मेरे गांडू जीवन की कहानी-23
उसने अपनी उंगलियां मेरे होठों की बगल में फंसा कर मेरे मुंह में डाल दीं। उसने मेरे चेहरे पर अपनी पकड़ बनाई और मेरी गांड में अपने लंड को पेलना शुरु कर दिया। आज उसका हर एक धक्का मुझे अपने गांडूपन का अहसास करवा रहा था कि गांडू की जिंदगी होती कैसी है.