नंगा बदन

किसी लड़की का नंगा बदन देखने को मिल जाए तो क्या कहने… ऐसे ही जवान भाभी, आंटी, गर्ल्स का नग्न शरीर देख कर मजा लूटने की कहानियां यहाँ पढ़ा कर मजा लें!

गर्लफ्रेंड के बिना उसकी सहेलियों संग थ्री-सम –5

प्रियंका- आओ जीजू.. आपने कल पूरी रात हम दोनों की खूब गान्ड मारी, अब मैं आपको रगड़ कर नहलाती हूँ.. उसने मेरे ढीले लण्ड को पकड़ते हुए मुझे शावर में घसीट लिया।

घर में चुदाई का मज़ा लिया

हम दोनों बिल्कुल नंगे थे.. मैं पहली बार ज्योति को नंगा देख रहा था.. मुझसे रहा नहीं जा रहा था। उसकी फुद्दी पर अभी बाल हल्के हल्के आए थे.. छोटे-छोटे से भूरे भूरे थोड़े से बाल थे।

चचेरे भाई की बीवी को ग्रुप सेक्स में शामिल किया -3

नीलेश उसके बूब्स में झाँक रहा था, मैं उसके चूचों को निहार रहा था। नीता बेचारी देखा देखी सब कर तो रही थी पर उसे बहुत शर्म भी आ रही थी। पर शायद कहीं न कहीं वो इस आज़ादी से बहुत खुश थी और इसका आनन्द भी ले रही थी।

चरमानन्द परमानन्द

उर्वशी अपनी अन्तर्वासना में डुबकी लगते हुए आहें भरने लगी और सिसकारने लगी, मेरे सिर के बालों को दोनों हाथों से पकड़ अपनी ओर खींच कर मेरे होंठों को अपने होंठों में दबोच कर चूसने लगी।

चूत एक पहेली -94

कोमल मुस्कुराती हुई पुनीत के पास गई और उसके लौड़े को सहलाने लगी। इस बार वो सोया हुआ था.. कोमल ने उसका लण्ड बाहर निकाल दिया और बड़े प्यार से उसको चूसने लग गई..

चचेरे भाई की बीवी को ग्रुप सेक्स में शामिल किया -2

नीता बोली- भाभी, इसमें तो ऐसा लग रहा है जैसे उनके सामने हम लोग बिना कपड़ों के ही हैं। मधु बोली- यही तो रिझाने की कला है, थोड़ा दिखाओ थोड़ा छुपाओ, थोड़ा दिखा के छुपाओ थोड़ा छुपा के दिखाओ।

बहन को चुदाई सिखाते सिखाते चोद दिया

अन्तर्वासना की सेक्स स्टोरी के बारे में मेरे दोस्त मुझे बताते थे.. वो मेरे कमरे में मैं दिव्या को बताता था। मैं अपना काम पूरा करता.. तब तक वो इन्तजार करती थी.. मतलब सोती नहीं थी।

चूत एक पहेली -93

पायल बड़े प्यार से लौड़े को चाटने लगी.. सुपारे को धीरे-धीरे मुँह में लेने लगी। बस 5 मिनट में ही पायल पूरा लौड़ा ‘गपागप’ मुँह में लेकर चूसने लगी। साथ ही साथ आंडों को भी हाथ से सहला रही थी।

प्रेम संग वासना : एक अनोखा रिश्ता -3

उसका सर मेरे सीने पर था और बालों से उसका चेहरा ढका हुआ था। मैंने जैसे ही उसके बाल उसके चेहरे से हटाये तो उसने अपना चेहरा उठा कर मेरी तरफ किया, मेरे और उसके होंठ आमने सामने थे।

मेरा गुप्त जीवन- 166

मैंने सुश्री को नीचे बिछे को गद्दे पर लिटाया और झट से उसकी चौड़ी जांघों में बैठ कर अपने लंड को उसकी बुरी तरह से पनियाई चूत के द्वार पर रख कर पहला धक्का मारा.

चचेरे भाई की बीवी को ग्रुप सेक्स में शामिल किया -1

नीता के कपड़े भी थोड़े से गीले हो गए पर बेचारी कुछ एक महीने से प्यासी थी इसलिए उसे उस समय कुछ समझ नहीं आ रहा था और वो इस आज़ादी और अपने चुम्बन का रस ले रही थी।

चूत एक पहेली -92

ले भाई दूल्हा आ गया.. अब होगी असली सुहागरात तेरी बहन की.. हा हा हा हा.. भाई अर्जुन ये टीवी पर हमें चुदाई देखनी है.. ज़रा स्टाइल से करना ताकि हमारा मज़ा दुगुना हो जाए..

चूत एक पहेली -91

सन्नी- तू कौन सी कुँवारी है... तेरी चूत तो खुली हुई है.. अब यह नाटक बन्द कर और पनी चूत चुदाई का मज़ा ले। पायल समझ गई कि सन्नी को पता लग गया है..

सोनाली भाभी की दोस्ती से चूत चुदाई का सफ़र -2

सोनाली भाभी को किसी दीपक से प्यार है और मुझे सोनाली भाभी से। मैंने कैसे सोनाली भाभी धीरे धीरे पटा कर, उन्हें उत्तेजित करके उनकी प्यासी चूत की चुदाई की, पढ़िए इस कहानी में!

चूत एक पहेली -90

सन्नी ने पायल के पैरों को मोड़ा और लौड़ा चूत पर सैट करके जोरदार धक्का मारा.. जिससे पूरा लौड़ा जड़ तक चूत में समा गया और पायल के मुँह से बहुत ज़ोर से चीख निकली.. जो बाहर सबको सुनाई दी।

सोनाली भाभी की दोस्ती से चूत चुदाई का सफ़र -1

मेरे हाथ सोनाली के चूचों को मसल रहे थे और धीरे-धीरे उसके कपड़े भी उतार रहे थे। सोनाली इतनी उत्तेजित हो गई थी कि उसको पता ही नहीं चला, मैंने कब उसको पूरी नंगी कर दिया।

चूत एक पहेली -89

अर्जुन आगे बढ़ा और पायल का कुर्ता भी निकाल दिया.. अब वो सब के सामने एकदम नंगी खड़ी थी। उसने जब देखा कि सबकी नजरें उसके जिस्म को घूर रही हैं.. तो उसने शर्म के मारे नजरें झुका लीं।

चूत एक पहेली -87

पायल का कुर्ता निकाल कर इसके मादक जिस्म की झलक सबको दिखाओ। अर्जुन पायल के पास आया.. तो पायल ने कहा- एक कपड़ा निकालना है.. तो पहले जींस निकाल दो आप..

मैं, मेरी बीवी और चचेरे भाई का सपना हुआ सच -9

मधु बोली- आप तो मेरे हीरो हो, मुझे बहुत मज़ा आया। और सबसे ज्यादा आपको उत्तेजित देखकर बार बार में उत्तेजित हो रही थी। मैं तो अभी तक आपको अपने अंदर महसूस कर रही हूँ।

जेम्स की कल्पना -6

कल्पना के जबड़े दुख रहे थे, योनि दुख रही थी, अंग-अंग टूट रहा था। उसने मन में झाँककर देखा, कोई अपराध-बोध तो नहीं? नहीं, ऐसा कुछ नहीं। उसने जो किया है सोच-समझकर किया है।

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