वफ़ा या हवस-4
मैंने मुस्कुराते हुए कहा- शैलीन, सच में तुम बहुत खूबसूरत हो! मैंने आज तक तुम्हारे जैसी कभी किसी को नहीं देखा! जी तो चाहता है कि तुम्हें हमेशा के लिए अपना बना लूँ!
मैं एक बार ऑफिस के काम से दिल्ली गया हुआ था. मेरी जिन्दगी में कई लड़कियां आ चुकी थीं और जा भी चुकी थीं. मुझे किसी से प्यार नहीं हुआ था. मुझे इस बात का घमण्ड भी रहता था लेकिन इस घटना ने मेरी जिन्दगी बदल कर रख दी और लड़कियों के बारे में मेरी सोच भी।
मैंने मुस्कुराते हुए कहा- शैलीन, सच में तुम बहुत खूबसूरत हो! मैंने आज तक तुम्हारे जैसी कभी किसी को नहीं देखा! जी तो चाहता है कि तुम्हें हमेशा के लिए अपना बना लूँ!
मैंने पहले शैलीन की पैंटी उतारी फिर उसकी मैक्सी! मैंने अपने भी पूरे कपड़े उतार दिए। अब हम दोनों पूरी तरह से नंगे 69 की अवस्था में लेट गए, मैंने अपना लण्ड उसके मुँह में डाल दिया!
मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था, सही-गलत समझ में नहीं आ रहा था। अगर शैलीन को कोई ऐतराज नहीं है, तो मैं क्यों संत बन रहा हूँ? मैं अभी इसकी जरुरत हूँ, यह मेरी!
शैलीन ने सफ़ेद नाईट हॉट मैक्सी (आधे सीने से ले कर जांघ के ऊपर तक का कपड़ा) पहनी थी जिसके आर-पार सब कुछ दिख रहा था, उसके खुले बाल गीले थे मतलब वो नहा कर आई थी!