी चुदाई कहानियों का मजा लें जिनमें लड़की द्वारा लंड चूसने और लड़के द्वारा चूत चाट के एक दूसरे को मजा देने का वर्णन है.
Oral Sex ki Hindi chudai kahani
मैं रोशनी के घर पढ़ने के लिए जाने लगा, वो बड़ी कमाल की माल दिखती थी, उसका शरीर किसी भी कुंवारी लड़की को हरा दे.. ऐसा था। पहले ही दिन मैं वो मुझे भा गई और मेरे मन में उसे चोदने की इच्छा जागृत होने लगी।
मैं ऑनलाइन सर्फ़िंग करता था तो एक इमेल आई और एक फ़ौजी की बीवी ने मुझे मिलने के लिये बुलाया क्योंकि उसका पति कई कई महीने बाद घर आता था। वो मजे ले लेकर चुदी।
मेरा हाथ मेरी पैन्टी के अन्दर चला गया और मेरी उंगली मेरी चूत में आगे-पीछे होने लगी। मैं एक हाथ से अपने चूचों को दबाने लगी। उधर मम्मी पापा का लण्ड चूस रही थीं
वन्दना की मम्मी रेणुका को गोद में उठाये हुए मैं धीरे-धीरे बिस्तर की तरफ बढ़ा और हौले से उसे बिस्तर पर लिटा दिया... उनकी चिकनी जांघों को चूमते चाटते जैसे ही चूत पर जीभ लगी…
सर्दी की एक रात में अपनी माशूका खुशी की कुंवारी चूत की चुदाई पहली बार की, मैं शहर में पढ़ता था, मेरी प्रेयसी गाँव में थी, कजिन की शादी में गाँव आया तो...
चाची की चिकनी चूत देख कर मेरा मन ललच गया और मैं चूत चाटने लगा। फ़िर चाची की चुदाई की और उन्हें परम आनन्द दिलाया। चाची की गान्ड की बात करते ही वो बिदक गई।
पुनीत ने पायल को गेम के लिये मनाना था और पायल अपने भाई पुनीत से ही अपनी चूत चटवाई के सपने देख रही थी। सपने में वो पूरी नंगी होकर अपने भाई से अपनी चटवाती है।
नायिका का नाम है आँचल… एक खूबसूरत, हसीं, फूलों की जैसी, एक बार देखने पर बार बार देखने को जी चाहे, ऐसी खूबसूरती जिसे देखकर कोई भी दीवाना हो जाये। आँचल से पहली मुलाकात एक इत्तफ़ाक थी!
मैं पड़ोस की लड़की को पटाना चाह रहा था कि एक दिन मेरे दोस्त से पता लगा कि उस लड़की का भाई गांडू है. तो मेरे दोस्त ने उस गांडू को कहा कर उसकी बहन मुझसे चुदवाई...
वह मेरे सीने से लिपट गई। एक अल्हड़ गदराया माल मेरे आगोश में सिमटा हुआ था, मैंने उसके होंठों पर होंठ रख रसीले अधर चूसने लगा, उसकी चूत लंड का इंतजार कर रही थी
मेरी आँखें बंद थीं लेकिन फिर भी मैं इशानी को अपनी बाँहों में भर कर उसके अंग-अंग को छू कर महसूस कर रहा था हम दोनों ही अपने प्रेम की उत्तेजना से सराबोर थे। यह वो कामोत्तेजना थी.. जो युग-युग से प्यासे प्रेमियों पर आज जी भर कर बरसने वाली थी।
मैंने मामी को बताया कि मेरी पेशाब की जगह पर कुछ गर्म गर्म लग रहा है। मामी ने पूछा कि क्या मैंने पहले कभी ऐसे मजे लिए थे, और मेरे न कहने पर उसने कहा कि कोई बात नहीं!
असल काम की घड़ी, वर्षों प्रतीक्षा की घड़ी, मेरी पतिव्रता बीवी के व्यभिचार की घड़ी, उसकी योनि में परपुरूष के प्रवेश की घड़ी… मैं - उसका पति - उत्साह से उसकी योनि के होंठों को फैलाकर उसके शीलभंग में मदद कर रहा था।
सोनाली अपनी गाण्ड मेरे मुँह के सामने हिलाने लगी। कुछ देर ऐसा करने के बाद दीदी लंड पर से हटी.. और सोनाली जा कर लौड़े पर बैठ गई। अब दीदी ने अपनी चूत मेरे मुँह के पास रख दी.. चूसने के लिए..
निधि नादान थी.. मगर चूत की चटाई उसको उत्तेजित कर रही थी.. उसकी वासना बढ़ने लगी थी। इधर अर्जुन भी पूरा चाटू था.. वो चूत को हर तरीके से चूस और चाट रहा था..
मैं एक इज्जतदार शिक्षिका हूँ.. तो बॉयफ्रेंड नहीं बनाना चाहती क्योंकि आजकल के बॉयफ्रेंड किस्म के लोगों को तो आप जानते ही हो.. एक बार चुदवा लो.. तो सर पर बैठ जाते हैं और तो और.. बिना गाली के बात नहीं करते हैं।
घर में मेरी हमउम्र नौकरानी कविता मेरे सामने आती मेरे मन में कविता की चुदाई के ख्याल आने लगे। जब भी वो झाड़ू-पोंछा करती तो मैं उसकी चूचियों को देखता था!
एक्सीडेंट के बाद मैं अस्पताल में था. दोस्त को कह कर एक सुंदर नर्स अपने लिए रखवाई. उसने जो मेरी सेवा की उसी की दास्ताँ इस कहानी में लिख रहा हूँ.
मेरी कहानी पढ़ कर दिल्ली की एक लेडी ने मुझे मेल की, हमारी दोस्ती हो गई. हम फोन पर सारी बातें कर लेते थे. एक बार मुझे दिल्ली जाना पड़ा तो उसने मेरा इंतजाम होटल में किया. उसके बाद...
मैंने फिर उसको पलटाया और उसके गाण्ड में अपने लौड़े लगाकर सहलाने लग़ा, फिर पीठ को चूमता हुआ नीचे गाण्ड के उभारों पर दांत गड़ाने लगा, जहाँ जहाँ मैं दाँत गड़ाता.. एक मीठे दर्द के साथ उस जगह को वो सहलाती जाती थी।