भाई की साली की चूत चुदाई -1
वो कुछ न बोली, बस शरमा कर मुँह छुपा लिया। मैंने उसका हाथ हटाया और गालों पर एक चुम्मा दे दिया, वो पूरी शर्म से लाल हुई पड़ी थी। फिर मैंने उसके होंठों पर होंठ रख दिए और उसके होंठ चूसने लगा।
बिना चुदी नंगी चुत की पहली बार चुदाई, कुँवारी चूत की हिंदी कहानी, कुँवारी कन्या के पहले सेक्स की स्टोरी
Kunvari chut ki Chudai ki Hindi Kahani
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वो कुछ न बोली, बस शरमा कर मुँह छुपा लिया। मैंने उसका हाथ हटाया और गालों पर एक चुम्मा दे दिया, वो पूरी शर्म से लाल हुई पड़ी थी। फिर मैंने उसके होंठों पर होंठ रख दिए और उसके होंठ चूसने लगा।
मेरा नाम जूही परमार है, मैं मुरैना की रहने वाली हूँ, पढ़ने में होशियार और होनहार लड़की हूँ। मैं एक छोटे से कस्बे से ताल्लुक रखती हूँ इसलिए एक बड़े शहर इंदौर में पढ़ने आई हूँ। इस शहर में मेरा कोई जान-पहचान वाला नहीं है तो मेरे पापा ने मुझे हॉस्टल में रुकने की आज्ञा […]
भंवरे ने डंक मार दिया था और शिकारी अपना लक्ष्य भेदन कर चुका था। अब कलि खिल चुकी थी और भंवरे को अपनी पंखुड़ियों में कैद किये अपना यौवन मधु पिलाने को आतुर हो रही थी।
मैं बहुत सुन्दर हूँ, घर से निकलती तो मेरी चूचियों और मटकती गाण्ड को देखकर सब का लण्ड खड़े हुए बिन नहीं रह पाता. मैं निकल जाती और वो लण्ड दबाते रह जाते. लेकिन मेरी जवान चूत की धार मेरी फुफेरे भाई ने लगाई अपने फौलादी लंड से!
बात उन दिनों की है जब इस देश में टीवी नहीं होता था ! इन्टरनेट और मोबाइल तो और भी बाद में आये थे। मैं उन दिनों जवानी की दहलीज पर क़दम रख रही थी। मेरा नाम सरोजा है पर घर में मुझे सब भोली ही बुलाते हैं। मैं 19 साल की सामान्य लड़की हूँ, […]
वो अब मेरा साथ देने लगी और उसके हाथ मेरे बालों में फिरने लगे.. मेरा लण्ड जैसे अन्दर-बाहर आता जाता तो उसकी आह भरी आवाज मेरा जोश बढ़ाने लगी।
उसने काले रंग का सूट पहन रखा था और उसमें वो और भी खूबसूरत नज़र आ रही थी। उसने मुझे अन्दर बुलाया, दरवाजा बंद कर दिया और बोली- अन्दर कमरे में आ जाओ...
प्रेषक : राज कौशिक मैं बोला- पूजा, दर्द होगा। “पता है पर तुम बस डालो अब।” “ठीक है !” और मैंने एक झटका मारा पर लण्ड फिसल कर गाण्ड के छेद से जा लगा। “आह ! क्या कर रहे हो राज?” मैंने एक तकिया लेकर उसके कूल्हों के नीचे रख दिया, अब चूत का छेद […]
हाय दोस्तो, मैं राज कौशिक अपनी कहानी सुहागरात भी तुम्हारे साथ मनाऊँगी जो चार भागों में प्रकाशित हुई थी, के आगे का भाग भेज रहा हूँ। लक्ष्मी की सगाई हो चुकी थी, 20 दिन बाद लक्ष्मी की शादी थी, उससे पहले मैंने उसे 10-11 बार चोदा और वो अपनी सहेली मुझे उपहार में देकर गई। […]
वो बोली- तुम भी तो अपने कपड़े उतारो ! मैं बोला- मैंने तुम्हारे उतारे हैं, तुम भी मेरे उतार दो। उसने मेरी जैकेट उतारी और मुझे पीछे को धक्का दे दिया। मैं सीधा लेट गया फिर उसने बटन खोल कर मेरी छाती को चूमना शुरु कर दिया। उसकी चूचियाँ मेरी छाती को छूती तो करन्ट […]
इशानी मचलने लगी और उसने अपनी टांगें चौड़ी कर के मेरे लिए जगह बना दी.. मैं अपना लिंग उसकी योनि पर रगड़ रहा था और इशानी अपनी आँखें बंद किए हुए उन मादक क्षणों का पूरा आनन्द ले रही थी...
उसने जो बोला, सुन कर मेरे होश ही उड़ गए.. उसने मुझे बताया कि वो बचपन से ही मेरे बारे में सिर्फ अच्छा ही सुनती आ रही है और मन ही मन मुझे प्यार करती है...
अंगूर ने अपने दोनों हाथ पीछे किये और अपने नितम्बों को पकड़ कर उन्हें चौड़ा कर दिया। आह... अब तो उसके नितम्ब फ़ैल से गए और गांड का छेद भी और खुल गया। अब जन्नत के गृह प्रवेश में चंद पल ही तो बाकी रह गए थे।
उसकी गांड के छेद पर लगाने में लिए जैसे ही अपना हाथ बढ़ाया, वो बोली- बाबू... जरा धीरे करना... मुझे डर लग रहा है... ज्यादा दर्द तो नहीं होगा ना?'
बापू कहाँ मानते हैं। वो तो अम्मा को अपना हथियार चूसने को भी कहते हैं पर अम्मा को घिन आती है इसलिए वो नहीं चूसती इस पर बापू को गुस्सा आ जाता है और वो उसे उल्टा करके जोर जोर से पिछले छेद में चोदने लग जाते हैं।
मैंने एक हाथ से उसकी कमर पकड़ रखी थी और दूसरे हाथ से उसके नितम्बों को सहलाने लगा। अचानक मेरी एक अंगुली उसकी गांड के छेद से जा टकराई।
उसकी कुंवारी बुर से आती मादक महक से मैं तो मस्त ही हो गया। उसने अपने दोनों हाथों से मेरा सिर पकड़ लिया। अब मैंने अपनी जीभ को थोड़ा सा नुकीला बनाया और उसकी फांकों के बीच में लगा कर ऊपर नीचे करने लगा।
मैंने उसे बाजू से पकड़ कर उठाया और इस तरह अपने आप से चिपकाए हुए वाशबेसिन की ओर ले गया कि उसका कमसिन बदन मेरे साथ चिपक ही गया। मैं अपना बायाँ हाथ उसकी बगल में करते हुए उसके उरोजों तक ले आया।
मैं उसकी तेज़ होती साँसों के साथ छाती के उठते गिरते उभार और अभिमानी चूचकों को साफ़ देख रहा था। जब कोई मनचाही दुर्लभ चीज मिलने की आश बंध जाए तो मन में उत्तेजना बहुत बढ़ जाती है।
मैं उठकर उसके पास आ गया और उसके होंठों को अपनी अगुलियों से छुआ। आह… क्या रेशमी अहसास था। बिल्कुल गुलाबी रंगत लिए पतले पतले होंठ सूजे हुए ऐसे लग रहे थे जैसे संतरे की फांकें हों।