मैं कुछ करता हूँ
यह कहानी 1964 की गर्मियों की है. हमारे परिवार के सभी सदस्य एक विवाह में शरीक होने अपने गांव गये थे, हम तीन भाई-बहन और मां-बाबूजी. मैंने 12वीं की बोर्ड की परीक्षा दी थी और परिणाम का इंतज़ार कर रहा था. मैं तीनो भाई बहन में सबसे बडा हूं. उस समय मैं 18वें साल में […]