मेरी चूत और गांड दोनों प्यासी हैं-3
मैं दौड़ के वाशरूम गई और मूतने लगी। जब मैं पेशाब करके पीछे घूमी और अपनी सलवार का नाड़ा बाँध रही थी। मैं नाड़ा बाँधते-बाँधते बाहर आ रही थी...
किसी लड़की का नंगा बदन देखने को मिल जाए तो क्या कहने… ऐसे ही जवान भाभी, आंटी, गर्ल्स का नग्न शरीर देख कर मजा लूटने की कहानियां यहाँ पढ़ा कर मजा लें!
मैं दौड़ के वाशरूम गई और मूतने लगी। जब मैं पेशाब करके पीछे घूमी और अपनी सलवार का नाड़ा बाँध रही थी। मैं नाड़ा बाँधते-बाँधते बाहर आ रही थी...
रणवीर ने मुझे गोद में उठाया और बेडरूम में ले जाकर बिठा दिया। मेरे कपड़े उतर चुके थे और अब मैंने ऊपर सिर्फ ब्रा पहन रखी थी बस। मुझे थोड़ी शर्म भी आ रही थी।
अब माला के जिस्म पर तो एक धागा तक नहीं था और मेरे जिस्म पर पजामा था और मैं चाहता था किसी तरह से माला को गर्म कर दूँ क्योंकि औरत पूरी तरह से सहयोग सिर्फ तब ही करती है कि या तो वो सेक्स अभ्यस्त हो या फिर पूरी तरह से गर्म हो ! […]
दलबीर सिंह मैंने अपनी कहानी के पिछले भाग में लिखा था कि कैसे भाभी ने योजना बना कर मुझे माला की चूत दिलवाई और खुद भाभी ने भी मुझसे उस रात में दो बार चुदाई करवाई। उस रात बहुत बढ़िया नींद आई सुबह दिन निकलने से पहले मैंने और भाभी ने एक बार और चुदाई […]
दलबीर सिंह भाभी ने मुझे थोड़ा परे को ढकेला और मेरा अंडरवियर पकड़ कर नीचे की ओर खींच दिया। फिर बोलीं- बिट्टू, तू हुन्न अपना ‘पप्पू’ माला दी घुत्ती दे अंदर धुन्न दे ! हौली हौली धक्कीं ! ऐदा पह्ल्ली वार ए ! ऐन्ने अज्ज तक नी ऐ काम्म कित्ता ! (तू अब अपना पप्पू […]
दलबीर सिंह मैंने ट्यूब बुझा कर नाइट बल्ब जला दिया, और आकर मैं भी अपनी रजाई में घुस गया और आँखें बंद कर लीं। पर नींद का तो दूर-दूर तक पता नहीं था। मन ही मन मैं कुढ़ रहा था कि यह माला कहाँ दाल भात में मूसलचंद आन पड़ी। इस बात को वो ही […]
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा बिट्टू यानि कि दलबीर का नमस्कार, और साथ ही अन्तर्वासना डॉट कॉम के इस पटल का भी धन्यवाद जिसने हमारे जैसे लोगों की मन की पुरानी दबी हुई यादों को व्यक्त करने का मौका दिया। मेरी पहली कहानी आप लोगों ने पढ़ी और काफ़ी सारे मेल भी आए और […]
पांच सात मिनट की धकापेल में हम दोनों सब कुछ भूलकर सम्भोग का अभूतपूर्व आनन्द उठाते रहे, दोनों पसीने से सराबोर हो गए ! रेखा तो नीचे से गांड को ऐसे उठाकर लंड पेलवा रही थी जैसे वो मेरे अंडकोष भी अपने अन्दर करवाना चाहती हो ! रोनी आह्ह्ह ! मेरी चूत को जन्नत का […]
तो वो बाथरूम में लगे दर्पण में से मेरे दूध देख रहा था और अब उसकी लुल्ली खड़ी हो गई। जो साबुन लगाते समय मैं कभी-कभी अपने पीछे महसूस कर रही थी।
रमित बड़े प्यार से मम्मे चूस रहा था, फिर उसने पैंटी खोली, जाहन्वी की चूत हमेशा की तरह गीली थी, रमित चूत फैला फैला कर देख रहा था, अब जाहन्वी की चूत चाटने लगा।
