तीन चुम्बन

मेरा नाम प्रेम गुरू है. बहुत बड़ा चुदक्कड़ हूँ मैं… इस कहानी में मैंने बताया है कि कैसे मैंने अपने साले की कमसिन बेटी की कुंवारी बुर को चोदा.

तीन चुम्बन-5

तीसरा चुम्बन : मिक्की ने हिचकिचाते हुए पहले तो उसने अपनी नाज़ुक अंगुलियों से उसे प्यार से छुआ और फिर अन्डरवीयर नीचे खिसकाते हुए मेरे लण्ड को पूरा अपने हाथों में भर लिया और सहलाने लगी। मेरे लण्ड ने एक ठुमका लगते हुए उसे सलामी दी और पत्थर की तरह कठोर हो गया। अब मिक्की […]

तीन चुम्बन-4

दोस्तों, आज दिन भर मैं ऑफिस में सिर्फ मिक्की के बारे में ही सोचता रहा। कल जिस तरह से खूबसूरत घटनाएँ हुई थी, मेरे रोमांच का पारावार ही नहीं था। इतना खुश तो मैं सुहागरात मना कर भी नहीं हुआ था। मैं दिन भर इसी उधेड़बुन में लगा रहा कि कैसे मिक्की और मैं एक […]

तीन चुम्बन-3

लेखक : प्रेम गुरू रति-द्वार दर्शन : जब मैं रमेश और सुधा को स्टेशन छोड़ कर वापस आया तो लगभग साढ़े ग्यारह बज चुके थे। मिक्की गेस्टरूम में सो चुकी थी। मैंने उस रात मधु को दो बार कस कस कर चोदा और एक बार उसकी गांड भी मारी। आज जिस तरीके से मैंने मधु […]

तीन चुम्बन-2

लेखक : प्रेम गुरू दूसरा चुम्बन : बाथरूम के बाहर खड़ा मैं आज से कोई चार साल पहले घटी उस घटना के बारे में सोच ही रहा था कि मिक्की की आवाज मेरे कानों के बिलकुल पास में गूंजी। “फूफाजी कहाँ खोये हुए हो ?” मिक्की शरारत भरी मुस्कान के साथ मुझे देख रही थी। […]

तीन चुम्बन-1

प्रिय पाठको, आपने मेरी पिछली कहानी दो नम्बर का बदमाश पढ़ी। मुझे बहुत खुशी है कि आप सभी को मेरी कहानी अत्यधिक पसन्द आई, जैसा कि कहानी के मूल्यांकन और मुझे मिले ढेरों प्रशंसा-पत्र हैं। आपका बहुत बहुत धन्यवाद! अपनी पिछली कहानी में मैने ‘मिक्की’ का जिक्र किया था। लगभग हर प्रशंसा-पत्र में पाठकों ने […]

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