जब साजन ने खोली मोरी अंगिया

नायिका जब पिया मिलन के बाद ससुराल से मायके आई तो उसकी सखियों ने उसे चारों ओर से घेर लिया और उससे पिया मिलन की बातें पूछने लगी- बता ना सखी… बता ना सहेली… क्या क्या हुआ… कैसे कैसे हुआ.. जीजू ने तुम्हारे साथ क्या किया… तुम्हे लाज आई … तुम्हें मजा आया… तुम्हें दर्द हुआ … बता ना क्या किया तेरे सजना ने तेरे साथ?

इस पर नायिका अपनी सखियों को आपबीती इस कविता के रूप में बता रही है, आप भी मजा लें!

जब साजन ने खोली मोरी अंगिया-9

रूठना-मनाना सखी मैं साजन से रूठी थी, और साजन मुझे मनाता था मैं और दूर हट जाती थी, वह जितने कदम बढ़ाता था साजन के हाथों को मैंने, अपने बदन से परे हटाय दिया उस रात की बात न पूछ सखी, जब साजन ने खोली मोरी अंगिया ! . साजन ने कितना समझाया, मैंने एक […]

जब साजन ने खोली मोरी अंगिया-8

पहले हम हँसे फिर नैन हँसे, फिर नैनन बीच हँसा कजरा उस रात की बात न पूछ सखी, जब साजन ने खोली मोरी अंगिया ! . पहले तो निहारा उसने मुझे फिर मुस्कान होठों पर खेल गई उंगली से ठुड्डी उठा मेरी, होंठों को मेरे सखी, चूम लिया उस रात की बात न पूछ सखी, […]

जब साजन ने खोली मोरी अंगिया-7

मायके में मैं मैके अपने आई सखी, कई दिन साजन से दूर रही मन मयूर मेरा नाच उठा, जब साजन मेरे घर आया उस रात की बात न पूछ सखी, जब साजन ने खोली मोरी अंगिया ! . एकांत जगह मेरे घर में, बाँहों में मुझको कैद किया मेरे होंठों को होंठों से, सखी जोंक […]

जब साजन ने खोली मोरी अंगिया-6 HOT!

स्वप्न वह रात चाँदनी रही सखी, साजन निद्रा में लीन रहा आँखों में मेरी पर नींद नहीं, मैंने तो देखा स्वप्न नया उस रात की बात न पूछ सखी, जब साजन ने खोली मोरी अंगिया ! . सोते साजन के बालों को, हौले-हौले सहलाय दिया माथे पर एक चुम्बन लेकर, होठों में होंठ घुसाय दिया […]

जब साजन ने खोली मोरी अंगिया-5

तरण-ताल सखी चारों तरफ चांदनी थी, हम तरण-ताल में उतरे थे, जल तो कुछ शीतल था लेकिन, ये बदन हमारे जलते थे, जल में ही सखी सुन साजन ने, मुझको बाँहों में भींच लिया, उस रात की बात न पूछ सखी, जब साजन ने खोली मोरी अंगिया ! . हर्षित उल्लासित मन से हमने, कई […]

जब साजन ने खोली मोरी अंगिया-4

रसोई में मैं घर में खाना पका रही, साजन पीछे से आ पहुँचे, मैं देख भी न पाई उनको, बाँहों में मुझे उठाय लिया, उस रात की बात न पूछ सखी, जब साजन ने खोली मोरी अंगिया ! . मैं बोली ये क्या करते हो, ये प्यार की कोई जगह नहीं मैं आगे कुछ भी […]

जब साजन ने खोली मोरी अंगिया-3

मुख-चोदन मैं लेटी थी, वह लेटा था, अंग-अंग को उसने चूसा था, होंठों से उसने सुन री सखी, मेरे अंग-अंग को झकझोर दिया उस रात की बात न पूछ सखी, जब साजन ने खोली मोरी अंगिया ! . एक किरण ऊष्मा की जैसे, मेरे तन – मन में दौड़ गई मैंने भी उसके अंग को […]

जब साजन ने खोली मोरी अंगिया-2

69 का खेल साजन की गोद में सिर मेरा, आवारा साजन के हाथ सखी ऊँगली के कोरों से उसने, स्तन को तोड़ मरोड़ दिया उस रात की बात न पूछ सखी, जब साजन ने खोली मोरी अंगिया ! . फिर साजन ने सिर पीछे से, होंठों को मेरे चूम लिया कुछ और आगे बढ़ स्तन […]

जब साजन ने खोली मोरी अंगिया-1

स्नानगृह में स्नानगृह में जैसे ही नहाने को मैं निर्वस्त्र हुई मेरे कानों को लगा सखी, दरवाज़े पे कोई दस्तक हुई धक्-धक् करते दिल से मैंने दरवाज़ा सखी री, खोल दिया उस रात की बात न पूछ सखी, जब साजन ने खोली मोरी अंगिया! . आते ही साजन ने मुझको अपनी बाँहों में कैद किया […]

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