कहानी का पिछ्ला भाग : जन्नत का अहसास है गांड चुदाई-1 उफ्फफ्फ्फ़! क्या चुदाई की उसने! मेरी चूत की तो हालत ख़राब कर दी। हैरत अंगेज बात तो यह थी कि 5 मिनट तक लगातार चुदाई के बाद भी उसके लंड से पानी नहीं निकल रहा था जबकि मेरी चूत ने दूसरी बार पानी छोड़ना […]
तमाम पाठकों व पाठिकाओं को प्यार भरा नमस्कार ! मेरी कहानियों को आप सभी ने बहुत सराहा, इसके लिए सभी का तहे दिल से शुक्रिया ! ज्यादा समय न लेकर सीधे ही अब मैं आपको कुछ माह पहले की सत्य घटना कहानी के रूप में लिख रहा हूँ। स्थान एवं पात्रों के नाम बदल दिए […]
आमिर खान नमस्कार दोस्तो, मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। मैं यहाँ रोजाना नई नई कहानियाँ पढ़ता हूँ और इनका आनन्द लेता हूँ। लेकिन मैं अपनी कहानी यहाँ साझा करने में संकोच करता था परन्तु जब मैंने देखा कि यहाँ कई लड़कियाँ तक अपनी कहानियाँ साझा करती हैं तो मैंने भी अपनी पहले सैक्स की […]
अन्तर्वासना के सारे पाठकों को मेरा नमस्कार। यह कहानी मेरी और मेरी एक दोस्त नेहा की है। नेहा मेरे ऑफिस में ही काम करती थी और मेरी टीम की रिपोर्ट बनाती थी। अक्सर वह मेरे पास आती और काफी चिपक कर बैठती थी। उसका शरीर काफी गोरा था और मम्मे और कूल्हे बिल्कुल गोल थी। […]
रेशमा ठठाकर हँस पड़ी- पतिव्रता!’ और चुटकी ली- और तुम पत्नीव्रता वाह वाह…’ फिर गंभीर होकर बोली- मैंने देखा है, वह तुम्हें किस नजर से देखती है।’ ‘उसने तुमसे ऐसा कुछ कहा?’ ‘सब कुछ कहा नहीं जाता।’ ‘तुम्हें भ्रम हो रहा होगा। उसका पति कैसा भी हो, वह ऐसा हरगिज नहीं चाह सकती।’ ‘मैंने कब […]
मेरी एक बहन है। बचपन में हम साथ खेला करते थे, लेकिन फिर जैसे-जैसे बड़े होते गए तो अलग-अलग रहने लगे। मतलब अब साथ सोना उठना-बैठना कम होता था। बस जैसी बाते सारे घरों में होती हैं, वैसी हम में भी होती हैं। मेरा मन कम उम्र से ही लड़की चोदने का करने लगा था […]
मेरे मन में उसका नंगा बदन घूम रहा था। उसके ऊपर पानी की बूँदें देख कर लग रहा था कि जैसे कोई परी हो, और उसके ऊपर मोती सजे हुए हों।
उसने अपनी गांड को कुछ इस तरह से फैलाया कि पीछे से ही गुलाबी रसभरी बुर दिखाई देने लगी जिसे देख लिंग को जैसे जान आ गई। फिर से सख्त होकर खड़ा हो गया।
बाथरूम में रेखा दरवाजे की तरफ मुँह करके पटरी पर जन्मजात नंगी बैठी हुई थी, उसका गोरा बदन आँखों के सामने बेपर्दा था। बाल सर पर बंधे थे, दोनों पैर खुले थे, चूत बिल्कुल साफ दिखाई दे रही थी
मैं घर चला आया, मेरा दूसरा कदम भी कामयाब रहा। घर जाकर बेड पर लेट गया पर नींद नहीं आ रही बार बार रेखा का नग्न शरीर जो बाथरूम में देखा था, नजर के सामने आ जाता, अंत में बाथरूम में जाकर रेखा भाभी की याद कर हस्तमैथुन किया तब राहत हुई। अचानक साले साहब […]