पहले और सच्चे प्यार में तन का मिलन
इंस्टिट्यूट में मेरी मुलाकात एक प्यारी सी लड़की से हुई. मैं उसे पसंद करने लगा था.. पर मैंने कभी उसे बताया नहीं। धीरे-धीरे हम दोनों में नज़दीकियां बढ़ने लगी।
इंस्टिट्यूट में मेरी मुलाकात एक प्यारी सी लड़की से हुई. मैं उसे पसंद करने लगा था.. पर मैंने कभी उसे बताया नहीं। धीरे-धीरे हम दोनों में नज़दीकियां बढ़ने लगी।
दिल्ली की लोकल बस में सफ़र करते हुए मेरी मुलाक़ात एक खूबसूरत युवती से हुई. बार बार सामना हुआ, दोस्ती हुई और फिर एक दिन ऐसा आया कि हम तन बदन से एक दूसरे के हो गए.
मैं हॉस्टल में था, मेरा कोई दोस्त नहीं था। मेरी क्लास की एक लड़की मुझे अच्छी लगी और डरते हुए मैंने उसकी तरफ़ दोस्ती का हाथ बढ़ाया। डरते हुए उसने मुझे दोस्त बना लिया।
ओनलाइन बनी एक गर्लफ़्रेन्ड से मुझे प्यार हो गया, वो भी मुझे दिल से चाहने लगी थी लेकिन हम चार साल तक नहीं मिल पाए। और जब मिलने का मौका आया तो… कहानी में पढ़िए...
मैं पड़ोस की लड़की को चाहता था पर कह नहीं पाया. उसने मेरे दोस्त से दोस्ती की और उससे मुझे सन्देश भिजवाया तो हमारी दोस्ती हुई, प्यार परवान चढ़ा और फिर मैंने उसे पूरा पा लिया..
मेरी सबसे बड़ी ख्वाहिश है कि तुम मुझसे एक बार बात करो, मैं कौन सा तुम्हें किसी बात के लिए दबाव डाल रहा हूँ, एक बार बात कर लो, फिर जैसा तुम चाहोगी वैसा ही होगा.
ऑफिस ट्रेनिंग के लिए मेरी ट्रेनर अफ़रोज़ बहुत सेक्सी थी. हमारी बातचीत बढ़ गई, मैं बाइक पर उसे रूम पर छोड़ने जाने लगा, उसकी चूचियाँ मेरी पीठ में गड़ती थी. हम फोन पर बात करने लगे.
मैं ऋतु.. अन्तर्वासना पर मैं आपको अपनी चूत की अनेकों चुदाईयों के बारे में बताऊँगी लेकिन सबसे पहले अपने चचेरे भाई से अपनी कुंवारी चूत के उद्घाटन की बात बता रही हूँ, आनन्द लीजिएगा।
मुझे अपनी ट्यूशन वाली मैडम सेक्सी लगती थी, मैं उन्हें चोदने की तमन्ना रखता था। इस कहानी में पढ़िये कि अपनी मैडम को चोदने के लिये लिये मैंने क्या तिकड़म लड़ाई।
एक बन्जारन लड़की मेरे घर के सामने रहती थी। वो कुछ सांवली थी पर उसके मम्मे बड़े मस्त थे। वो मेरे सामने आती थी तो मेरा लण्ड खड़ा हो जाता था.. पर वो मुझे थोड़ी छोटी लगती थी। पर मुझे इससे क्या.. मुझे तो चूत चाहिए थी।
मेरी लाइफ में एक लड़की आई। फिर एक दिन उसने मुझे प्रपोज़ कर दिया और मैंने भी ‘हाँ’ कर दी, हम दोनों एक-दूसरे से बहुत प्यार करते थे। एक दिन उसने कहा- मैं आज तुम्हारे साथ रूकना चाहती हूँ।
दिल्ली से इंदौर के सफ़र में मुझे एक लड़की मिली, ठंड के कारण मैंने उसे अपने कम्बल में आने को कहा और उससे दोस्ती हो गई. बाद में मैंने उससे मिलाने का कार्यक्रम बनाया और मजे किये!
मैं होश खो चुकी थी और मेरी चूत में सनसनी सी हो रही थी, कीड़ा सा रेंग रहा था, हर पल मैं और कमज़ोर पड़ रही थी, होश खो रही थी कि अचानक उसने मेरी ब्रा का हुक खोल कर मेरी ब्रा निकाल दी..
चुदाई के दौरान मुझ को लगा कि कम्मो की चूत सिकुड़ और खुल रही थी जैसे दूध धोने की प्रक्रिया कर रही हो, ऐसा पहले उसने कभी नहीं किया था और मुझको लगा कि यह क्रिया उसने अभी कुछ समय पहले ही सीखी होगी।
उसने मुझे अपनी बाँहों में ले लिया, मैं कमज़ोर पड़ गई और मेरी बाँहें भी उसके चारों तरफ बँध गईं, मेरी चूचियाँ उसके चौड़े सीने में दब रही थीं और मेरी पैंटी में सुरसुराहट सी हो रही थी।
मैं उसकी नाभि और कमर के हिस्से पर चुम्बन करने लगा और सच बताऊँ तो उसकी साँसें ऐसे ऊपर-नीचे हो रही थीं कि मैं उसे शब्दों में बयान नहीं कर सकता।
मेरी कम्पनी में एक नई लड़की आई और उसे मेरे पड़ोस में ही फ़्लैट मिला कम्पनी से... अक्सर सामना होने पर हाय हेलो होने लगी और आगे चल कर ...
मैं अपनी क्लास की एक लड़की को चाहता था, वो भी मुझे चाहती थी. इज़हार, इकरार प्यार हुआ एक दिन हम दोनों को रात को मिलने का मौका मिला.. क्योंकि वो मेरे घर के पास ही रहती थी।
मैं एक मॉल में काम करता था, मेरे साथ वाली दुकान में आई लड़की को मैंने पटाया और फ़िल्म दिखाने ले गया। वहां हिम्मत करके मैंने उसके बदन पर हाथ फ़ेरना चालू किया।
मेरी चाची की भतीजी हमारे घर रहने आई तो हमारी दोस्ती हो गई, हम एक दूसरे को चाहने लगे. हम खूब घूमे फिरे और एक चांदनी रात को घर की छत पर मैंने अपने प्यार का इज़हार कर दिया.