मेरा गुप्त जीवन-104
मैंने सारी लड़कियों औरतों को नदी पर नहाने भेज दिया और खुद छुप कर उन्हें नंगी नहाते देखने लगा. उनमें गाँव की एक दुलहन भी थी. उसे चोदने का मौका मुझे मिला.
खुले स्थान पर जैसे छत पर, समुद्र तट या बाग बगीचे में चुदाई की कहानियाँ
Khuli jagah par jaise garden, beech, road side, chhat par chudai ki kahaniyan
Stroies about sex fucking in the garden, at the beech, or on the roof
मैंने सारी लड़कियों औरतों को नदी पर नहाने भेज दिया और खुद छुप कर उन्हें नंगी नहाते देखने लगा. उनमें गाँव की एक दुलहन भी थी. उसे चोदने का मौका मुझे मिला.
मैंने मामी को बताया कि मेरी पेशाब की जगह पर कुछ गर्म गर्म लग रहा है। मामी ने पूछा कि क्या मैंने पहले कभी ऐसे मजे लिए थे, और मेरे न कहने पर उसने कहा कि कोई बात नहीं!
मैंने देखा कि भैया बहन की गाण्ड से पूरा चिपक कर खड़े थे। मेरे आने के बाद भी भैया नहीं हटे और मैं वहाँ जाकर खड़ा हो गया। मेरी बहन ऐसे बिहेव कर रही थी.. जैसे कुछ हो ही नहीं रहा हो।
जब मैंने आखिरी धक्का ज़ोर से मारा और नीलू मुझ से चिपट कर छूटने लगी तो सुधा ने हल्के से ताली मारी और 'वाह वाह' करने लगी तो हमको पता चला कि कोई हमारे करतब देख रहा है।
मुनिया- तू चोदता भी देर तक है.. मज़ा भी खूब देता है। मुझे एक बात समझ नहीं आई.. कि मैं चुदी हुई थी.. तब भी तेरे लौड़े ने मेरी जान निकाल दी.. तो निधि तो मुझसे बहुत छोटी है और कुँवारी भी है.. वो कैसे सह गई तेरे इस मोटे लौड़े को?
हम दोनों नंगे नीचे आ गए प्रज्ञा घुटने के बल बैठ गई और मेरे लौड़े को वापस तैयार करने लगी.. जब लौड़ा तन गया तो उसने क्रीम के ट्यूब लिया.. मेरे लौड़े पर क्रीम लगाई और ट्यूब मुझे देते हुई बोली- इसको मेरी गाण्ड में अच्छी तरह भर कर लगा दो.. काफी दिन बाद मेरी गाण्ड में लौड़ा जा रहा है.. दर्द करेगा..
कमलेश ने मुझे धरती पर चित्त लेटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गए। मेरी चूत भी उनका लौड़ा लीलने की ललक में थी। मैंने चूत पसारी और उसने अपना मूसल मेरी चूत में टिका दिया..
भाभी और मैं अकेले घर में नंगे होकर मस्ती कर रहे थे, भाभी की झांटें, बगलें साफ़ करके मैंने उन्हें चोदा। दूसरी बार की चूत चुदाई मैंने मालिश से शुरु की लेकिन…
मुनिया ने अर्जुन की पैन्ट उतार दी पर वो तो अब खेली खाई थी, अन्तर्वासना के वशीभूत उसने अर्जुन के लन्ड पर नजर डाली तो वो उसे बहुत बड़ा लगा, मुनिया का मन ललच गया।
मेरी विधवा सलहज अक्सर मेरी बाइक पर बैठ कर आती थी तो भारी बदन की होने के कारण वो मेरे से चिपकी हुई रहती थीं। जब कहीं गड्डा आता.. तो उसके मम्मे मेरे से टकराते। मेरा मन तो बहुत करता पर करूँ क्या..
आगरा से लाए गिफ्ट कम्मो पारो को देकर कहा कि आज रात उनकी गान्ड मारूँगा मैं.. दोनों ने हां कर दी. रात को कम्मो को लेकर मैं गार्डन में आया और वहां उसकी गान्ड मारने की सोचने लगा.
मेरे पापा मुझे और मेरे पड़ोसी लड़के को शहर से पेपर दिला कर गाँव वापिस आ रहे थे बाइक पर.. वो लड़का मेरा यार था. मैं बीच में, वो मेरे पीछे बैठा था, मुझे छेड़ने लगा.
मैंने चुदाई का भरपूर मजा लिया कि पीछे से बारटैण्डर ने मेरी गाण्ड में लण्ड घुसा दिया। तभी उसका एक दोस्त मुझे आगे से चोदने लगा। पूछने पर पता लगा कि मेरी सहेली भी खूब चुदी है।
दिन भर घूमने के बाद शाम को कमरे में आये तो पूनम आ गई, उसे खुश किया और जेनी के बारे में बता कर रात कार्यक्रम का तय किया. रात को जेनी का नम्बर पहले लगा.
मेरी बात सुन कर आरती भय से काम्पने लगी। उसकी चूत और चूचियों को मसलते हुए मैंने कहा- तू मेरी बात माने तो तेरे पापा को कुछ नहीं बताऊँगा।वो मेरी बात मान गई और अगले दिन बगीचे में आ गई !
दिल्ली से आगरा वाली बस में मेरे साथ एक लड़की बैठी थी. मुझे झपकी लगी तो मुझे लगा कि मेरी जांघों पर कुछ है... देखा तो उस लड़की का हाथ था. कहानी पढ़ें, मज़ा लें!
पड़ोसन भाभी को मैं अक्सर चोदा करता था लेकिन उसके पति को शक होने की वजह से काफी दिन से भाभी की चूत चुदाई नहीं हुई थी. इस बार जब चुदाई का मौका मिला तो वो अपनी सहेली को साथ लाई थी.
मैं गाँव की एक शादी में गया तो रात को बहुत से लोग एक साथ जमीन पर सोए थे. मेरी बगल में मौसी की नवविवाहिता ननद सोई हुई थी. बीच रात में मैंने उसे गर्म करके चोदा.
बुलबुल रानी ने लंड पूरा का पूरा मुंह में घुसा लिया, वह ब़ड़े प्यार से अंडों को सहला रही थी और तेज़ तेज़ सिर को आगे पीछे करती हुई लंड को मुंह में अंदर बाहर, अंदर बाहर, अंदर बाहर कर रही थी, उसके घने बाल इधर उधर लहरा रहे थे।
छत पर पानी की टंकी के ऊपर मैं रात को बैठा दारू पी रहा था कि एक लड़की और उसकी भाभी छत पर आई. उन्हें दारू की गंध आ गई तो मुझे बताना पड़ा कि मैं ऊपर हूँ.